KPIT Technologies ने स्वीडन में शुरू किया नया टेक्नोलॉजी सेंटर – मोबिलिटी का भविष्य अब और करीब
मुंबई, 23 मई 2025 – भारत की अग्रणी ऑटोमोटिव सॉफ्टवेयर कंपनी KPIT Technologies ने स्वीडन के गोथेनबर्ग शहर में अपना नया टेक्नोलॉजी सेंटर लॉन्च किया है। यह कदम न केवल कंपनी के ग्लोबल एक्सपैंशन का हिस्सा है, बल्कि मोबिलिटी इनोवेशन की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। खास बात यह है कि KPIT का यह पहला सेंटर है जो नॉर्डिक रीजन में खोला गया है।
क्यों खास है गोथेनबर्ग और Lindholmen Science Park?
KPIT का नया सेंटर Lindholmen Science Park में स्थित है, जो स्वीडन का मोबिलिटी और ऑटोमोटिव R&D का हॉटस्पॉट माना जाता है। यहाँ Volvo जैसी दिग्गज कंपनियों के हेडक्वार्टर हैं, साथ ही स्टार्टअप्स, रिसर्च संस्थान और विश्वविद्यालयों का एक इनोवेशन नेटवर्क भी है।
यह लोकेशन KPIT को यूरोपीय ऑटोमोटिव कंपनियों के करीब लाती है और सहयोग को अधिक तेज और कुशल बनाती है।
क्या बोले KPIT के प्रेसिडेंट?
KPIT Technologies के प्रेसिडेंट और जॉइंट एमडी सचिन टिकेकर ने कहा:
“हमारा लक्ष्य है एक क्लीन, स्मार्ट और सेफ मोबिलिटी वर्ल्ड बनाना। स्वीडन इस दिशा में सबसे आगे है और हम वहाँ की इनोवेशन क्षमता का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि इस सेंटर से वे सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर डिज़ाइन और इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस के ज़रिए यूरोप की दिग्गज कंपनियों की समस्याएं हल करेंगे।
कैसे काम करेगी यह टेक्नोलॉजी?
KPIT सॉफ्टवेयर-डिफाइन्ड व्हीकल्स (SDVs) पर काम करता है – यानी ऐसे वाहन जो हार्डवेयर से ज़्यादा सॉफ्टवेयर पर निर्भर होते हैं। इसमें ऑटोमैटिक ड्राइविंग सिस्टम, बैटरी मैनेजमेंट, कनेक्टेड व्हीकल्स, AI-बेस्ड सेंसिंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे मॉड्यूल शामिल हैं।
KPIT के पास 13,000 से ज़्यादा इंजीनियर्स हैं जो दुनियाभर में अगली पीढ़ी के ऑटोमोटिव सॉल्यूशंस पर काम कर रहे हैं – अमेरिका, जापान, चीन, थाईलैंड, ट्यूनिशिया और भारत में।
यूरोप में क्यों बढ़ा रहा है KPIT अपनी मौजूदगी?
KPIT पहले से ही फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूके जैसे देशों में मौजूद है। स्वीडन की एंट्री कंपनी की यूरोपीय रणनीति को मजबूत करती है और उसे वहां के स्थानीय टैलेंट और R&D से जोड़ती है।
यह कदम न केवल इनोवेशन में मदद करेगा, बल्कि ऑटो इंडस्ट्री में भारत की भूमिका को भी ग्लोबल लेवल पर बढ़ाएगा।
गोथेनबर्ग प्रशासन भी खुश
Patrik Andersson, जो Business Region Göteborg के CEO हैं, उन्होंने KPIT के इस इन्वेस्टमेंट को “गोथेनबर्ग के लिए स्ट्रैटेजिकली इम्पोर्टेंट” बताया।
उन्होंने कहा:
“KPIT जैसी कंपनी का यहां आना दिखाता है कि हमारी सिटी सॉफ्टवेयर-डिफाइंड मोबिलिटी के लिए एक ग्लोबल हब बन चुकी है।”
क्या बोले पब्लिक और एक्सपर्ट्स?
टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। भारतीय कंपनी की स्वीडन में मौजूदगी यह दर्शाती है कि अब भारत सिर्फ आउटसोर्सिंग हब नहीं, बल्कि मोबिलिटी इनोवेशन में भागीदार बन चुका है।
LinkedIn और Twitter पर KPIT की इस डील की जमकर तारीफ हो रही है। एक यूज़र ने लिखा:
“भारतीय टेक्नोलॉजी अब यूरोप की सड़कों पर दौड़ेगी!”
निष्कर्ष: मोबिलिटी के भविष्य में भारत की अहम भूमिका
KPIT Technologies का यह नया टेक्नोलॉजी सेंटर न केवल कंपनी के ग्लोबल एक्सपैंशन की गवाही देता है, बल्कि भारत की इनोवेशन क्षमता को भी इंटरनेशनल स्टेज पर रखता है।
जब भारत की कंपनियां स्वीडन जैसे देशों में इनोवेशन सेंटर खोल रही हैं, तो यह केवल व्यापार नहीं – विश्वास का प्रतीक है।
भारत अब सिर्फ पीछे से चलने वाला नहीं, बल्कि मोबिलिटी के भविष्य को दिशा देने वाला देश बन रहा है। KPIT की यह पहल उसी बदलाव की एक झलक है।