अमरीका/भारत, 12 नवंबर 2025: कैलिफ़ोर्निया स्थित टेक दिग्गज Apple ने अपनी नए अल्ट्रा-थिन स्मार्टफोन iPhone Air के कमजोर बाजार रिस्पांस के चलते आगामी मॉडल iPhone Air 2 की लॉन्चिंग को–कम से–कम निर्धारित समय पर नहीं उतारने का फैसला किया है। इस निर्णय का संकेत कंपनी की स्मार्टफोन रणनीति में बदलाव का है।
मुख्य बातें
- iPhone Air का अगला मॉडल शरद-2026 में लांच करने की योजना थी, जिसे अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
- बिक्री अपेक्षा से काफी कम रही; विश्लेषकों ने इसे कंपनी के प्रमुख स्मार्टफोन रणनीति में अस्थिरता का संकेत कहा है।
- आपूर्ति-शृंखला में कटौती के संकेत मिले: प्रमुख सहायक कंपनियों में उत्पादन लाइनों को कम या बंद किया जा रहा है।
- iPhone Air की बजाए कंपनी अब अपने मुख्य iPhone Pro श्रेणी एवं अन्य उत्पादों पर फोकस कर सकती है।
- इस बदलाव का असर सिर्फ Apple तक सीमित नहीं होगा – स्मार्टफोन मार्केट, प्रतिस्पर्धा और सप्लाई-चेन रणनीतियों पर भी प्रभाव पड़ेगा।
क्या हुआ है
Apple ने सितंबर 2025 में iPhone Air लॉन्च किया था – यह कंपनी का अब तक का सबसे पतला iPhone था, जो “हवाई” अनुभव देने की स्थिति में पेश किया गया।
लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार यह बिक्री के मामले में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाया। इसके बाद, अगस्त-नवंबर में Apple ने अपनी सप्लाई-चेन को संकेत दिया कि अगले मॉडल की समयसीमा पर पुनर्विचार किया जा रहा है।
रायटर्स की रिपोर्ट में कहा गया कि “Apple will not release the next version of the iPhone Air in the fall of 2026 as previously planned, amid weak sales.”
प्रमुख तथ्य एवं डेटा
- iPhone Air को पतला डिजाइन देने के साथ कुछ ट्रेड-ऑफ दिए गए थे – जैसे बैटरी क्षमता कम होना और कैमरा सेटअप सीमित होना।
- चीन में इसे सिर्फ eSIM-सक्षम वेरिएंट के रूप में पेश किया गया था, फिजिकल SIM ट्रे नहीं था – इससे उत्पादन को भी चुनौतियाँ मिलीं।
- प्रमुख निर्माण पार्टनर Foxconn तथा Luxshare ने कहा गया है कि iPhone Air की उत्पादन लाइनों में कटौती की गई है; Foxconn ने अधिकांश लाइनों को बंद करने की योजना बनाई है।
- मॉडल को लगभग 999 डॉलर से शुरू किया गया था, जो उस कीमत-शीर्ष पर था जहाँ ग्राहकों को बड़े बजट वाले iPhone Pro मॉडल मिले थे। इस तुलना में मूल्य-प्रस्ताव (‘value proposition’) कमजोर रहा।
प्रतिक्रियाएँ / बयान
Apple ने अभी तक इस रिपोर्ट पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘क़ाम-नर्शील’ मॉडल Apple के लिए एक याद दिलाने जैसा है – कि डिज़ाइन और बाज़ार-आकर्षण जितना महत्वपूर्ण हैं, उतना ही मूल्य, सुविधाएँ और समय पर उपलब्धता भी मायने रखते हैं।
सप्लाई-चेन विश्लेषक बताते हैं कि जब उत्पादन लाइनों में अचानक कटौती होती है, तो यह संकेत होता है कि कंपनियाँ आगे की योजनाओं को जोखिम भरा समझ रही हैं।
वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा
– iPhone Air 2 का निर्माण कार्य पूरी तरह बंद नहीं हुआ है, लेकिन इसे अब शरद-2026 के बजाय वसंत-2027 या उसके बाद लॉन्च किए जाने की संभावना है।
– Apple अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रहा है – क्या पतला स्मार्टफोन प्रतिद्वंद्वी-मॉडल के रूप में सफल हो सकता है, या कंपनी को Pro-लाइनअप और ‘साधारण’ iPhone मॉडल पर अधिक ध्यान देना होगा।
– भारत जैसे महत्वपूर्ण बाजार में Apple की उपलब्धता एवं सप्लाई-स्थिति पर भी यह निर्णय असर डाल सकता है, क्योंकि भारत में iPhone उत्पादन एवं बिक्री को बढ़ावा देने की दिशा में बढ़ रहा है।
– प्रतिद्वंदी कंपनियों जैसे Samsung, Xiaomi आदि के लिए यह मौका है कि वे मध्यम-उच्च श्रेणी के स्मार्टफोन सेक्टर में और मजबूती दिखा सकें।
संदर्भ/पृष्ठभूमि: क्यों महत्वपूर्ण है यह घटना
Apple का iPhone Air मॉडल एक महत्वपूर्ण प्रयोग था – मोटे तौर पर यह सिग्नल था कि कंपनी पतले, हल्के डिवाइसों की ओर भी बढ़ना चाहती है, जो डिजाइन-प्रेमी ग्राहकों को आकर्षित करे। ऐसे में इसे Apple की स्मार्टफोन रणनीति का अगला व्यापक कदम माना जा रहा था।
लेकिन इस मॉडल के कमजोर प्रदर्शन ने यह संकेत दिया कि बाज़ार में सिर्फ पतलापन और हल्कापन ही नहीं, बल्कि बैटरी-लाइफ, कैमरा-क्वालिटी और कीमत-अनुपात (price-to-performance) भी बहुत मायने रखते हैं।
देशों जैसे भारत में जहाँ स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और लागत-सचेत विकल्प महत्वपूर्ण हैं, Apple का यह निर्णय वहाँ की मार्केट रणनीति के लिए भी अहम हो जाता है।
इसके अलावा, यह घटना Apple के सप्लाई-चेन, निर्माण भागीदारों (manufacturing partners) और वार्षिक मॉडल लॉन्च चक्र (annual release cycle) की स्थिरता पर सवाल खड़ी करती है – Apple द्वारा प्रतिवर्ष नए मॉडल लाने का सपना प्रभावित हो सकता है।
अत: इस खबर का असर सिर्फ Apple तक सीमित नहीं; स्मार्टफोन उद्योग के रणनीतिक रुझानों, प्रतिस्पर्धा-परिस्थितियों और उपभोक्ता प्राथमिकताओं-पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।
स्रोत: thehindu, livemint






