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ईरान-अमेरिका तनाव के बीच तेल की कीमतों में गिरावट: होर्मुज जलडमरूमध्य का खतरा क्यों नहीं बढ़ा?

तेल की कीमतों में गिरावट: क्या इजरायल-ईरान तनाव कम हो रहा है?

ईरान ने कतर में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल दागे, लेकिन तेल की कीमतों में अचानक गिरावट आई। यह देखकर शुरू में हैरानी हो सकती है—आखिर पूरे पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ रहा है, फिर बाजार इतना शांत क्यों है? लेकिन तेल व्यापारियों को लगता है कि ईरान ने जानबूझकर अपने हमले को सीमित रखा। उनका मानना है कि तेहरान होर्मुज की खाड़ी को बंद करने या तेल की आपूर्ति को निशाना बनाने की हिम्मत नहीं करेगा।

और शायद वे सही थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की घोषणा की। हालांकि दोनों देशों ने आधिकारिक तौर पर इसे स्वीकार नहीं किया है, लेकिन लगता है कि अभी और हमले नहीं होंगे। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास आराघची ने कहा कि अगर इजरायल हमले बंद कर दे, तो ईरान का भी कोई इरादा नहीं है।

बाजार का रुख: डर कम, भरोसा ज्यादा

ईरान के मिसाइल हमले के बाद तेल की कीमतें गिरने लगीं, और पिछले कुछ हफ्तों का लाभ खत्म हो गया। ट्रंप के युद्धविराम के बयान ने इस गिरावट को और तेज कर दिया। ब्रेंट क्रूड की कीमत अभी लगभग 68 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है। इजरायल-ईरान तनाव के दौरान कीमतों में उतार-चढ़ाव जरूर आया—ब्रेंट 69 डॉलर से बढ़कर 81 डॉलर तक पहुंच गया था—लेकिन जब ईरान ने होर्मुज की खाड़ी को बंद करने की धमकी दी, तब भी बाजार में कोई बड़ी हलचल नहीं हुई।

शायद इसलिए कि बाजार को पता था—ईरान ऐसा कर ही नहीं सकता।

होर्मुज की खाड़ी: द

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।