24 अक्टूबर 2025: जब Donald Trump के अगले सप्ताह Xi Jinping से मिलने की पुष्टि हुई है, तो एशियाई बाजारों में अचानक उत्साह फैल गया। इस कदम ने यूएस–चीन व्यापार तनाव को कम होने की दिशा में पहला संकेत माना जा रहा है, जिससे निवेशकों ने राहत की साँस ली है।
मुख्य बातें
- व्हाइट हाउस ने घोषणा की कि ट्रम्प अगले सप्ताह एशिया दौरे पर जाएंगे और चीन के राष्ट्रपति शी जिंपिंग से उनकी बैठक होगी।
- इस घोषणा के तुरंत बाद एशियाई शेयर बाजारों में बढ़त आई, जैसे कि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.5 % से ऊपर चला गया।
- हालांकि निवेशकों ने राहत जताई है, विश्लेषकों का कहना है कि एक व्यापक व्यापार समझौते तक पहुँचने की संभावना अभी भी कम है।
- यूएस–चीन की द्विपक्षीय वार्ता को एशिया-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक दिशा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेषकर ताज़ा दुर्लभ पृथ्वी (rare earth) विवाद के बाद।
क्या हुआ
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को घोषणा की कि ट्रम्प, एशिया प्रोलांगित दौरे के तहत मलेशिया, जापान और कोरिया जाएंगे, और कोरिया में शी जिंपिंग से अगले हफ्ते उनकी द्विपक्षीय बैठक होगी।
यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि हाल-ही में चीन ने दुर्लभ पृथ्वी और चिप्स जैसी रणनीतिक वस्तुओं पर कड़ी पाबंदियाँ लगाईं थीं, जिससे दोनों देश व्यापार और तकनीकी श्रृंखला के मोर्चे पर टकराव की स्थिति में आ गए थे।
जैसे ही यह पुष्टि सार्वजनिक हुई, एशियाई शेयर बाजारों में तेजी दिखी — निवेशकों को उम्मीद है कि यूएस-चीन कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे और नीति-अनिश्चितता कम होगी।
प्रमुख तथ्य / आंकड़े
- दक्षिण कोरिया का प्रमुख शेयर इंडेक्स कोस्पी में 2.5 % से अधिक उछाल दर्ज हुआ।
- इंडोनेशिया, थाईलैंड जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजारों में भी इस सप्ताह 3 % से 5 % तक की साप्ताहिक बढ़त देखी गई।
- हालांकि भारत का बाज़ार इस दिन हल्के दबाव में रहा, वैश्विक प्रवृत्ति से सकारात्मक संकेत मिले।
- दोनों देशों की वार्ता अब केवल ट्रेड टैरिफ तक सीमित नहीं, बल्कि तकनीक, चिप्स, दुर्लभ पृथ्वी संसाधन और सैन्य-प्रौद्योगिकी कनेक्शन तक फैल चुकी है।
बयान या प्रतिक्रियाएँ
व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी ने कहा:
“On Thursday morning local time, President Trump will participate in a bilateral meeting with President Xi Jinping … before departing to return home.”
विश्लेषकों ने टिप्पणी की है कि इस तरह की उच्चस्तरीय मेज-मुलाक़ात से वित्तीय बाजारों में अस्थिरता-विक्षेप कम हो सकता है, लेकिन “एक व्यापक व्यापार समझौता अभी दूर” माना जा रहा है।
एक एशिया-मैक्रो रणनीतिकार ने कहा:
“The Trump-Xi meeting has lifted risk appetite … investors are increasingly bullish on Asian equities on signs that diplomatic engagement could ease trade tensions.”
वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा
अगले सप्ताह की यह बैठक सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं बल्कि वास्तविक असर लाने वाली हो सकती है। यदि ट्रम्प और शी जिंपिंग के बीच कोई समझौता या रोडमैप तय होता है, तो इसका असर एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, वैश्विक चिप-सप्लाई चेन तथा भारत जैसे देशों पर भी होगा।
उदाहरण के लिए भारत में कारोबारियों और बाजार विश्लेषकों की नजर इस पर होगी कि चीन-सीमा-टेक्नोलॉजी मोर्चे पर किस तरह की नीति-छूट मिल सकती है।
वैश्विक निवेशकों द्वारा हिस्सा ली जाने वाली रिस्क अपेटाइट बढ़ सकती है, जिससे एशियाई शेयर, कमोडिटी तथा डॉलर-येन-रुपय मुद्रा-जोड़ों में बदलाव संभव है।
संदर्भ / पृष्ठभूमि: यह क्यों मायने रखता है
यूएस और चीन विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और दोनों के बीच व्यापार तथा तकनीकी विवाद का असर ग्लोबल सप्लाई-चेन, कमोडिटी कीमतों और निवेश प्रवाह पर तुरंत पड़ता है। पिछले महीनों में चीन ने दुर्लभ पृथ्वी (rare earth) में हस्तक्षेप बढ़ाया था, जबकि यूएस ने चिप्स व प्रौद्योगिकी कंपनियों पर प्रतिबंध बढ़ाये थे।
इसके मद्देनज़र, ट्रम्प–शी बैठक को केवल प्रोटोकॉल नहीं बल्कि संकीय मोड़ माना जा रहा है — जहाँ से अगले दौर के समझौते, व्यापार राहत या नई टैरिफ-मापदंड निकल सकते हैं।
भारत-एशिया-प्रशांत को भी इस दिशा-परिवर्तन से अप्रत्यक्ष लाभ हो सकता है — क्योंकि चीन-यूएस तनाव कम होने से क्षेत्रीय राज्यों को नए निवेश, टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप और बाजार खोलने का अवसर मिल सकता है।






