Banking, auto, real estate and NBFC sectors will benefit greatly from interest rate cuts: Report
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ब्याज दरों में नरमी से बैंकों, एनबीएफसी, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को मिलेगा बड़ा फायदा: रिपोर्ट

भारत में ब्याज दरों में नरमी का दौर उन क्षेत्रों के लिए सुनहरा अवसर साबित हो सकता है जो दरों के प्रति संवेदनशील हैं, जैसे कि बैंकिंग, एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां), रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर। यह बात नेक्सएज रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे-जैसे उधारी की लागत घट रही है, इन क्षेत्रों में कर्ज प्रवाह बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे फाइनेंसिंग आसान होगी और मांग में भी मजबूती आ सकती है।

“बैंकिंग, एनबीएफसी, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर कम ब्याज दरों के माहौल में सबसे अधिक लाभ पाने की स्थिति में हैं,” रिपोर्ट में कहा गया।

कमजोर महंगाई और बेहतर तरलता ने बनाया सकारात्मक माहौल

नेक्सएज रिसर्च ने यह भी बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था अब एक ऐसे चरण में प्रवेश कर रही है जहां महंगाई नियंत्रण में है और तरलता पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इससे ब्याज दरों के दीर्घकालिक रूप से कम बने रहने की संभावना प्रबल हो जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया, “मनी मार्केट रेट्स और सरकारी बॉन्ड की यील्ड में नरमी आ रही है। दस साल की जी-सेक यील्ड पहले ही कम हो चुकी है, जिससे बॉन्ड की कीमतें बढ़ रही हैं और फिक्स्ड इनकम निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न की संभावना बन रही है।”

आरबीआई की ताजा मौद्रिक नीति में 50 बीपीएस की कटौती

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए इसे 5.50% पर ला दिया है। यह फरवरी 2025 से अब तक की तीसरी लगातार कटौती है और कुल मिलाकर इस साल 100 बेसिस प्वाइंट की राहत दी गई है।

इस निर्णय के बाद स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) की दर 5.25% हो गई है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट 5.75% पर सेट किए गए हैं।

इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों की नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में भी 100 बीपीएस की कटौती की है, जो सितंबर और नवंबर 2025 से चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। इस फैसले से नवंबर तक बैंकिंग सिस्टम में लगभग ₹2.5 लाख करोड़ की अतिरिक्त तरलता आने की उम्मीद है।

ब्याज दर में कटौती से इक्विटी और बॉन्ड बाजार को भी सहारा

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मौजूदा स्थिति में महंगाई 2-6% के आरबीआई लक्ष्य के निचले स्तर के करीब है। साथ ही, केंद्रीय बैंक ने अपनी नीति को ‘न्यूट्रल स्टांस’ पर बनाए रखा है, जिससे भविष्य में और दर कटौती की उम्मीद की जा रही है।

रिपोर्ट कहती है, “गिरती महंगाई और सक्रिय मौद्रिक राहत दोनों ही शेयर बाजार और बॉन्ड बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं। यह निवेशकों के लिए मजबूत माध्यमिक आर्थिक परिदृश्य बना रहा है।”

निष्कर्ष

ब्याज दरों में हो रही कटौती भारत की आर्थिक वृद्धि को नई गति दे सकती है। बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और फाइनेंस कंपनियों के लिए यह समय काफी अनुकूल साबित हो सकता है, जहां वे सस्ते ऋण, बढ़ती मांग और बेहतर रिटर्न का लाभ उठा सकते हैं।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।