नयी दिल्ली (16 अक्टूबर 2025): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि भारत जल्द ही रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करेगा। इस दावे के बाद दिल्ली में हलचल मची और भारत सरकार ने इसे संतुलन से टाला, यह कहकर कि देश की ऊर्जा नीतियाँ “उपभोक्ता हितों को सुरक्षित रखने” के आधार पर तय होती हैं।
ट्रम्प का आरोप और उसका असर
15 अक्टूबर को वाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने कहा: “मोदी ने मुझे आश्वस्त किया कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह बड़ा कदम है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रतिबद्धता तुरंत लागू नहीं होगी, बल्कि “एक छोटी प्रक्रिया” होगी।
भारत की प्रतिक्रिया: उपभोक्ता की सुरक्षा सर्वोपरि
इस दावे पर भारत की प्रतिक्रिया आई जिसमें विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि उसकी ऊर्जा नीतियाँ पूरी तरह उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं।
MEA प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा: “स्थिर ऊर्जा कीमतें और सुरक्षित आपूर्ति हमारी दोहरी रणनीति है। हमारी नीतियाँ वैश्विक बाजार और मांग के अनुसार विविधता अपनाती हैं।”
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ट्रम्प के दावे पर न तो पुष्टि हुई है और न ही उसने सीधे तौर पर इसे खारिज किया।
रूस का रुख: भागीदारी जारी रखने का दृढ़ विश्वास
रूस ने ट्रम्प के दावे के बीच प्रतिक्रिया दी कि भारत-रूस की ऊर्जा भागीदारी बरकरार रहेगी। रूसी उपप्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि भारत के साथ ऊर्जा संबंध पारस्परिक लाभ के आधार पर चलते रहे हैं। Reuters
MRPL का बयान: सस्ते विकल्पों की खोज जारी
मंगलोर रिफाइनरी (MRPL) के प्रबंध निदेशक मंडकुर श्यामप्रसाद कामथ ने कहा कि कंपनी सस्ती कच्ची तेल आपूर्ति की खोज में है, लेकिन अभी भी रूस से क्रूड खरीदने की संभावना खारिज नहीं हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि रूस से 35-40% तेल उन्हें कम दाम पर मिल रहा है, और उनका लक्ष्य “सबसे सस्ता आपूर्तिकर्ता चुनना” है।
नीति और अस्थिरता: अगले कदम
- भारत ने दावे को स्वीकार नहीं किया, न ही पूरी तरह खारिज किया
- विदेश मंत्रालय ने अपनी ऊर्जा नीति को उपभोक्ता हित पर आधारित बताया
- रूस और MRPL ने संकेत दिए कि तेल आपूर्ति जारी रह सकती है
- अब यह देखना होगा कि भारत अपनी ऊर्जा रणनीति में कितना बदलाव लाएगा
मुख्य बातें:
- ट्रम्प का दावा: मोदी ने उन्हें कहा कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा
- भारत ने कहा कि उसकी प्राथमिकता उपभोक्ताओं की सुरक्षा और ऊर्जा विविधता
- MEA ने neither confirm nor deny किया कि वार्ता हुई थी
- रूस ने कहा, भारत-रूस ऊर्जा भागीदारी जारी रहेगी
- MRPL ने कहा कि वह कम लागत वाले तेल विकल्प तलाश रहा है