🇮🇳 इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन विवादों में, गौतम गंभीर और अजीत अगरकर पर उठे सवाल
भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली आगामी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले ही टीम चयन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और विश्लेषक संजय मांजरेकर ने टेस्ट टीम की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे “पूर्वाग्रह आधारित” करार दिया है।
खासकर सरफराज़ खान को बाहर किए जाने को लेकर मांजरेकर ने कड़ा रुख अपनाया है और सीधे तौर पर हेड कोच गौतम गंभीर और चयन समिति अध्यक्ष अजीत अगरकर की ओर इशारा किया है।
“सरफराज़ को प्रदर्शन नहीं, धारणा के आधार पर हटाया गया है”
संजय मांजरेकर ने हिंदुस्तान टाइम्स में लिखे अपने कॉलम में कहा,
“गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में और रोहित शर्मा के हटने के बाद, ऐसा लगता है कि टीम प्रबंधन अब खिलाड़ियों के संभावित प्रदर्शन का अनुमान लगाकर चयन कर रहा है, न कि उनके मौजूदा प्रदर्शन के आधार पर।”
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सरफराज़ का हालिया प्रदर्शन करुण नायर से कहीं बेहतर रहा है, इसके बावजूद करुण को टीम में शामिल किया गया और सरफराज़ को नजरअंदाज किया गया।
सरफराज़ का रिकॉर्ड बनाम करुण नायर
- सरफराज़ खान ने पिछले घरेलू सत्रों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। टेस्ट डेब्यू के बाद उन्होंने चार पारियों में तीन अर्धशतक और एक शतक लगाया।
- इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शामिल किया गया लेकिन एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
- इंग्लैंड दौरे के लिए भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है, जबकि करुण नायर को मौका मिला है।
करुण ने 2024–25 के रणजी ट्रॉफी सीजन में विदर्भ के लिए खेलते हुए 863 रन बनाए और टूर्नामेंट के चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने। हालांकि, उनका अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड पिछले कुछ वर्षों से ठंडा रहा है।
सरफराज़ की फिटनेस पर भी दिया गया ध्यान
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरफराज़ खान ने इंग्लैंड सीरीज़ से पहले अपनी फिटनेस पर काफी मेहनत की। उन्होंने करीब 10 किलो वजन घटाया है और फिलहाल बॉयल वेजिटेबल्स और चिकन जैसे सख्त डाइट पर हैं।
उन्हें फिलहाल India A टीम में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दो मैचों के लिए चुना गया है। यह मुकाबले 30 मई से 2 जून (कैंटरबरी) और 6 जून से 9 जून (नॉर्थहैम्प्टन) तक खेले जाएंगे। इसके बाद 13–16 जून को सीनियर इंडिया टीम के खिलाफ एक इंट्रा-स्क्वॉड मैच भी होगा।
चयन नीति पर फिर सवाल: प्रदर्शन से ज़्यादा धारणा?
मांजरेकर के बयान इस ओर इशारा करते हैं कि चयनकर्ता अब खिलाड़ियों के प्रदर्शन को नहीं, बल्कि “किसी खिलाड़ी विदेशी पिचों पर सफल होगा या नहीं” — इस मानसिकता से निर्णय ले रहे हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए लिखा:
“यह चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर नहीं है, बल्कि किसी प्रभावशाली व्यक्ति की यह धारणा है कि सरफराज़ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में रन नहीं बना पाएंगे, और करुण बना लेंगे।”
रोहित शर्मा की अनुपस्थिति और गंभीर की रणनीति
रोहित शर्मा इस दौरे पर उपलब्ध नहीं हैं, और ऐसे में कोच गौतम गंभीर की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि गंभीर अपने पहले बड़े विदेशी दौरे पर टीम को किस तरह से तैयार करते हैं — और क्या सरफराज़ जैसे खिलाड़ियों को फिर मौका मिलेगा या नहीं।
निष्कर्ष: चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता ज़रूरी
सरफराज़ खान का टीम से बाहर होना एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में चयन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। क्या चयन सिर्फ आंकड़ों और प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए या किसी खिलाड़ी की “विदेशी कंडीशन में संभावित सफलता” के आधार पर?
इसका जवाब समय देगा, लेकिन फिलहाल सरफराज़ को India A में मौका देकर एक और “टेस्ट” लिया जा रहा है — और अगर वो सफल होते हैं, तो शायद अगली बार उनकी अनदेखी करना आसान नहीं होगा।