वियान मल्डर के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन के बाद भी सवालों के घेरे में
बुलावायो में जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के स्टैंड-इन कप्तान वियान मल्डर ने शानदार पदार्पण किया। लेकिन 367 रन बनाकर पारी घोषित करने के उनके फैसले पर बहस छिड़ गई है। शायद यह फैसला उनके करियर में हमेशा याद किया जाएगा।
इतिहास रचते हुए भी रुक गए मल्डर
मल्डर ने पहली पारी में नाबाद 264 रन बनाए, जो किसी भी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज का टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर है। 53 चौकों की मदद से बनी यह पारी टेस्ट इतिहास की पांचवीं सबसे बड़ी पारी भी बन गई। दूसरे दिन लंच के बाद सभी की निगाहें मल्डर पर टिकी थीं – ब्रायन लारा के 400 रनों के विश्व रिकॉर्ड से वह सिर्फ 34 रन दूर थे।
लेकिन मल्डर ने अचानक पारी घोषित कर दी। और यहीं से बहस शुरू हो गई।
“लारा ने कहा – रिकॉर्ड तोड़ने चाहिए”
मैच के बाद मल्डर ने खुलासा किया कि ब्रायन लारा ने उन्हें फोन पर कहा, “तुम्हें इस मौके का फायदा उठाना चाहिए था।” सुपरस्पोर्ट को दिए इंटरव्यू में मल्डर ने बताया, “लारा ने कहा कि रिकॉर्ड तोड़ने के लिए ही बने होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुझे फिर मौका मिले तो मुझे उनके रिकॉर्ड को पार करना चाहिए।”
लेकिन मल्डर अपने फैसले पर अडिग हैं: “मैं मानता हूं कि मैंने सही फैसला लिया। खेल का सम्मान मेरे लिए सबसे ज़्यादा मायने रखता है।”
क्रिस गेल का तीखा रिएक्शन
लारा के पूर्व साथी क्रिस गेल ने मल्डर के फैसले को सीधे शब्दों में गलत ठहराया। talkSPORT पर बोलते हुए गेल ने कहा, “उन्होंने घबराकर गलती कर दी। टेस्ट मैच में 400 रन बनाने का मौका जिंदगी में एक बार आता है। युवा, तुमने बड़ा मौका गंवा दिया!”
मल्डर का तर्क: “लारा का रिकॉर्ड खास है”
मैच के बाद की प्रेस वार्ता में मल्डर ने अपने फैसले के पीछे दो कारण गिनाए: “पहला, हमारे पास पर्याप्त रन थे और हमें गेंदबाजी शुरू करनी थी। दूसरा, ब्रायन लारा एक किंवदंती हैं। उनका यह रिकॉर्ड बना रहना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर मुझे फिर ऐसा मौका मिले, तो मैं वही करूंगा जो इस बार किया।”
जीत तो मिली, लेकिन…
दक्षिण अफ्रीका ने यह मैच एक पारी और 236 रनों से जीत लिया। तीन दिनों में पूरा हुए इस मैच में मल्डर का प्रदर्शन शानदार रहा। लेकिन उनके फैसले पर चर्चा अभी थमने वाली नहीं है।
क्या वाकई मल्डर को रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश करनी चाहिए थी? या फिर टीम के हित को प्राथमिकता देना सही फैसला था? इस सवाल का जवाब शायद समय ही दे पाएगा।