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संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ एक विशेष बातचीत: जलवायु परिवर्तन, गेमिंग और शिक्षा में नवाचार

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में युवा और शिक्षा की अगुवाई

सैम बैरेट नैरोबी स्थित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) में युवा, शिक्षा और एडवोकेसी प्रमुख हैं। वह औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र प्रभाग के एडवोकेसी कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं। उनका काम उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर डीकार्बनाइजेशन को बढ़ावा देना, छात्रों के व्यवहार में बदलाव लाना और प्रकृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बढ़ाना है।

उन्होंने ‘प्लेइंग फॉर द प्लैनेट अलायंस’ की सह-स्थापना भी की है, जो वीडियो गेमिंग उद्योग के साथ मिलकर पर्यावरण के लिए काम करता है। इससे पहले, उन्होंने एवाज़ और ऑक्सफैम, लंदन में जलवायु और मानवीय अभियानों पर काम किया है। सैम लिवरपूल विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान के स्नातक हैं।

डिजिटल पहुंच और नवाचार

UNEP की तकनीकी पहुंच के बारे में पूछे जाने पर सैम बताते हैं कि संगठन नए चीफ डिजिटल ऑफिसर की नियुक्ति के बाद और अधिक टेक-सेवी हो गया है। उदाहरण के लिए, पेरिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर हुई बैठक के दौरान फ्रांसीसी सरकार के साथ मिलकर एक घोषणापत्र तैयार किया गया, जिसमें AI तकनीकों को स्थायी परिणाम देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसमें डेटा सेंटरों में ऊर्जा खपत कम करने और AI के नैतिक उपयोग जैसे सिद्धांत शामिल हैं।

UNEP मीथेन उत्सर्जन की निगरानी के लिए सैटेलाइट इमेजरी और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करने वाली ‘मीथेन लैबोरेटरी’ जैसी पहलों पर भी काम कर रहा है। टीईडी के साथ मिलकर बनाई गई ‘अर्थ स्कूल’ ने दुनिया भर के दस लाख बच्चों को 30 ऑनलाइन पर्यावरणीय पाठ प्रदान किए। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और सतत विकास जैसे विषयों पर इंटरैक्टिव सामग्री देता है।

गेमिंग उद्योग के साथ साझेदारी

‘प्लेइंग फॉर द प्लैनेट’ पहल के बारे में सैम बताते हैं कि वीडियो गेमिंग उद्योग दुनिया के सबसे बड़े मनोरंजन माध्यमों में से एक है, जो टीवी और फिल्मों से भी आगे निकल चुका है। छह साल पहले शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य बड़ी गेमिंग कंपनियों के साथ मिलकर उत्सर्जन कम करने के मॉडल तैयार करना है। इसमें गेम इंजन और कंसोल के निर्माण में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है।

सैम कहते हैं, “हम उत्सर्जन को कम करने के बजाय उन्हें होने से रोकने पर जोर देते हैं।” ग्रीन गेम जैम पहल के तहत खिलाड़ियों से प्रकृति के महत्व पर संदेश लिए जाते हैं, जिन्हें नीति निर्माताओं के साथ साझा किया जाता है। अब तक इस पहल के जरिए 1.4 अरब गेमर्स तक पहुंच बनाई जा चुकी है।

यूनिवर्सिटीज के साथ सतत विकास की पहल

UNEP उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ दशकों से काम कर रहा है। छह साल पहले, संगठन ने औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ गैर-औपचारिक शिक्षा (जैसे मनोरंजन माध्यमों) को भी शामिल करने का फैसला किया। ‘द लिटिल बुक ऑफ ग्रीन नज’ नामक पहल के तहत 130 विश्वविद्यालयों में छात्रों के व्यवहार परिवर्तन पर काम किया गया।

‘रेस टू जीरो’ अभियान में 1,500 से अधिक विश्वविद्यालयों ने अपने संचालन में डीकार्बनाइजेशन के लिए प्रतिबद्धता जताई है। ‘नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज’ पहल के तहत कैंपस में प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर ध्यान दिया जाता है।

सोशल मीडिया और स्टार्टअप्स के साथ जुड़ाव

गूगल और एप्पल जैसी कंपनियां वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे के दौरान ग्रीन गेम्स को प्रमोट करती हैं। भारत में, UNEP ने रिलायंस गेम्स के साथ प्लास्टिक प्रदूषण पर ‘लिटिल सिंघम’ गेम बनाया है। जलवायु तकनीक स्टार्टअप्स के साथ काम करने के बारे में सैम बताते हैं कि UNEP का मुख्य फोकस सरकारों के साथ ऐसे ढांचे तैयार करना है, जहां स्टार्टअप फल-फूल सकें।

AI का पर्यावरणीय प्रभाव

AI के पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर सैम चिंता जताते हैं। डेटा सेंटरों में बिजली की भारी खपत होती है, जो अक्सर जीवाश्म ईंधन से पूरी की जाती है। इन सेंटरों को ठंडा रखने के लिए पानी की भी बड़ी मात्रा चाहिए, जो कुछ क्षे

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।