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सॉफ्टबैंक का इंटेल में 2 अरब डॉलर का निवेश: AI और सेमीकंडक्टर बाजार में बड़ी उम्मीद

इंटेल को सॉफ्टबैंक से मिला 2 अरब डॉलर का निवेश

अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी इंटेल को जापान की सॉफ्टबैंक ग्रुप से 2 अरब डॉलर (करीब 16,700 करोड़ रुपये) का निवेश मिला है। यह निवेश इंटेल के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि कंपनी पिछले कुछ सालों से कई चुनौतियों का सामना कर रही है। सॉफ्टबैंक का यह कदम इंटेल में विश्वास दिखाने जैसा है।

दोनों कंपनियों ने सोमवार को इस निवेश की घोषणा की। इसके बाद सॉफ्टबैंक इंटेल के टॉप-10 शेयरधारकों में शामिल हो जाएगा। यह निवेश सॉफ्टबैंक के एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्षेत्र में बड़ी दांव का हिस्सा है, जिसमें 500 अरब डॉलर के ‘स्टारगेट’ डेटा सेंटर प्रोजेक्ट जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं।

राजनीतिक हलचलों के बीच निवेश

यह खबर ऐसे समय में आई है जब पिछले हफ्ते मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अमेरिकी सरकार इंटेल में हिस्सेदारी खरीद सकती है। यह बात तब सामने आई जब इंटेल के नए सीईओ लिप-बू टैन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई। ट्रंप ने टैन के चीनी कंपनियों से संबंधों को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की थी।

हालांकि, रॉयटर्स से बात कर रहे एक सूत्र के मुताबिक, सॉफ्टबैंक का यह निवेश ट्रंप से जुड़ा नहीं है। व्हाइट हाउस ने इस मामले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सॉन ने एक बयान में कहा, “यह रणनीतिक निवेश हमारे इस विश्वास को दर्शाता है कि अमेरिका में सेमीकंडक्टर निर्माण और आपूर्ति का विस्तार होगा, और इसमें इंटेल की अहम भूमिका होगी।”

निवेश की शर्तें और प्रतिक्रियाएं

सॉफ्टबैंक इंटेल के शेयर 23 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से खरीदेगा, जो सोमवार के क्लोजिंग प्राइस 23.66 डॉलर से थोड़ा कम है। इंटेल के प्रवक्ता के मुताबिक, यह निवेश कंपनी द्वारा जारी किए गए नए शेयरों के जरिए होगा। सोमवार को बाजार पूंजीकरण के आधार पर यह निवेश इंटेल में करीब 2% हिस्सेदारी के बराबर होगा।

एलएसईजी डेटा के अनुसार, इस निवेश के बाद सॉफ्टबैंक इंटेल का छठा सबसे बड़ा निवेशक बन जाएगा। खबर आने के बाद मंगलवार को सॉफ्टबैंक के शेयर 5% से ज्यादा गिर गए, जबकि इंटेल के शेयर आफ्टर-मार्केट ट्रेडिंग में 5.6% चढ़ गए।

इंटेल की मुश्किलें

इंटेल पिछले कुछ सालों से कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। कंपनी ने 2024 में 18.8 अरब डॉलर का नुकसान दर्ज किया, जो 1986 के बाद से पहला सालाना नुकसान था। कंपनी का पुराना प्रतिद्वंद्वी एएमडी इंटेल के मुख्य बाजारों – पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर सेमीकंडक्टर – में हिस्सेदारी बढ़ा रहा है।

इंटेल का चिप कॉन्ट्रैक्टिंग बिजनेस का महत्वाकांक्षी प्लान भी जम नहीं पाया है। यह प्लान ताइवान की टीएसएमसी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए बनाया गया था। पिछले महीने रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अब बड़े ग्राहकों को जोड़ने के लिए अपने कॉन्ट्रैक्ट चिप निर्माण बिजनेस में बड़े बदलाव पर विचार कर रही है।

सैक्सो की चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट चारू चनाना का कहना है, “डिजाइनर और निर्माता दोनों की भूमिका निभाने वाली इंटेल अमेरिका में टीएसएमसी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म हो सकती है।”

सॉफ्टबैंक की बड़ी दांव

सॉफ्टबैंक ने 2025 में कई बड़े निवेश की घोषणाएं की हैं। इनमें चैटजीपीटी बनाने वाली ओपनएआई में 30 अरब डॉलर का निवेश और स्टारगेट प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग लीड करना शामिल है। इंटेल में निवेश इसी सिलसिले की नवीनतम कड़ी है।

सोमवार को ही ताइवान की फॉक्सकॉन ने घोषणा की कि वह ओहायो में अपनी पुरानी इलेक्ट्रिक व्हीकल फैक्ट्री में सॉफ्टबैंक के साथ डेटा सेंटर उपकरणों का निर्माण करेगी। यह स्टारगेट प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

आगे की राह

सॉफ्टबैंक का यह निवेश इंटेल के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। लेकिन कंपनी के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं। सेमीकं

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।