रबाडा समेत कई साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी IPL प्लेऑफ़ से होंगे बाहर? कोच का दो टूक जवाब: “हमें खिलाड़ी वापस चाहिए!”
IPL के फैंस के लिए एक झटका देने वाली खबर सामने आ रही है। जैसे-जैसे प्लेऑफ़ की तारीख नज़दीक आ रही है, वैसे-वैसे साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों की उपलब्धता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। साउथ अफ्रीका के हेड कोच शुक्री कॉनराड ने साफ़-साफ़ कह दिया है कि उन्हें अपने खिलाड़ी 26 मई तक वापस चाहिए—बिना किसी बहाने के।
क्यों मच गया है इतना बवाल?
दरअसल, IPL का शेड्यूल इस बार थोड़ा हिला-डुला है। भारत-पाक टकराव की वजह से लीग एक हफ्ते के लिए रुकी थी। अब प्लेऑफ़ 29 मई से शुरू होकर फाइनल 3 जून को खेला जाएगा। लेकिन साउथ अफ्रीका के लिए ये वही वक्त है जब उन्हें अपनी टेस्ट टीम को WTC फाइनल के लिए तैयार करना है।
कोच कॉनराड का कहना है, “हम अपनी योजना से एक इंच भी नहीं हट रहे। खिलाड़ियों को 26 मई तक वापस आना ही होगा। उम्मीद है, IPL टीमें भी इसे समझेंगी।”
किन खिलाड़ियों पर असर पड़ेगा?
इस फैसले का सीधा असर उन खिलाड़ियों पर होगा जो इस समय IPL में धूम मचा रहे हैं। सबसे बड़ा नाम है कैगिसो रबाडा, जो पंजाब किंग्स के लिए मैदान में उतरे हैं। उनके अलावा मार्को यान्सन (सनराइजर्स हैदराबाद) और ट्रिस्टन स्टब्स (मुंबई इंडियंस) भी WTC स्क्वाड में शामिल हैं।
अगर ये सभी 26 मई को लौटते हैं, तो इनके बिना उनकी IPL टीमों को प्लेऑफ़ और फाइनल जैसे बड़े मैचों में उतरना पड़ेगा—जो निश्चित तौर पर मुश्किल भरा होगा।
CSA का साफ़ रुख: “देश पहले”
क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) के नेशनल टीम्स डायरेक्टर एनोच नक्वे ने भी इस मुद्दे पर सख़्ती दिखाई। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “WTC फाइनल हमारी प्राथमिकता है। IPL चाहे जितना भी बड़ा मंच हो, लेकिन देश के लिए खेलना सबसे ऊपर है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि IPL और BCCI से बातचीत चल रही है, लेकिन मूल प्लान में बदलाव नहीं होगा।
WTC फाइनल की अहमियत
साउथ अफ्रीका ने WTC के इस चक्र में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। 12 में से 8 मुकाबले जीतकर उन्होंने टॉप दो में अपनी जगह बनाई। खास बात यह रही कि उन्होंने आखिरी 7 मैच लगातार जीतकर सबको चौंका दिया।
अब वे 3 से 6 जून तक ज़िम्बाब्वे के खिलाफ एक प्रैक्टिस मैच खेलेंगे और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में भिड़ेंगे।
IPL फैंस के लिए यह दिल तोड़ने वाली खबर
IPL फैंस को शायद यह फैसला थोड़ा अखर सकता है। रबाडा जैसे बॉलर के बिना पंजाब किंग्स की गेंदबाज़ी कमजोर लग सकती है। वहीं मार्को यान्सन की ऑलराउंड परफॉर्मेंस और स्टब्स की विस्फोटक बैटिंग मिस हो सकती है।
लेकिन यही क्रिकेट का सच है—IPL भले ही ग्लैमर से भरा हो, लेकिन देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है।
क्या कोई बीच का रास्ता निकलेगा?
फिलहाल तो CSA का रुख बहुत स्पष्ट है। अगर BCCI और फ्रेंचाइज़ियाँ दबाव बनाएं तो शायद कोई समाधान निकले, लेकिन साउथ अफ्रीकी कोचिंग स्टाफ और बोर्ड देश के पक्ष में अड़े हुए हैं।
निष्कर्ष:
IPL और इंटरनेशनल क्रिकेट के बीच ये टकराव नया नहीं है, लेकिन इस बार WTC फाइनल जैसे बड़े मौके पर यह और भी गंभीर हो गया है। फैंस को शायद कुछ बड़े नाम प्लेऑफ़ में न दिखें, लेकिन यही प्रोफेशनल क्रिकेट की सच्चाई है। अब देखना ये होगा कि क्या IPL टीमें इस झटके से उबर पाएंगी या उन्हें नए हीरो खोजने होंगे।