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भारत दौरे से UK-India रिश्तों में नई जान: स्टॉर्मर-मोदी मुलाकात ने खोले व्यापार और तकनीक के नए रास्ते

भारत-यूके रिश्तों में नया अध्याय

14 अक्टूबर 2025: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) का हालिया भारत दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय खोलने वाला साबित हुआ है।
यह दौरा सिर्फ औपचारिक कूटनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें व्यापार, तकनीक और विश्वास जैसे तीन अहम स्तंभों पर भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्टार्मर के बीच नई दिल्ली में हुई मुलाकात को पोस्ट-ब्रेक्जिट दौर की सबसे महत्वपूर्ण बातचीत बताया जा रहा है, जिसने भारत-यूके संबंधों को नई ऊर्जा दी है।

व्यापार और निवेश पर नई रणनीति

बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को जल्द पूरा करने की दिशा में सहमति जताई।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के साथ गहराते आर्थिक संबंध दोनों देशों के लिए “विन-विन सिचुएशन” हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “भारत-यूके साझेदारी केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि वैश्विक विकास की कुंजी है।”

विशेषज्ञों के अनुसार, इस समझौते से मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी।

टेक्नोलॉजी में बढ़ेगा सहयोग

दोनों देशों ने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को भविष्य की साझेदारी का केंद्र बताया है।
स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटेन भारत के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सिक्योरिटी और क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है।

भारत और यूके ने टेक-टैलेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को भी आगे बढ़ाने पर सहमति जताई, जिससे दोनों देशों के युवाओं को रोजगार और कौशल के नए अवसर मिलेंगे।

पोस्ट-ब्रेक्जिट कूटनीति का नया आयाम

स्टार्मर का यह दौरा पोस्ट-ब्रेक्जिट ब्रिटेन की कूटनीतिक नीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है, जहां भारत को एक रणनीतिक और आर्थिक साझेदार के रूप में देखा जा रहा है।
ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, यह यात्रा केवल व्यापारिक रिश्तों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें भरोसे और पारस्परिक सम्मान की नई नींव रखी गई।

ET Edge Insights की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और ब्रिटेन की यह साझेदारी “नए वैश्विक आर्थिक क्रम” के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

वैश्विक मुद्दों पर एकजुटता

दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा (supply chain security) और वैश्विक शांति जैसे मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
मोदी और स्टार्मर ने कहा कि भारत और ब्रिटेन केवल व्यापारिक सहयोगी नहीं, बल्कि “वैश्विक स्थिरता के साझेदार” हैं।

कूटनीति में भरोसे की नई शुरुआत

विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा भारत-यूके रिश्तों को ‘ट्रेड से ट्रस्ट’ की दिशा में आगे ले गया है।
दोनों देशों ने यह संदेश दिया कि उनकी साझेदारी अब मूल्य आधारित वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक बनेगी।

मुख्य बातें (Key Points):

  • ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का भारत दौरा ऐतिहासिक माना जा रहा है।
  • दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीक और विश्वास (Trade, Tech & Trust) पर नई साझेदारी की शुरुआत।
  • पोस्ट-ब्रेक्जिट दौर में भारत-यूके रिश्तों को नई दिशा देने पर जोर।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्टार्मर ने वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।

स्रोत (Sources): The HinduPost, India Narrative, ET Edge Insights, Economic Times Government

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।