भारत के दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने हाल ही में एक शानदार खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जब ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में शतक मारा, तो उन्हें अपनी पुरानी बैकस्टैंड (बैकफ्लिप) को दोहराने का मन हुआ था। हालांकि, उम्र के चलते वह इसे करने में असमर्थ रहे।
गावस्कर ने यह बयान सोनी स्पोर्ट्स के दौरान किया। पंत के शतक के बाद, गावस्कर ने पंत को इशारे से यह संकेत दिया कि वह अपनी पुरानी बैकस्टैंड जैसी खुशी मनाए, जो उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के दौरान की थी। लेकिन पंत ने इसके बजाय डेली एली के प्रसिद्ध गोल सेलिब्रेशन को अपनाया।
गावस्कर ने इस बारे में बताते हुए कहा, “आप जानते हैं, मुझे यह स्वीकार करना होगा कि इसके बाद मैं यहां आया और मैंने बैकफ्लिप करने की कोशिश की, लेकिन मेरी उम्र के हिसाब से यह मुमकिन नहीं था। हालांकि, मैं बैकस्टैंड कर सकता था और मैं इसे करने की सोच रहा था। अगर मैं सफल हो जाता, तो मैं यहां उसे दिखा देता, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाया।”
गावस्कर ने इस शतक के लिए पंत की जमकर सराहना की और बताया कि यह पंत के लिए और भारतीय क्रिकेट के लिए कितना महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। जब भी कोई भारतीय खिलाड़ी अच्छा करता है, तो आपको बहुत खुशी होती है क्योंकि आप जानते हैं कि भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून कितना है। और हर परिवार में, मुझे यकीन है कि कम से कम एक व्यक्ति ऐसा है जो क्रिकेट को फॉलो करता है।”
गावस्कर ने यह भी कहा कि पंत का यह शतक भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए एक बहुत अच्छा संदेश है और उन्हें उम्मीद है कि इस तरह की सफलताएं भारतीय क्रिकेट को और भी ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।
Conclusion:
सुनील गावस्कर का यह बयान क्रिकेट की दुनिया में एक ताजगी लेकर आया है, क्योंकि उन्होंने अपनी पुरानी यादों को ताजा किया और ऋषभ पंत के शतक को लेकर अपनी खुशी का इज़हार किया। यह घटना न केवल पंत के करियर बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है।