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सोशल मीडिया में बदलाव: Sez Us का भारत विस्तार और नागरिकता पर जोर

सोशल मीडिया की दुनिया में एक नया नाम चर्चा में है – Sez Us। यह अमेरिकी प्लेटफॉर्म भारत में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन यह दूसरे प्लेटफॉर्म्स से कितना अलग है? शायद इस सवाल का जवाब इसके संचालन के तरीके में छुपा है।

कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अक्षय गुप्ता कहते हैं, “हमारा मानना है कि हम एक बेहतर डिजिटल दुनिया बना सकते हैं। तकनीक पहले से मौजूद है – जो मायने रखता है वह प्रेरणा है। हमारे लिए, वह प्रेरणा शिष्टाचार है, क्योंकि शिष्टाचार के साथ एक स्वस्थ समाज का निर्माण होता है।”

चार मुख्य सिद्धांत

गुप्ता ने indianexpress.com को बताया कि यह प्लेटफॉर्म चार मुख्य सिद्धांतों पर काम करता है। पहला है गुमनामी पर अंकुश। गुप्ता के मुताबिक, “जब आप गुमनामी की अनुमति देते हैं, या जब आप वह नहीं हो सकते जो आप हैं, तो आप लोगों को उस तरह से व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जैसा वे आमतौर पर असली दुनिया में नहीं करेंगे।”

दूसरा सिद्धांत है ‘डिजिटल आत्म-संप्रभुता’। गुप्ता का दावा है कि यहाँ उपयोगकर्ताओं के पास अपनी सामग्री का स्वामित्व बना रहता है। वे कहते हैं, “Sez US पर, आप अपनी सामग्री के मालिक हैं। हम इसे नहीं ले रहे हैं। हम इसे नहीं बेच रहे हैं, और न ही आपकी जानकारी दूसरे लोगों को बेच रहे हैं।”

तीसरा पहलू ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए पहचान की पोर्टेबिलिटी है। इसके लिए डिसेंट्रलाइज्ड सोशल नेटवर्क प्रोटोकॉल (DSNP) का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुमकिन है कि भारत जैसे बाजारों में ब्लॉकचेन को लेकर संशय का सामना करना पड़े, यह बात गुप्ता भी मानते हैं।

चौथा और आखिरी सिद्धांत कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक अधिक न्यायसंगत राजस्व मॉडल का वादा करता है। गुप्ता को लगता है कि मौजूदा सोशल मीडिया अर्थव्यवस्था में राजस्व मॉडल को लेकर एक असंतुलन है।

क्या है ‘रिपुटेशन इंजन’?

इस प्लेटफॉर्म की सबसे खास बात है इसका ‘रिपुटेशन इंजन’। दरअसल, यह एक स्कोरिंग सिस्टम है जो यूजर इंटरैक्शन के आधार पर पॉइंट्स देता है। उपयोगकर्ता कंटेंट के साथ engage होते वक्त इन रिपुटेशन पॉइंट्स को खर्च कर सकते हैं। गुप्ता ने बताया कि कम्युनिटी की प्रतिक्रियाएं इन स्कोर को बढ़ा या घटा सकती हैं।

गुप्ता ने एक उदाहरण देकर समझाया, “हमने अमेरिकी चुनाव के ठीक बाद लॉन्च किया था। एक संस्थापक, जो एक डेमोक्रेटिक ऑपरेटिव थे, ने ऑनलाइन पोस्ट किया, और किसी ने अश्लील भाषा के साथ जवाब दिया, ‘ट्रम्प ने चुनाव चुरा लिया।’ एक घंटे के भीतर, कम्युनिटी ने इसे गलत और अनुपयुक्त बताते हुए फ्लैग कर दिया, इसका रेटिंग कम किया, और पोस्ट गायब हो गई। उसकी प्रतिष्ठा -250 तक गिर गई।”

कहा जा सकता है कि यह कम्युनिटी-ड्रिवन मॉडरेशन, केंद्रीकृत नियंत्रण के बिना कंटेंट मॉडरेशन को संबोधित करने की कंपनी की कोशिश है।

एल्गोरिदम का अभाव

जहां पारंपरिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंटेंट की दृश्यता तय करने के लिए अल्गोरिदमिक फीड पर निर्भर करते हैं, वहीं Sez Us का दृष्टिकोण मौलिक रूप से अलग है। कंपनी का दावा है कि वह एल्गोरिदम के हस्तक्षेप के बिना सभी पोस्ट को सभी फॉलोवर्स तक पहुंचाना चाहती है।

गुप्ता ने स्पष्ट किया, “जब आप Sez US पर होते हैं, अगर आपके 100,000 फॉलोवर्स हैं, तो वे सभी आपकी पोस्ट देखेंगे। हम पैमाने पर अपना अंगूठा नहीं लगा रहे हैं।”

यह दृष्टिकोण प्लेटफॉर्म के कंटेंट वायरलिटी के रुख तक भी延伸 फैला हुआ है। गुप्ता के अनुसार, “हम वायरल होने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम प्लेटफॉर्म पर समय बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम स्वस्थ बातचीत को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।”

भारत की राह में चुनौतियाँ

Sez Us का भारत में प्रवेश ऐसे वक्त में हो रहा है जब देश गलत सूचना की चिंताओं और सोशल मीडिया विनियमों से जूझ रहा है। गुप्ता के मुताबिक, यह प्लेटफॉर्म उन लोगों के लिए है जो मौजूदा प्लेटफॉर्म से नाखुश हैं।

भारत को देखते हुए गुप्ता ने कहा, “आपके पास एक उभरता हुआ क्रिएटर community है,

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।