लीड्स के मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया टेस्ट मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी रोमांचक फिल्म से कम नहीं था। जब भारत की पहली पारी में स्कोर 430/3 पहुंच गया, तब हर किसी के मन में एक ही सवाल था — क्या बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी का फैसला लेकर गलती कर दी?
मैच के बाद जब स्टोक्स से यही सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया,
“अच्छा हुआ कि टेस्ट क्रिकेट पांच दिन का होता है, है न?”
‘बाजबॉल विद ब्रेन्स’ या सिर्फ मजबूत माइंडसेट?
बीबीसी कमेंट्री में माइकल वॉन ने इंग्लैंड की इस जीत को ‘बाजबॉल विद ब्रेन्स’ कहकर संबोधित किया, यानी आक्रामक खेल के साथ रणनीतिक सूझबूझ। लेकिन बेन स्टोक्स ने इस पर अपनी राय स्पष्ट रखते हुए कहा कि उन्होंने ‘बाजबॉल’ की बजाय टीम की सोच और मानसिकता पर भरोसा किया।
“हमने वही किया जो टीम के लिए सही था। ये जीत सिर्फ शॉट्स और रणनीति की नहीं, बल्कि हमारे ड्रेसिंग रूम की सोच की है।”
स्टोक्स का मानना है कि इंग्लिश खिलाड़ियों ने दबाव के पलों में जिस तरह का प्रदर्शन किया, वो उनकी टीम भावना का नतीजा था। उन्होंने भारत की बल्लेबाज़ी की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस पिच पर रन बनाना आसान नहीं था, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त बैटिंग की।
जब भारत के रन बने तो टॉस पर सवाल उठे
पहली पारी में भारत का स्कोर जब 430/3 तक पहुंच गया था, तो इंग्लैंड की रणनीति पर सवाल उठने लगे। आलोचकों और दर्शकों ने सोशल मीडिया पर टॉस को लेकर बहस शुरू कर दी। लेकिन स्टोक्स ने बाद में बताया कि क्रिकेट में ‘क्या होता अगर’ जैसे सवालों का कोई मतलब नहीं होता।
“आप पिच देखकर एक फैसला लेते हैं। लेकिन खेल में किस्मत, मौके और खिलाड़ी का दिन कैसा है, यह सब मायने रखता है। अगर वो कैच पकड़ लिए जाते जो छूटे, तो शायद मैच पांचवें दिन तक नहीं जाता।”
पूर्व कप्तानों की राय: आत्मविश्वास सबसे बड़ी रणनीति
एलिस्टेयर कुक, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान, ने कहा कि टॉस का फैसला तभी गलत लगता है जब टीम हार जाए। लेकिन अगर आपके खिलाड़ी प्रदर्शन करें तो वही फैसला सही लगता है।
“अगर मैं कप्तान होता और मेरी टीम 430/3 के खिलाफ होती, तो शायद मेरे कुछ साथी मुझे घूर रहे होते। लेकिन यही खेल है — विश्वास और संयम से ही जीत मिलती है।”
इंग्लैंड की वापसी: सिर्फ जीत नहीं, बयान है
इंग्लैंड की यह जीत सिर्फ एक मुकाबले में जीत नहीं थी, बल्कि एक बड़ा बयान था — टीम चाहे कितनी भी मुश्किल में हो, अगर आत्मविश्वास और योजना सही हो तो वापसी मुमकिन है। यह टेस्ट मैच भी यही कहता है कि बाजबॉल का मतलब केवल आक्रामकता नहीं, बल्कि सूझबूझ के साथ आक्रमण करना भी है।
निष्कर्ष
बेन स्टोक्स और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया कि मैदान पर संयम और मानसिक मजबूती से किसी भी स्थिति को बदला जा सकता है। लीड्स टेस्ट की यह जीत आने वाले सीज़न में इंग्लैंड को नई ऊर्जा देगी। और जहां तक टॉस के फैसले का सवाल है — जवाब उन्होंने जीत से दे दिया।