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टेस्ट क्रिकेट की जिंदादिली: आईपीएल सितारों की ललक और सीखने की चाह

टेस्ट क्रिकेट की मिट्टी में जमी नई पीढ़ी की जड़ें

राजस्थान रॉयल्स में यशस्वी जायसवाल इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के साथ इतना वक्त बिताते थे कि उन्हें ‘जोसवाल’ बुलाया जाने लगा। आकाश दीप, आरसीबी में होते हुए, ऑस्ट्रेलियाई स्टार जोश हेजलवुड से गेंदबाज़ी की बारीकियां पूछने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। एसआरएच में नितीश रेड्डी ने पैट कमिंस से इंग्लैंड में विकेट लेने के गुर सीखे। दिल्ली कैपिटल्स में केविन पीटरसन के साथ कुलदीप यादव ने हर इंग्लिश बल्लेबाज़ को रेड-बॉल में कैसे घेरना है, इसकी पूरी रणनीति बना ली।

अनुमान ग़लत साबित हुए

टेस्ट क्रिकेट के ‘अंत’ और आज के खिलाड़ियों की ‘बेरुख़ी’ की चर्चाएं शायद ज़रूरत से ज़्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गईं। मौजूदा सीरीज में देखने को मिल रहा है कि नई पीढ़ी में सीखने की ललक और इस फॉर्मेट में खेलने की जज़्बा अब भी बरकरार है। जायसवाल और शुभमन गिल की नेट प्रैक्टिस, चाहे वह ऑप्शनल हो या कंपल्सरी, उनके टेस्ट क्रिकेट के प्रति समर्पण को दिखाती है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और आकाश दीप अपने वर्कलोड को लेकर सजग हैं, लेकिन टेस्ट के लिए वे अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी बचाकर रखते हैं।

कुलदीप का अनुशासन

लेफ्ट-आर्म स्पिनर कुलदीप यादव अभी तक इस सीरीज में नहीं खेले हैं, लेकिन हर प्रैक्टिस सेशन में वह आख़िरी तक मैदान पर रहते हैं। लॉर्ड्स टेस्ट से पहले ही साफ़ था कि पिच पेसर्स के अनुकूल होगी और वाशिंगटन सुंदर को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन कुलदीप ने प्रैक्टिस जारी रखी। उनके करीबी बताते हैं, *”वह जानते हैं कि कभी न कभी मौका मिलेगा, और वह उसके लिए तैयार रहना चाहते हैं।”* यह नई टीम है, लेकिन इसमें पुराने मूल्य बसे हुए हैं। टेस्ट क्रिकेट आज भी उनके लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पहले के खिलाड़ियों के लिए था। बस फर्क इतना है कि इस फॉर्मेट को उन लोगों ने कमज़ोर किया है जो इस खेल को चला रहे हैं।

आईपीएल में भी रेड-बॉल की तैयारी

कुलदीप जैसे ऑल-फॉर्मेट खिलाड़ी व्हाइट-बॉल और रेड-बॉल के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वह बताते हैं कि आईपीएल के दौरान भी वह रेड-बॉल साथ लेकर चलते थे। केविन पीटरसन से उन्होंने इंग्लिश बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी की रणनीति बनाई। *”हमने एक-एक बल्लेबाज़ को ध्यान में रखकर प्लानिंग की,”* कुलदीप ने कहा। यह सिर्फ़ उनकी बात नहीं है, दूसरे भी इन खिलाड़ियों के टेस्ट क्रिकेट के प्रति समर्पण की पुष्टि करते हैं।

जायसवाल की सीखने की ललक

राजस्थान रॉयल्स में कुमार संगकारा ने यशस्वी जायसवाल को करीब से देखा है। फ्रैंचाइज़ी ने उनके विकास में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन जायसवाल की अपनी मेहनत सबसे बड़ी वजह है। संगकारा ने स्काई स्पोर्ट्स को बताया, *”हम जायसवाल को ‘जोसवाल’ बुलाते थे क्योंकि वह जो रूट का पीछा नहीं छोड़ते थे। वे सिर्फ़ टी20 के बारे में नहीं, बल्कि क्रिकेट और ज़िंदगी के हर पहलू पर चर्चा करते थे। जायसवाल रात में 4 घंटे तक रूट के साथ बैठकर सवाल पूछते रहते या बस उनकी बातें सुनते रहते।”*

ऑस्ट्रेलियाई मंत्र: सरलता में छुपा है राज

आकाश दीप और नितीश रेड्डी जैसे गेंदबाज़ों ने विदेशी खिलाड़ियों से सीधे-सादे सुझाव लिए। हेजलवुड ने आकाश को कहा, *”अपनी ताकत पर भरोसा रखो और बल्लेबाज़ों को ग़लती करने दो।”* यही वह फॉर्मूला है जिसने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों को महान बनाया। ग्लेन मैक्ग्रा ने भी यही सलाह दी थी – *”ऑफ-स्टंप के ऊपर गेंद करो, बस।”* आकाश ने इस सलाह को गंभीरता से लिया और उस पर अमल किया। रेड्डी ने भी कमिंस की सलाह मानी – *”इंग्लैंड में पहले वार्म-अप में पिच को समझो, फिर मैच में वही दोहराओ।”*

आईपीएल: नया ‘काउंटी क्रिकेट’

एक समय था जब विदेशों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने की सलाह दी जाती थी।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।