चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़: KSCA सचिव और कोषाध्यक्ष ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए दिया इस्तीफा
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 की चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विजय यात्रा का आयोजन बुधवार को एक त्रासदी में बदल गया, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। इस हृदयविदारक हादसे के बाद अब कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों—सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई.एस. जयराम—ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
KSCA अध्यक्ष रघुराम भाट को सौंपे गए अपने त्यागपत्र में दोनों अधिकारियों ने लिखा, “बीते दो दिनों में जो अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटित हुईं, उन्हें देखते हुए, हालांकि हमारी भूमिका सीमित रही, लेकिन नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए हम दोनों ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।”
RCB, KSCA और DNA एंटरटेनमेंट पर एफआईआर
बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को RCB, KSCA और कार्यक्रम आयोजक DNA एंटरटेनमेंट के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की। पुलिस का कहना है कि आयोजकों को इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई थी, बावजूद इसके आयोजन किया गया। RCB को FIR में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
FIR के मुताबिक, पुलिस ने पहले ही चेतावनी दी थी कि दो दिन लगातार बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल होगा, इसलिए कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बावजूद आयोजकों ने सोशल मीडिया पर मुफ्त एंट्री पास की घोषणा की, जिससे हजारों की संख्या में लोग स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गए। भीड़ नियंत्रण की योजना न होने के कारण भगदड़ मच गई और 11 लोगों की जान चली गई।
RCB के अधिकारी की गिरफ्तारी और KSCA का पक्ष
पुलिस ने शुक्रवार को RCB के मार्केटिंग और रेवेन्यू प्रमुख निखिल सोसाले को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई राज्य सरकार के दबाव में की गई, ऐसा KSCA का कहना है। KSCA ने इसे एक “आवेगपूर्ण निर्णय” बताया और कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।
KSCA का कहना है कि कार्यक्रम के गेट और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी उनकी नहीं थी, बल्कि RCB, आयोजकों और पुलिस की थी। उनके वकील ने सोसाले की गिरफ्तारी को “टारगेटेड” करार दिया और इसे न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया।
मुआवजा और अगली कार्रवाई
RCB फ्रेंचाइज़ी ने मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है, साथ ही घायलों का पूरा इलाज खर्च उठाने का वादा भी किया है। सरकार ने पहले ही इस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं और रिपोर्ट 15 दिनों में मांगी है।
निष्कर्ष:
RCB के ऐतिहासिक जीत के जश्न का ऐसा दुखद अंत किसी ने नहीं सोचा था। KSCA के शीर्ष अधिकारियों का इस्तीफा भले ही नैतिक जिम्मेदारी के तहत हो, लेकिन यह घटना क्रिकेट और प्रशंसकों के बीच विश्वास पर एक गंभीर सवाल छोड़ गई है। अब देखना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया किस दिशा में जाती है और आगे आयोजनों के लिए क्या नए दिशा-निर्देश तय किए जाते हैं।