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रोहित शर्मा का अद्भुत सफर: 18 साल में भारतीय क्रिकेट पर छाए हिटमैन की प्रेरक कहानी

रोहित शर्मा का 18 साल का सफर: जब भारत ए के लिए खेलने वाला लड़का ‘सचिन के बाद’ बना

जून 2007 में आयरलैंड के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय डेब्यू के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने 18 साल पूरे कर लिए हैं। 38 साल के इस बल्लेबाज़ की कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने 2006 में मुंबई की स्टेट टीम से पहले ही भारत ए के लिए खेलना शुरू कर दिया था। शायद ही कोई दूसरा खिलाड़ी हो जिसने अपने करियर की शुरुआत इतने अनोखे तरीके से की हो।

डार्विन से डेब्यू तक: एक अलग कहानी

रोहित का पहला प्रथम श्रेणी मैच ऑस्ट्रेलिया के दूरस्थ उत्तरी इलाके डार्विन में न्यूजीलैंड ए के खिलाफ था। और लिस्ट ए में डेब्यू? वो भी देवधर ट्रॉफी में वेस्ट जोन के लिए नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए। 31 रन की नाबाद पारी ने उन्हें एक साल के अंदर ही भारतीय टीम में पहुंचा दिया। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में उनकी भूमिका ने साबित कर दिया कि वो कोई आम खिलाड़ी नहीं हैं।

वसू परांजपे की भविष्यवाणी

पूर्व भारतीय बल्लेबाज और चयनकर्ता जतिन परांजपे ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में बताया कि कैसे उनके पिता और मशहूर कोच वसू परांजपे ने रोहित की प्रतिभा को पहचान लिया था। जतिन याद करते हैं, “मेरे पिता एमसीए के चीफ टैलेंट स्काउट थे। एक दिन वो बोले, ‘जतिन, सचिन के बाद मैंने किसी को ऐसा देखा है जो दुनिया पर छा जाएगा’। मैंने पूछा कौन? तो उन्होंने कहा, ‘रोहित शर्मा नाम का एक लड़का है। उसने अभी तक कोई क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन मुझे लगता है यह अगला मुंबई खिलाड़ी होगा जो भारत के लिए खेलेगा'”।

किरण मोरे की नज़र

दिलचस्प बात ये है कि रोहित को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में पूर्व विकेटकीपर और चयनकर्ता किरण मोरे का बड़ा योगदान रहा। परांजपे बताते हैं, “किरण मोरे का चयन समिति में होना रोहित के लिए बड़ा फायदा था। उनकी प्रतिभा पहचानने की क्षमता अद्भुत थी। किरण ने उन्हें एमसीए से पहले ही भारत ए टीम में शामिल कर लिया था। ऐसे लोग ही किसी खिलाड़ी के करियर को सही दिशा देते हैं”।

टेस्ट क्रिकेट में संघर्ष और शास्त्री का सहारा

ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद रोहित ने इस साल मई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। 4000 से ज्यादा रन और 40 के औसत के साथ। लेकिन वो अभी भी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। जतिन मानते हैं कि पूर्व कोच रवि शास्त्री ने 2019 में उन्हें टेस्ट में ओपन करने को कहकर उनके करियर को नई ज़िंदगी दी।

‘मैं टेस्ट क्रिकेट के लिए ही जीता हूं’

परांजपे याद करते हैं, “मैं चयन समिति में था जब रवि शास्त्री ने ये आइडिया दिया। रवि गेम को समझने में सबसे आगे रहते हैं। एक बार रोहित ने मुझसे कहा था, ‘जतिन, मैंने लाल गेंद से क्रिकेट शुरू की थी। आप कैसे कह सकते हैं कि मुझे टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं है? मैं टेस्ट क्रिकेट के लिए ही जीता हूं'”।

लेकिन जतिन को लगता है कि रोहित टेस्ट में और कर सकते थे। “सिडनी टेस्ट में खुद को ड्रॉप करने का उनका फैसला मुझे थोड़ा निराश करने वाला था। हम सीरीज ड्रॉ कर सकते थे”।

आगे का सफर

38 साल की उम्र में रोहित अभी भी वनडे और टी20 टीम की कप्तानी कर रहे हैं। उनका नेतृत्व और बल्लेबाजी दोनों ही टीम के लिए महत्वपूर्ण हैं। शायद वसू परांजपे की भविष्यवाणी सच साबित हो चुकी है। लेकिन क्रिकेट प्रेमी ये जानना चाहेंगे कि क्या रोहित 2027 तक खेलते रहेंगे? जब वो अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के 20 साल पूरे करेंगे। फिलहाल तो वो हर मैच में ये साबित करते दिख रहे हैं कि उम्र सिर्फ एक नंबर है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।