नई दिल्ली, 7 नवंबर 2025: भारतीय मुद्रा Indian Rupee (INR) आज शुरुआती कारोबार में दिन दुर्भाग्य से कमजोर अमेरिकी डॉलर की स्थिति एवं वैश्विक कच्चे तेल की दरों में गिरावट के बीच सात-आठ पैसे की तेजी के साथ 1 डॉलर के मुकाबले लगभग ₹88.62-88.63 पर खुली।
मुख्य बातें
- इंटरबैंक ट्रेड में रुपये ने एक सत्र में लगभग 7 से 8 पैसे की बढ़त दर्ज की।
- अमेरिका की मुद्रा कमजोर पड़ी – डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई।
- कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) की दरों में गिरावट ने आयात-महत्व की अर्थव्यवस्था भारत के लिए राहत का संकेत दिया।
- हालांकि, घरेलू इक्विटी बाजारों में सुस्ती और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली ने तेजी को सीमित किया।
- बाजार विश्लेषक आने वाले समय में रुपये के लिए ₹88.40-88.90 के दायरे की संभावना बता रहे हैं।
क्या हुआ
मुम्बई में आज सुबह इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में व्यापार प्रारंभ होते ही रुपये ने लगभग 7-8 पैसे की लराई दिखाई और 1 डॉलर ≈ ₹88.62-88.63 पर कारोबार करने लगा।
रुपये ने दिन की शुरुआत ₹88.51 से की, आगे बढ़कर ₹88.49 तक पहुंचा जबकि निम्नतम स्तर पर ₹88.66 भी देखा गया।
यह तेजी मुख्यतः दो वैश्विक कारकों से प्रेरित थी – डॉलर की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट।
महत्वपूर्ण तथ्य-डेटा
- डॉलर इंडेक्स – जो अमेरिकी डॉलर की अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले शक्ति मापता है – आज करीब 0.16-0.23 % गिरा।
- ब्रेंट क्रूड की दर में हल्की गिरावट या नरमी बनी रही, जिससे तेल-आयातक देश भारत को राहत मिली।
- घरेलू शेयर बाजारों में सुस्ती – उदाहरण के लिए, बेंचमार्क इंडेक्स में गिरावट या मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया।
- विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारत में शेयर बिक्री जारी थी – इसने रुपये की तेजी को तेज होने से रोका।
- विश्लेषकों का अनुमान है कि रुपये की रेट अगले कुछ सत्रों में ₹88.40-88.90 के दायरे में रहने की संभावना है।
बयान-प्रतिक्रियाएँ
“रुपया आज कुछ मजबूती दिखा रहा है क्योंकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें नीचे आई हैं और डॉलर कमजोर है। इसके बावजूद, निर्यात-आधारित दबाव व इम्पोर्ट-डिमांड तेजी को रोक रही है,” ने कहा Anuj Choudhary, रिसर्च एनालिस्ट, Mirae Asset ShareKhan.
इसी तरह, Jateen Trivedi, वीपी (रिसर्च एनालिस्ट) – कमॉडिटी व करेंसी, LKP Securities ने बताया कि, “मजबूत डॉलर और निरंतर विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने रुपये की तेजी को सीमित रखा है तथा आने वाले अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े डेटा-रिलीस इस दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।”
वर्तमान स्थिति / आगामी क्या है
वृत्त-चक्र में रुपये ने फिलहाल ₹88.60 के आसपास प्रवाह बनाए रखा है। बाजार अब बनी हुई उम्मीदों के साथ अगले 24-48 घंटों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाओं – जैसे कि अमेरिकी उत्पादन-सेवा पीएमआई, अमेरिकी रोजगार डेटा आदि – की ओर देख रहा है। इनसे डॉलर की दिशा एवं इसलिए रुपये पर असर पड़ेगा।
यदि डॉलर और कच्चा तेल क्रमशः कमजोर रहे तो रुपये को आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है। लेकिन निरंतर इम्पोर्टर-डिमांड, विदेशी निवेशों की निकासी और RBI की मुद्रा हस्तक्षेप की संभावनाएं इसके उलट दबाव भी बना सकती हैं।
संदर्भ/पृष्ठभूमि – क्यों यह मामला मायने रखता है
भारत एक बड़े आयातक देश के रूप में कच्चे तेल एवं अन्य ऊर्जा संसाधनों पर निर्भर है। इसलिए जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है, तो भारत का आयात-बिल बढ़ जाता है, चालू-खाता घाटा बढ़ता है और उसे डॉलर ज्यादा खर्च करना पड़ते हैं – यह रुपये के लिए दबाव बनता है।
उधर, अमेरिकी डॉलर की तुलना में अन्य मुद्राओं की बनावट और अमेरिका में ब्याज दर-नीति, मुद्रास्फीति व आर्थिक विकास जैसे संकेतक वैश्विक मुद्रा बाजार को दिशा देते हैं – इससे रुपये सहित उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राएं प्रभावित होती हैं।
इसलिए 1 डॉलर ≈ ₹88.6 के स्तर पर रुपये की मजबूती केवल एक आंकड़ा नहीं है – यह भारत-मुद्रा-विनिमय, वैश्विक कमोडिटी-चलन, निवेश प्रवाह और घरेलू अर्थव्यवस्था-प्रभाव की तस्वीर का संकेत है।
यदि यह ट्रेंड जारी रहा, तो हमारे लिए यह बेहतर आयात लागत, कम मुद्रास्फीति की सम्भावना और विदेशी निवेशों के अवसर का सकारात्मक संकेत हो सकता है। वहीं, निर्यात-उद्योगों के लिए रुपये की मजबूती थोड़ी चुनौती उत्पन्न कर सकती है क्योंकि उनके उत्पादों का मूल्य प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
आज की सत्र में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सात-आठ पैसे की बढ़त दिखाई, जो कि डॉलर की कमजोरी व तेल की दरों की घटती प्रवृत्ति से प्रेरित थी। हालांकि, निर्यात-मुखी दबाव, इम्पोर्ट-डिमांड और वैश्विक आकस्मिक घटनाओं ने तेजी को स्थाई रूप देने से रोका। आने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़े, भारत में तेल व आयात-बिल की स्थिति तथा विदेशी निवेश की दिशा इस प्रवृत्ति को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
स्रोत: siasat, thehindu






