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Kabeer Biswas ने Flipkart Minutes से किया इस्तीफा – एक साल से भी कम समय बाद ‘क्विक कॉमर्स’ में हाई-स्टेक मोड़

बेंगलुरु / नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: ई-कॉमर्स दिग्गज Flipkart की 10-मिनट डिलीवरी यूनिट Flipkart Minutes के वरिष्ठ उपाध्यक्ष Kabeer Biswas ने अपनी भूमिका से इस्तीफा दे दिया है, जिन्हें शामिल हुए हुए अभी सिर्फ 10-11 महीने ही हुए थे। इस कदम ने क्विक-कॉमर्स सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और नेतृत्व स्थिरता को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

मुख्य बातें

  • Kabeer Biswas ने 2025 की शुरुआत में Flipkart Minutes में शामिल होकर क्विक-कॉमर्स के नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाली थी।
  • आज Biswas ने उसी उपाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा सौंपा – मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने लगभग एक वर्ष (10-11 महीने) अपनी भूमिका में कार्य किया।
  • Biswas की नियुक्ति उस समय हुई थी, जब Flipkart ने अपने क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Minutes को तेजी से विस्तार देने का निर्णय लिया था।

इस बदलाव ने Flipkart Minutes के लिए नेतृत्व-अनिश्चितता को उजागर किया है – एक ऐसे समय में जब क्विक-कॉमर्स भारत के सबसे तेजी से बढ़ते रिटेल सेक्टरों में से एक है।
उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम संकेत हो सकता है कि क्विक-कॉमर्स मॉडल अभी भी लाभ और स्थिरता तक पहुंचने की कोशिश में है।

क्या हुआ

Kabeer Biswas, जो पहले भारतीय स्टार्टअप Dunzo के सह-संस्थापक थे, जनवरी 2025 में Flipkart Minutes के संचालन प्रमुख के रूप में शामिल हुए थे।
उनके कार्यकाल में Flipkart Minutes ने कई रणनीतिक कदम उठाए – जैसे कि डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार, 10-15 मिनट डिलीवरी मॉडल पर जोर, और महंगे इलेक्ट्रॉनिक्सघरेलू सामानों जैसी श्रेणियों का चयन।

लेकिन अब अचानक Biswas का इस्तीफा सामने आया है। Flipkart ने इस पर कोई विस्तृत टिप्पणी नहीं की है।

प्रमुख तथ्य / आँकड़े

  • क्विक-कॉमर्स सेक्टर भारत में $6.1 अरब से बढ़कर $40 अरब तक पहुंचने की संभावना रखता है।
  • Dunzo, जहाँ Biswas पहले थे, ने FY23 में करीब ₹1,801 करोड़ का घाटा दर्ज किया था – जो इस सेक्टर में लाभप्राप्ति की चुनौतियों को दर्शाता है।
  • Flipkart Minutes का लक्ष्य 150+ डार्क स्टोर खोलने का था; इतनी बड़ी निवेश प्रतिबद्धता के लिए संचालन और नेतृत्व का स्थिर होना बेहद जरूरी है।

Biswas के इस्तीफे के बाद Flipkart Minutes के सामने अब नए नेतृत्व की तत्काल आवश्यकता दिख रही है।

बयान और प्रतिक्रियाएँ

उद्योग सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि इस फैसले के पीछे “क्विक-कॉमर्स की वित्तीय चुनौतियाँ और संचालन दबाव” हो सकते हैं।
एक इंडस्ट्री एनालिस्ट ने कहा:

“जब कोई शीर्ष अधिकारी सिर्फ 10-11 महीनों में ही नेतृत्व छोड़ देता है, तो यह संकेत है कि मॉडल पर दबाव है – चाहे वह लागत, लॉजिस्टिक्स या लाभप्राप्ति से जुड़ी चुनौतियाँ हों।”

Flipkart Minutes ने बयान जारी कर बताया कि Kunal Gupta अब Biswas की जगह संभालेंगे और अगले चरण की रणनीति तैयार की जा रही है।

वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा

अब Flipkart Minutes के सामने दो मुख्य चुनौतियाँ हैं:

  1. संचालन और नई नियुक्ति को शीघ्र और प्रभावी ढंग से पूरा करना।
  2. क्विक-कॉमर्स मॉडल की लाभप्राप्ति की दिशा में ठोस राह तय करना।

विश्लेषकों की नजर अब इस बात पर होगी कि नया नेतृत्व किस तरह डार्क स्टोर नेटवर्क, इन्वेंटरी मैनेजमेंट, और उपभोक्ता प्रतिधारण (consumer retention) जैसी चुनौतियों से निपटता है।
अगर Flipkart Minutes अगले छह महीनों में मॉडल की स्थिरता नहीं दिखा पाता, तो यह न सिर्फ कंपनी बल्कि पूरे क्विक-कॉमर्स उद्योग के लिए चेतावनी हो सकती है।

संदर्भ / पृष्ठभूमि: क्यों यह घटना मायने रखती है

क्विक-कॉमर्स को भारत का अगला “ग्रोथ इंजन” माना जा रहा है – जहाँ उपभोक्ता 15 मिनट या उससे कम समय में किराना, उपहार, या इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी वस्तुएँ चाहते हैं।
Flipkart Minutes इस दिशा में एक बड़ा कदम था, लेकिन इसके लिए भारी निवेश, मजबूत लॉजिस्टिक नेटवर्क और कुशल संचालन की आवश्यकता थी।
Biswas का इस्तीफा इस बात का संकेत है कि जहाँ अवसर बड़ा है, वहीं संचालन लागत, इन्फ्रास्ट्रक्चर, और लाभप्राप्ति मॉडल जैसी चुनौतियाँ भी उतनी ही गहरी हैं।

यह घटना यह भी दिखाती है कि भारत में स्टार्टअप से लेकर बड़े प्लेटफॉर्म तक – नेतृत्व स्थिरता और रणनीतिक निरंतरता कितनी अहम है। इनके असंतुलन से पूरा मॉडल धीमा पड़ सकता है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।