Technology

यूरोपीय संघ के नियमों के अनुसार ऐप स्टोर नीतियों में बदलाव: Apple ने कम किए फीस और शुल्क

एप्पल ने यूरोपीय संघ में बदले अपने नियम, डेवलपर्स को मिली नई छूट

गुरुवार को एप्पल ने यूरोपीय संघ (EU) में अपने ऐप स्टोर की नीतियों में बड़े बदलावों की घोषणा की। यह कदम EU के डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) के दबाव में उठाया गया है, जिसका उद्देश्य टेक दिग्गजों की बाजार पर पकड़ को सीमित करना और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।

डेवलपर्स को मिले लिंक्स की छूट और कम शुल्क

नए नियमों के तहत, अब डेवलपर्स अपने ऐप्स में अनलिमिटेड लिंक डाल सकेंगे ताकि उपयोगकर्ता बाहरी वेबसाइटों या पेमेंट गेटवे पर जाकर पेमेंट कर सकें। पहले एप्पल इस तरह के निर्देशों पर सख्ती से रोक लगाता था।

अब यदि कोई डेवलपर इन-ऐप परचेज़ के लिए ऐप स्टोर का इस्तेमाल करता है, तो उसे 20% प्रोसेसिंग फीस देनी होगी। छोटे व्यवसायों और स्वतंत्र डेवलपर्स के लिए यह शुल्क 13% तक घटाया गया है

अगर डेवलपर यूजर को ऐप के बाहर भुगतान के लिए भेजता है, तो उसे 5% से 15% के बीच का शुल्क देना होगा, जो कि पहले की तुलना में काफी कम है।

DMA का दबाव और जुर्माने की धमकी

एप्पल का यह कदम मजबूरी में उठाया गया है, क्योंकि DMA के अंतर्गत उल्लंघन पर कंपनी को रोजाना 5 करोड़ यूरो तक का जुर्माना भरना पड़ सकता था। अप्रैल 2024 में भी एप्पल पर 580 मिलियन डॉलर (करीब 50 करोड़ यूरो) का जुर्माना लगाया जा चुका है।

एप्पल ने बयान में कहा:

“यूरोपीय आयोग हमसे ऐप स्टोर में ऐसे कई बदलावों की मांग कर रहा है जिनसे हम सहमत नहीं हैं। हम इन फैसलों के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहे हैं।”

यूरोपीय आयोग का रुख और अगला कदम

यूरोपीय आयोग ने एप्पल द्वारा किए गए इन बदलावों को स्वीकार किया है, लेकिन स्पष्ट किया है कि वे इन सुधारों की बारीकी से समीक्षा करेंगे। उनका कहना है कि यदि एप्पल ने सिर्फ “कागज़ी बदलाव” किए हैं और असल में डेवलपर्स पर नियंत्रण रखा है, तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे।

क्या इसका असर अन्य बाजारों पर भी पड़ेगा?

फिलहाल ये नियम केवल यूरोपीय संघ में लागू होंगे। लेकिन टेक विश्लेषकों का मानना है कि यदि ये बदलाव EU में सफल रहे और डेवलपर्स को राहत मिली, तो अन्य क्षेत्रीय नियामक भी इसी तरह के दबाव डाल सकते हैं—खासकर भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया में।

निष्कर्ष: डेवलपर्स को मिली राहत, लेकिन Apple सतर्क

यह बदलाव डेवलपर्स और कंज़्यूमर्स दोनों के लिए राहत की खबर है। इससे छोटे व्यवसायों को ज़्यादा आज़ादी और कम शुल्क का लाभ मिलेगा। हालांकि, एप्पल अब भी इन नियमों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा है।

बहरहाल, एप स्टोर का भविष्य अब सिर्फ एप्पल के हाथों में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और प्रतिस्पर्धी प्रथाओं पर भी निर्भर करता है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।