Sitharaman's statement: India is actively negotiating with the US, the first phase of bilateral trade agreement is expected to be completed by fall this year
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सीतारमण का बयान: भारत अमेरिका के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है, इस साल फॉल तक पहले चरण का द्विपक्षीय व्यापार समझौता पूरा होने की उम्मीद

संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि भारत अमेरिका की नई सरकार के साथ “सक्रिय रूप से बातचीत” कर रहा है और इस साल फॉल (सितंबर–नवंबर) तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला चरण सकारात्मक रूप से पूरा होने की उम्मीद है।

सीतारमण ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित इंडिया कम्युनिटी सेंटर में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को उसकी आर्थिक क्षमता और ताकत के लिए वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। उन्होंने अमेरिका में बसे भारतीयों से भारत के साथ साझेदारी करने की अपील की ताकि दोनों देश मिलकर तरक्की कर सकें।

उन्होंने कहा,
“हम अमेरिका की सरकार के साथ जिस उत्सुकता से बातचीत कर रहे हैं, वह स्पष्ट है। इसी समय अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत में हैं और प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात करने वाले हैं। कुछ दिन पहले ही अमेरिका से असिस्टेंट USTR भारत आए थे और टैरिफ व व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे दल से मिले। हमें उम्मीद है कि इस साल फॉल तक समझौते का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा।”

टैरिफ विवाद से आगे की सोच

सीतारमण ने अमेरिकी टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव संबंधित सवाल के जवाब में कहा,
“अमेरिका से बातचीत सिर्फ टैरिफ विवाद के कारण नहीं है, बल्कि यह हमारे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के साथ एक मजबूत समझौता करने की दिशा में कदम है। हमारा प्रयास है कि इस साल के अंत तक हम समझौते का पहला चरण पूरा कर लें।”

उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वाणिज्य मंत्री, और स्वयं वित्त मंत्री के अमेरिका आने से यह स्पष्ट होता है कि भारत इस साझेदारी को कितनी प्राथमिकता देता है। “मैं IMF और वर्ल्ड बैंक की बैठक में हिस्सा लेने आई हूं, साथ ही मैं अपने अमेरिकी समकक्ष से भी मुलाकात करूंगी,” उन्होंने कहा।

भारत वैश्विक विकास इंजन बन सकता है

सीतारमण ने यह भी कहा कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत उन गिने-चुने देशों में है जो विश्व अर्थव्यवस्था को गति देने की क्षमता रखते हैं। “IMF और वर्ल्ड बैंक ने यह माना है कि भारत, चीन और कुछ अन्य देश वैश्विक व्यापार को गति देने में सक्षम हैं।”

उन्होंने आगे कहा,
“हमारी तेज़ विकास दर, आर्थिक ताकत और स्थिरता ही हमें इस चुनौतीपूर्ण समय में भी अलग बनाती है। जहां कई देशों में मंदी की आशंका है, वहीं भारत में विकास की उम्मीदें मजबूत बनी हुई हैं।”

प्रवासी भारतीयों से की साझेदारी की अपील

सीतारमण ने अमेरिका में बसे भारतीयों से आग्रह किया कि वे व्यक्तिगत रूप से, व्यवसाय के माध्यम से, या कॉर्पोरेट स्तर पर भारत के साथ साझेदारी करें।
“आपको फायदा होगा, अमेरिका को फायदा होगा, भारत को फायदा होगा, और साथ मिलकर हम वैश्विक व्यापार व विकास में योगदान दे सकते हैं,” उन्होंने कहा।

राजकोषीय घाटा और कर्ज पर सरकार की सख्ती

वित्त मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) काफी बढ़ गया था, लेकिन सरकार ने 2021 में इसे घटाने का स्पष्ट लक्ष्य तय किया।

“हमने तय किया है कि 2026 तक राजकोषीय घाटा 4.5% से नीचे ले आएंगे और हम इस लक्ष्य की दिशा में हर साल ईमानदारी से काम कर रहे हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारत का कर्ज-से-GDP अनुपात कोविड के बाद 62% से बढ़ गया था, जिसे अब चार वर्षों में घटाकर 57.4% पर लाया गया है।
“हमने बजट 2024 में साफ कहा है कि 2030 तक इसे 50% के करीब लाया जाएगा। जबकि कई विकसित देशों में यह अनुपात 100% से भी अधिक है, हम अपनी अर्थव्यवस्था को संतुलित रूप से चला रहे हैं।”

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।