ट्रम्प ने टिकटॉक पर प्रतिबंध टालने का फैसला किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टिकटॉक पर लगने वाले प्रतिबंध को एक बार फिर टाल दिया है। यह जून में उनका तीसरा ऐसा फैसला है, जिसमें उन्होंने चीनी कंपनी बाइटडांस को 90 दिन का और समय दिया है। अगर इस अवधि में टिकटॉक का अमेरिकी स्वामित्व में सौदा नहीं हुआ, तो इसे प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रम्प को टिकटॉक पसंद है, लेकिन चिंताएं भी
कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक ने रविवार को फॉक्स न्यूज के साथ बातचीत में कहा कि ट्रम्प टिकटॉक को पसंद करते हैं, लेकिन उन्हें इसके चीनी स्वामित्व को लेकर चिंता है। लटनिक ने कहा, “राष्ट्रपति को टिकटॉक वाकई पसंद है, और उन्होंने इसे कई बार दोहराया भी है। यह युवाओं से जुड़ने का एक अच्छा जरिया है।”
लेकिन साथ ही, अमेरिकी सरकार का मानना है कि टिकटॉक का डेटा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा बन सकता है। शायद इसीलिए ट्रम्प चाहते हैं कि यह प्लेटफॉर्म अमेरिकी नियंत्रण में आए।
17 करोड़ अमेरिकी यूजर्स के बीच टिकटॉक
टिकटॉक दुनिया भर में लोकप्रिय है, लेकिन अमेरिका में इसके करीब 17 करोड़ यूजर्स हैं। यह आंकड़ा बताता है कि अगर प्रतिबंध लगता है, तो इसका असर बड़ी संख्या में लोगों पर पड़ेगा। और शायद यही वजह है कि ट्रम्प इसे लेकर सतर्क हैं।
वैसे, टिकटॉक ने पहले ही कहा है कि वह अमेरिकी यूजर्स का डेटा चीन में स्टोर नहीं करता। लेकिन अमेरिकी सरकार को इस पर भरोसा नहीं। उनका कहना है कि चीन की सरकार किसी भी कंपनी से डेटा मांग सकती है, और यह खतरनाक हो सकता है।
बाइटडांस के पास अब 90 दिन
ट्रम्प के इस नए आदेश के बाद बाइटडांस के पास अब 90 दिन का वक्त है। इस दौरान उन्हें टिकटॉक का अमेरिकी स्वामित्व में सौदा करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता, तो अमेरिका में इस ऐप पर प्रतिबंध लग सकता है।
पिछले कुछ महीनों में माइक्रोसॉफ्ट और ओरेकल जैसी कंपनियों ने टिकटॉक खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन अब तक कोई ठोस सौदा नहीं हो पाया है। कहा जा सकता है कि यह मामला राजनीतिक और तकनीकी दोनों ही स्तरों पर उलझा हुआ है।
क्या होगा आगे?
अब सवाल यह है कि आने वाले 90 दिनों में क्या होगा। क्या बाइटडांस को कोई खरीदार मिल पाएगा? या फिर टिकटॉक पर प्रतिबंध लग जाएगा?
अगर प्रतिबंध लगता है, तो इससे न सिर्फ यूजर्स, बल्कि कंटेंट क्रिएटर्स और विज्ञापनदाताओं को भी नुकसान होगा। वहीं, अगर कोई सौदा हो जाता है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि नए मालिकाना हक के तहत टिकटॉक कैसे काम करता है।
फिलहाल तो इतना तय है कि ट्रम्प इस मामले में जल्दबाजी नहीं कर रहे। वे चाहते हैं कि कोई समझदारी भरा फैसला हो, जो अमेरिका के हित में हो। लेकिन यह भी सच है कि समय धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।