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मुंबई, 31 अक्टूबर — पिछले दो कारोबारी सत्रों में BSE Sensex लगभग 466 पॉइंट गिरा, निजी बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली

मुंबई, 31 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को धीमी चाल बनी रही, जहां शीर्ष बेंचमार्क Sensex करीब 465.75 पॉइंट (लगभग 0.55 %) टूटकर 83,938.71 पर बंद हुआ। Nifty 50 भी 155.75 पॉइंट (0.60 %) गिरकर 25,722.10 पर कारोबार बंद हुआ।

मुख्य बातें

  • निजी बैंक शेयरों में बिकवाली दबाव का मुख्य कारण रहा।
  • वैश्विक कारणों में अमेरिकी डॉलर का मजबूती और Federal Reserve की रुख स्पष्ट न होने से निवेशकों में सतर्कता बढ़ी।
  • व्यापक बाजार में मध्य- और छोटे आकार के शेयर भी दबाव में रहे; BSE मिडकैप व स्मॉलकैप इंडेक्स भी गिरावट में।
  • इस गिरावट ने आठ-दस दिन पहले के तेज रुझान के बाद बाजार में एक तरह का विराम संकेत किया है।
  • अगले कारोबारी सत्रों में बैंकिंग सेक्टर्स की दिशा-निर्देश, विदेशी प्रवाह (FII/DII) की गति और वैश्विक संकेतक प्रमुख कारक होंगे।

क्या हुआ?

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों ने दूसरे दिन लगातार दबाव में कारोबार देखा। निजी बैंकिंग कंपनियों में बिकवाली के चलते Sensex लगभग 466 पॉइंट टूट गया। विशेष रूप से बड़े निजी बैंक जैसे HDFC Bank, ICICI Bank के अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों ने कमजोरी दर्ज की।

प्रमुख तथ्य / डेटा

  • Sensex ने दिन के दौरान न्यूनतम 83,905.66 का स्तर भी छुआ।
  • Nifty-50 ने 25,711.20 का दिन का निचला स्तर देखा।
  • मिडकैप इंडेक्स लगभग 0.55 % गिरा और स्मॉलकैप इंडेक्स भी लगभग 0.40 % कमजोर रहा।
  • विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपये की स्थिति कमजोर दर्ज हुई।
  • निजी बैंक शेयरों के अलावा IPO, मेटल एवं बैंक-इंडेक्स से जुड़े अन्य शेयरों में भी दबाव देखा गया।

प्रतिक्रिया / बयान

बैंकिंग सेक्टर में नीतिगत बदलावों और वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए विश्लेषकों ने निवेशकों को सावधानी बरतने का सुझाव दिया है। उदाहरण के लिए, एक बाजार विश्लेषक ने कहा है कि निजी बैंकिंग शेयरों में कमजोरी निवेशकों की सावधानी को दर्शाती है और आगे का रुझान “माली दृष्टिकोण एवं वैश्विक संकेतों” से जुड़ा रहेगा।

वर्तमान स्थिति और आगे क्या?

मार्केट में फिलहाल संक्षिप्त शिथिलता का दौर दिख रहा है-नीति निर्माताओं, बैंकिंग कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निगाहें टिकी हैं। अगले हफ्ते में आने वाले प्रमुख बैंकों के परिणाम, एफपीआई-DII प्रवाह, और वैश्विक केंद्रीय बैंकों की घोषणा बाजार की दिशा तय कर सकती है। यदि बैंकिंग शेयरों में राहत मिलती है, तो बाजार में सुधार का सिलसिला जल्द शुरू हो सकता है; नहीं तो दबाव जारी रहने की संभावना है।

संदर्भ/पृष्ठभूमि

BSE Sensex और Nifty 50 का यह समापन पिछले कुछ समय से जारी तेजी के बाद बाजार के लिए ‘ब्रेक’ का संकेत है। पिछले कुछ हफ्तों में बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर में तेज उछाल था, लेकिन अब निजी बैंक शेयरों में बिकवाली और विदेशी निवेशकों की सतर्कता से बाजार कमजोर हुआ है। इस प्रकार, इस गिरावट का महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि बैंकिंग सेक्टर भारतीय स्टॉक मार्केट में न सिर्फ वेटेड है, बल्कि इस पर मौद्रिक-नीति, वित्तीय स्वास्थ्य और निवेश प्रवाह का असर भी प्रत्यक्ष होता है।

मात्र एक उदाहरण के रूप में देखें: पिछले दिनों अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिकी केंद्रीय बैंक Federal Reserve की नीति में अनिश्चितता ने भारत जैसे उभरते बाजारों को प्रभावित किया है। इसी तरह भारत में बैंकिंग सेक्टर पर नीतिगत पहलुओं जैसे नियामक बदलाव, आरबीआई दिशा-निर्देश तथा बैंकिंग संस्थाओं की तिमाही रिपोर्ट भी बाजार के मूड को प्रभावित कर सकते हैं।

स्रोत: thehindu, ptinews

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।