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शफाली वर्मा ने सचिन तेंदुलकर से सीखा हर गेंद का सम्मान करना

शफाली वर्मा ने बताया कैसे सचिन तेंदुलकर के वीडियो ने बदला उनका खेल

शफाली वर्मा, जो इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय महिला टीम में वापस लौटी हैं, ने खुलासा किया कि सचिन तेंदुलकर के बल्लेबाजी वीडियो देखने से उन्हें हर गेंद को उसके मेरिट पर खेलने का महत्व समझ में आया।

“पहले मैं हर गेंद से चौका या छक्का मारने की सोचती थी,” शफाली ने बीसीसीआई को बताया, “लेकिन फिर मैंने समझा कि अच्छी गेंद को सम्मान देना भी ज़रूरी है। सचिन सर के टेस्ट पारियों को देखकर मुझे बहुत प्रेरणा मिली।”

आक्रामक से संयमित बल्लेबाजी की ओर

यह बदलाव शफाली के खेल में साफ दिख रहा है। वह अब भी आक्रामक तरीके से खेलती हैं, लेकिन उनकी पसंद थोड़ी अलग हो गई है। पहले जहां वह हर गेंद पर शॉट खेलने को तैयार रहती थीं, वहीं अब वह गेंद को पहचानने की कोशिश करती हैं।

शायद यही वजह है कि पिछले कुछ मैचों में उनका स्ट्राइक रेट थोड़ा कम हुआ है, लेकिन उनकी पारियों में स्थिरता बढ़ी है। और टेस्ट क्रिकेट में यही चीज़ मायने रखती है।

सचिन के वीडियो से सीख

शफाली ने बताया कि उन्होंने खासतौर पर सचिन की टेस्ट पारियों को देखा। “उनमें धैर्य था,” वह कहती हैं, “वह गेंद को पहचानते थे। कभी-कभी वह 20-30 गेंदों तक सिर्फ डिफेंस में खेलते थे, लेकिन जब मौका मिलता, तो रन बटोर लेते थे।”

यह बात शफाली के लिए नई थी। एक ऐसी बल्लेबाज जो T20 क्रिकेट में पली-बढ़ी है, उसके लिए टेस्ट क्रिकेट की इस बारीकी को समझना आसान नहीं था। मुमकिन है कि पहले वह इसे समझ नहीं पातीं, लेकिन अब उन्हें लगता है कि यह ज़रूरी है।

कोच और सीनियर्स का सहयोग

शफाली ने यह भी बताया कि टीम के कोच और सीनियर खिलाड़ियों ने उन्हें इस बदलाव में मदद की। “मुझे बार-बार यही बताया गया कि लंबा खेलने के लिए संयम ज़रूरी है,” वह कहती हैं।

और यह सलाह काम आई। पिछले एक साल में शफाली ने न सिर्फ अपनी बल्लेबाजी में संतुलन लाया है, बल्कि वह अब टीम के लिए और भरोसेमंद नज़र आती हैं।

इंग्लैंड सीरीज की चुनौती

इंग्लैंड के खिलाफ आगामी सीरीज शफाली के लिए बड़ी परीक्षा होगी। इंग्लैंड की पिचें अक्सर गेंदबाज़ों के लिए मददगार होती हैं, और वहां की स्थितियां भारत से काफी अलग हैं।

लेकिन शफाली को लगता है कि अब वह इस तरह की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। “मैंने अपने खेल में बदलाव किए हैं,” वह कहती हैं, “अब मैं हर पारी को उसकी ज़रूरत के हिसाब से खेलने की कोशिश करती हूं।”

भविष्य की योजनाएं

अभी शफाली की उम्र सिर्फ 19 साल है, लेकिन वह पहले से ही टीम की अहम कड़ी हैं। उनका कहना है कि वह अभी और सीखना चाहती हैं।

“मैं हर दिन कुछ नया सीखती हूं,” वह बताती हैं, “चाहे वह नेट प्रैक्टिस हो या मैच की स्थिति। मेरा लक्ष्य टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है।”

तो क्या हम एक और संस्करण देख रहे हैं? शायद। शफाली वर्मा जो पहले सिर्फ धमाकेदार शॉट्स के लिए जानी जाती थीं, अब वह एक संपूर्ण बल्लेबाज बनने की राह पर हैं। और अगर वह इसी तरह से आगे बढ़ती रहीं, तो भारतीय महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए यह एक अच्छा संकेत है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।