एलन मस्क की ईवी दिग्गज कंपनी टेस्ला भारत में अपना पहला शोरूम खोलने जा रही है। मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में स्थित यह एक्सपीरियंस सेंटर 15 जुलाई, मंगलवार को जनता के लिए खोला जाएगा। कंपनी ने मीडिया को आमंत्रण भेजकर इसकी पुष्टि की है। इसके साथ ही, टेस्ला ने BKC से लगभग 6 किलोमीटर दूर एक सर्विस और वेयरहाउस सेंटर भी स्थापित किया है।
आयातित कारें और शुरुआती लाइनअप
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला ने हाल के महीनों में अमेरिका और चीन से $1 मिलियन से अधिक मूल्य की कारें, चार्जिंग इक्विपमेंट और अन्य उपकरण भारत में आयात किए हैं। इसमें कंपनी की सबसे लोकप्रिय एसयूवी मॉडल वाई (Model Y) के कम से कम 6 यूनिट शामिल हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं गाड़ियों को मुंबई के शोरूम में प्रदर्शित किया जाएगा।
स्टाफ और ऑपरेशंस की तैयारी
टेस्ला ने इस शोरूम और सर्विस ऑपरेशन्स के लिए 30 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती की है। इसमें स्टोर मैनेजर्स, सेल्स एग्जीक्यूटिव्स, टेक्निकल स्टाफ और सप्लाई चेन इंजीनियर शामिल हैं। साथ ही, ऑटोपायलट डेटा कलेक्शन और सर्विस टेस्टिंग के लिए भी विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है। यह टेस्ला की भारतीय बाजार में एक मजबूत लॉन्ग-टर्म रणनीति की ओर इशारा करता है।
भारी आयात शुल्क: सबसे बड़ी चुनौती
टेस्ला को भारत में अपने आयातित वाहनों पर करीब 70% तक का आयात शुल्क देना पड़ रहा है। यह कंपनी के लिए सबसे बड़ा व्यापारिक अवरोध है। एलन मस्क पहले ही भारत के इस नीति पर नाराजगी जता चुके हैं और कई बार सोशल मीडिया पर खुले तौर पर शिकायत भी कर चुके हैं।
टेस्ला की तरफ से सरकार को बार-बार यह सुझाव दिया गया है कि यदि शुल्क में छूट मिले, तो वह भारत में बड़े पैमाने पर निवेश और उत्पादन को लेकर तैयार हो सकती है।
स्थानीय उत्पादन को लेकर संदेह
जहाँ केंद्र सरकार 15% कस्टम ड्यूटी जैसे प्रोत्साहन के साथ टेस्ला को स्थानीय उत्पादन के लिए आमंत्रित कर रही है, वहीं जून में केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने संसद में कहा कि टेस्ला ने अब तक भारत में फैक्ट्री लगाने को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।
इसके पीछे एक बड़ा कारण अमेरिकी राजनीति भी हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने निजी बातचीत में मस्क से कहा था कि भारत में फैक्ट्री खोलना “अमेरिका के हितों के खिलाफ” होगा। इससे टेस्ला भारत में सिर्फ सीमित उपस्थिति रखने की दिशा में बढ़ रही है।
क्या भारतीय ग्राहकों के लिए टेस्ला एक ‘लग्ज़री सपना’ ही रहेगा?
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, टेस्ला की गाड़ियाँ केवल एक “प्रिमियम नज़ारा” भर बन सकती हैं—कम से कम तब तक जब तक स्थानीय असेंबली या मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं होती। Model Y की कीमत, भारत में करों सहित, ₹70-80 लाख तक पहुंच सकती है, जो इसे बेहद सीमित ग्राहकों तक ही सीमित कर देगी।
हालाँकि, भारत में ईवी बाजार तेजी से विकसित हो रहा है और टाटा, महिंद्रा, BYD जैसी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। ऐसे में टेस्ला को जल्द ही कीमत, सर्विस और नेटवर्क को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट करनी होगी।
सोशल मीडिया पर बढ़ता हाइप
टेस्ला इंडिया के नए Twitter/X अकाउंट ने ‘Coming Soon’ का पोस्ट डालकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं को और हवा दी है। भारतीय ऑटोमोबाइल समुदाय, टेक इनफ्लुएंसर्स और ईवी उत्साही इस लॉन्च को लेकर काफी उत्साहित हैं।
निष्कर्ष: टेस्ला के लिए यह एक नई शुरुआत
भारत में टेस्ला की यह पहली फिजिकल उपस्थिति भले ही सीमित हो, लेकिन यह सिग्नल है उस दीर्घकालिक योजना का, जिसमें कंपनी धीरे-धीरे अपनी पकड़ बनाना चाहती है।
क्या टेस्ला भविष्य में भारत में कारें बनाएगी? क्या वह कीमतों में कटौती कर सकेगी?
इन सवालों के जवाब आने वाले महीनों में सामने आएंगे।