मुंबई, 23 मई 2025 – जब देश ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपनों को साकार करने की ओर बढ़ रहा है, तब एक बड़ी खबर ने पूरे रक्षा और व्यापार जगत को चौंका दिया है। अनिल अंबानी की Reliance Defence ने जर्मनी की दिग्गज रक्षा कंपनी Rheinmetall AG के साथ हाथ मिलाया है, और इस साझेदारी का असर सिर्फ भारत की सुरक्षा पर नहीं, बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर भी साफ दिखाई देने वाला है।
महाराष्ट्र में बनेगा गोला-बारूद का ‘डिफेंस सिटी’
इस डील के तहत महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले के वाटाड इंडस्ट्रियल एरिया में एक हाई-टेक ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बनेगी। यह प्लांट हर साल करीब 2 लाख आर्टिलरी शेल्स, 10,000 टन विस्फोटक और 2,000 टन प्रोपेलेंट्स बनाएगा। इसे Dhirubhai Ambani Defence City (DADC) नाम दिया गया है – एक नाम जो सिर्फ बिज़नेस नहीं, देशभक्ति की भावना को भी दर्शाता है।
Reliance Group का कहना है कि यह प्रोजेक्ट प्राइवेट सेक्टर द्वारा देश में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब होगा।
क्या है Rheinmetall AG, और क्यों है ये डील खास?
आपने Leopard 2A7 टैंक का नाम सुना होगा – दुनिया के सबसे एडवांस्ड और शक्तिशाली टैंकों में से एक। इसे बनाने वाली कंपनी है Rheinmetall AG। EUR 80 बिलियन की इस जर्मन कंपनी के साथ अब भारत की साझेदारी सिर्फ तकनीक की नहीं, आत्मनिर्भरता की भी कहानी बन गई है।
Rheinmetall ना केवल भारत के लिए जरूरी कच्चा माल सप्लाई करेगा, बल्कि Reliance Defence के साथ मिलकर एक्सपोर्ट मार्केट के लिए भी प्रोडक्ट्स बनाएगा। मतलब – अब भारत सिर्फ खरीदने वाला नहीं, दुनिया को बेचने वाला भी बनेगा।
अंबानी बोले – “ये भारत के लिए टर्निंग पॉइंट है”
अनिल अंबानी ने इस मौके पर कहा,
“हम Rheinmetall AG जैसे ग्लोबल लीडर के साथ साझेदारी करके गर्व महसूस कर रहे हैं। ये पार्टनरशिप न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि देश को दुनिया के टॉप डिफेंस एक्सपोर्टर्स में लाने में मदद करेगी।”
उन्होंने ये भी बताया कि ये प्रोजेक्ट सिर्फ व्यवसायिक रणनीति नहीं है, बल्कि मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत विज़न की दिशा में एक मजबूत कदम है।
पाकिस्तान को क्यों हो रही है बेचैनी?
इस डील से भारत जहां तेजी से रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर हो रहा है, वहीं पाकिस्तान की नींदें उड़ चुकी हैं। चीन पर निर्भर रहने वाला पाकिस्तान पहले ही आर्थिक और सैन्य चुनौतियों से जूझ रहा है। अब भारत में जब इतने बड़े पैमाने पर गोला-बारूद और बारूद बनने लगेगा, तो उसका तनाव और बढ़ना तय है।
सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर कह रहे हैं –
“अब सिर्फ बातें नहीं, अब बारूद भी भारत में बनेगा!”
पब्लिक रिएक्शन: सोशल मीडिया पर छाया ‘डिफेंस वाला अंबानी’
जहां अनिल अंबानी को लेकर बीते कुछ सालों में सवाल उठते रहे, वहीं इस डील के बाद उनकी छवि में जबरदस्त बदलाव दिखा है। ट्विटर पर ‘#DefenceAmbani’, ‘#MakeInIndia’ और ‘#DADC’ ट्रेंड करने लगे।
एक यूज़र ने लिखा –
“जिस अंबानी को लोग भुला चुके थे, वो अब भारत के लिए डिफेंस पावर बनकर उभर रहा है!”
निवेश और रोज़गार: देश को मिलेगा डबल फायदा
इस मेगा प्रोजेक्ट से न सिर्फ रक्षा क्षेत्र को फायदा होगा, बल्कि हज़ारों लोगों को रोज़गार मिलेगा। स्थानीय स्तर पर निर्माण, एक्सपोर्ट और स्किल डेवलपमेंट के नए अवसर खुलेंगे।
सरकार का लक्ष्य 2029 तक डिफेंस एक्सपोर्ट में ₹50,000 करोड़ का आंकड़ा छूना है – और यह फैक्ट्री उस मिशन को गति देने जा रही है।
निष्कर्ष: एक डील, कई संदेश
Rheinmetall और Reliance Defence की यह साझेदारी भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। यह सिर्फ एक डिफेंस डील नहीं, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर बनने की कहानी का नया चैप्टर है।
अनिल अंबानी की इस वापसी में सिर्फ कॉर्पोरेट सफलता नहीं, बल्कि देशभक्ति का भाव भी झलकता है – और शायद यही वजह है कि यह खबर आज हर भारतीय के दिल को छू रही है।
भारत तैयार है… आत्मनिर्भरता के हथियारों से सुसज्ज हो कर दुनिया में अपनी नई पहचान बनाने के लिए।