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Vodafone Idea Ltd का घाटा घटा – Q2 में 6 हज़ार करोड़ से कम, शेयरों में 6 %+ की छलांग

नई दिल्ली, 12 नवंबर 2025: देश की तीसरी बड़ी दूरसंचार कंपनी Vodafone Idea ने तिमाही में टूटते घाटे को घटा कर निवेशकों को राहत दी है। Q2 FY26 में नेट लॉस ₹5,524 करोड़ रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹7,176 करोड़ था। घाटे में कमी के साथ शेयरों में 6 % से अधिक की तेजी आई है।

मुख्य बातें

  • Q2 FY26 में नेट लॉस ₹5,524 करोड़, साल-पहले की तुलना में लगभग ₹1,652 करोड़ कम।
  • परिचालन ­राजस्व 2.4 % बढ़कर ₹11,195 करोड़ हुआ, ₹10,932 करोड़ था।
  • ग्राहक औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) बढ़कर ₹180 हुआ, पिछले वर्ष की इसी तिमाही में ₹166।
  • बैंक ऋण पर वित्तीय लागत करीब 27 % घटकर ₹4,784 करोड़ हुई, बैंक­ऋण घटने का प्रभाव।
  • हालांकि कुल लंबित देनदारी ₹2.02 लाख करोड़ से अधिक बनी हुई है, जिसमें प्रमुख रूप से स्पेक्ट्रम और AGR (समायोजित सकल राजस्व) बकाया शामिल है।

क्या हुआ

Vodafone Idea ने Q2 FY26 (अप्रैल-सितंबर) में अपनी वित्तीय रिपोर्ट जारी की, जिसमें कंपनी ने नेट लॉस को ₹5,524 करोड़ तक सीमित कर लिया – यह पिछले साल की उसी तिमाही के ₹7,176 करोड़ के नुकसान की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है।

शेयर-बाजार में इस खबर का तत्काल असर हुआ, कंपनी के शेयर ने निवेशकों में उम्मीद जगते ही एक दिन में करीब 6 % की तेजी दिखाई।

प्रमुख तथ्य-डेटा

  • परिचालन राजस्व: ₹11,194.7 करोड़ (वर्षाना +2.4 %)।
  • ARPU: ₹180, पूर्व वर्ष की तुलना में +8.7 %।
  • बैंक ऋण वित्त लागत: घटकर ₹4,784 करोड़; बैंक ऋण ₹1,542 करोड़ (पिछले वर्ष ₹3,250 करोड़)।
  • कुल देनदारी: लगभग ₹2.02 लाख करोड़ (30 सितंबर 2025 तक)।
  • सब्सक्राइबर अंक: कुल ~196.7 मिलियन, 4G/5G उपभोक्ता ~127.8 मिलियन।

वक्ताओं की प्रतिक्रियाएँ

कंपनी के सीईओ अभिजित किशोर ने कहा है कि इस तिमाही में लागत नियंत्रण एवं ‘टैरिफ’ बढ़ोतरी ने भूमिका निभाई है। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि लंबी अवधि में बकाया AGR एवं स्पेक्ट्रम देनदारी का समाधान सरकार-सहयोग से ही संभव है।

विश्लेषक यहाँ न केवल सुधार को सकारात्मक देख रहे हैं, बल्कि यह मान रहे हैं कि कंपनी का अस्तित्व इस वर्ष कहीं ज्यादा इस बात पर निर्भर होगा कि सरकार उसकी AGR देनदारी को कितनी राहत देती है।

वर्तमान स्थिति / अगला क्या है

Vodafone Idea ने घाटे को घटाया है, लेकिन यह अभी भी भारी ऋण-बोझ के दबाव में है। अगले कुछ महीनों में निम्न-प्रमुख बिंदुओं पर निगाह बनी रहेगी:

  • सरकार द्वारा AGR और स्पेक्ट्रम देनदारियों पर आगे की नीति फैसला।
  • नए फंडिंग स्रोत (बैंक, एनबीएफसी) से कैपेक्स जारी करना ताकि नेटवर्क विस्तार (4G/5G) में गति मिले।
  • ग्राहक आधार में स्थिरता और ARPU में वृद्धि – यदि वृद्धि नहीं हुई तो प्रतिस्पर्धियों द्वारा बढ़ाए गए नेटवर्क लाभ को रोकना मुश्किल होगा।
  • शेयर-बाजार और निवेशकों की नजर में सुधार को आगे बढ़ाने का भरोसा।

संदर्भ / पृष्ठभूमि: क्यों यह ख़बर मायने रखती है

भारत के दूरसंचार क्षेत्र में Bharti Airtel और Reliance Jio Infocomm के साथ Vodafone Idea तीसरा प्रमुख खिलाड़ी है। यदि यह कंपनी बाजार से बाहर हो जाती है, तो प्रतिस्पर्धा कमजोर होगी – परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को कम विकल्प, अधिक टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, AGR (Adjusted Gross Revenue) वादे ने लंबे समय से दूरसंचार कंपनियों को आर्थिक दबाव में रखा है। सुप्रीम कोर्ट की हालिया स्पष्टता ने यहां कुछ राहत दी है- कि सरकार AGR बकाया राशि फिर से देख सकती है।

नेटवर्क अपडेट, 5G रोल-आउट एवं आपूर्ति-चैनलों की चुनौतियों के बीच Vodafone Idea की स्थिति बेहतर होने से न केवल कंपनी को बल्कि पूरे टैलेकॉम-इकोसिस्टम को उम्मीद मिली है कि “तीन-खिलाड़ी” वाली प्रतिस्पर्धात्मक संरचना बनी रह सकती है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।