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ट्रंप का नया ऊर्जा कानून: स्वच्छ ऊर्जा को झटका, चीन को फायदा

ट्रंप ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पर किए हस्ताक्षर, स्वच्छ ऊर्जा को झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कांग्रेस द्वारा पारित ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ एक्ट (OBBBA) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह कानून पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के ‘इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट’ (IRA) से पूरी तरह अलग दिशा में जाता है, जिसने सौर, पवन और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) जैसी स्वच्छ तकनीकों में अरबों डॉलर का निवेश किया था। OBBBA इन प्रोत्साहनों को समय से पहले खत्म कर देगा, जबकि घरेलू जीवाश्म ईंधन ड्रिलिंग को बढ़ावा देगा।

घरेलू ऊर्जा बिल बढ़ने की आशंका

रोडियम ग्रुप के अनुसार, इस कानून के चलते 2035 तक अमेरिकी परिवारों के ऊर्जा बिल में 2-7% (95-250 डॉलर) की बढ़ोतरी हो सकती है। शायद इसकी सबसे बड़ी वजह सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की कम संख्या होगी, जिससे पेट्रोल की खपत और कीमतें बढ़ेंगी।

IRA के तहत 2032 तक नए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर टैक्स छूट मिल रही थी, लेकिन अब यह छूट इसी साल 30 सितंबर तक ही रहेगी। वहीं, पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को टैक्स लाभ पाने के लिए 2027 तक चालू होना होगा। हालांकि, घरेलू सामग्री का उपयोग न करने वाली परियोजनाओं पर एक्साइज टैक्स लगाने का प्रस्ताव अंतिम ड्राफ्ट से हटा दिया गया।

जीवाश्म ईंधन को मिला बढ़ावा

तेल और गैस उद्योग, जो लंबे समय से ट्रंप का समर्थन करता आया है, इस कानून का स्वागत कर रहा है। लेकिन आलोचकों का कहना है कि अमेरिकी शेल गैस अभी भी नवीकरणीय ऊर्जा से महंगी है। और बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता आर्थिक और व्यावहारिक रूप से टिकाऊ नहीं होगी।

वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (WRI) के डेविड विडाव्स्की के मुताबिक, “विनिर्माण, AI, विद्युतीकरण और लगातार बढ़ती गर्मी के कारण एसी की बढ़ती मांग को सिर्फ जीवाश्म ईंधन से पूरा नहीं किया जा सकता। लेकिन अमेरिका नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रिड अपग्रेड से एक लचीली व्यवस्था बना सकता है।”

चीन को मिला फायदा?

अमेरिका जहां स्वच्छ ऊर्जा से पीछे हट रहा है, वहीं चीन इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2024 में चीन ने कोयला आधारित 100 गीगावॉट क्षमता जोड़ने की शुरुआत की, लेकिन साथ ही उसने 420 गीगावॉट सौर और पवन ऊर्जा भी जोड़ी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के मुताबिक, इसी अवधि में अमेरिका ने सिर्फ 55 गीगावॉट से क्षमता जोड़ी।

इसके अलावा, चीन के इलेक्ट्रिक वाहनों, खासकर ट्रकिंग क्षेत्र में तेजी से बढ़ते कदमों ने रोजाना 10 लाख बैरल तेल की खपत कम कर दी है। यह ओमान की पूरी दैनिक उत्पादन क्षमता के बराबर है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका का यह कदम चीन को स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में और आगे बढ़ने का मौका देगा।

क्या बचा है स्वच्छ ऊर्जा में?

हालांकि, OBBBA का अंतिम संस्करण हाउस द्वारा प्रस्तावित मसौदे से कुछ नरम है। इसमें स्वच्छ हाइड्रोजन परियोजनाओं को टैक्स छूट के लिए 2027 तक का समय मिल गया है, जो पहले प्रस्तावित समय से दो साल ज्यादा है। कार्बन कैप्चर, परमाणु ऊर्जा और स्वच्छ ईंधन को भी प्रोत्साहन जारी रखा गया है। साथ ही, 2032 तक सौर या पवन ऊर्जा से जुड़े स्टोरेज सिस्टम को पूरा निवेश लाभ मिलता रहेगा।

लेकिन सवाल यह है कि क्या यह पर्याप्त होगा? रोडियम ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बैटरियों, सौर पैनलों, पवन टर्बाइनों और इलेक्ट्रिक वाहनों की घरेलू मांग कम होने से कई निर्माण इकाइयों का आर्थिक मॉडल ही खतरे में पड़ सकता है। कुछ तो पहले से ही संचालन में हैं। ऐसे में, अमेरिकी नीति निर्माताओं के सामने अगले कुछ वर्षों में बड़ी चुनौतियां होंगी।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।