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गौतम गंभीर के नेतृत्व में वाशिंगटन सुंदर का उभार और टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन

वाशिंगटन सुंदर ने गंभीर के विश्वास को किया साकार

18 साल की उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले वाशिंगटन सुंदर को पहले उतने मौके नहीं मिले, जितने गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद मिले हैं। पिछले साल अक्टूबर से अब तक सुंदर ने जितने टेस्ट मैच खेले हैं, उनमें से 9 गंभीर की कोचिंग में ही हैं। और शायद यही वजह है कि हाल ही में खत्म हुए एंडरसन-टेंडुलकर ट्रॉफी में उनकी भूमिका काफी अहम रही।

इंग्लैंड सीरीज में दमदार प्रदर्शन

इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के चार टेस्ट में सुंदर ने 284 रन बनाए, जिसमें उनका पहला टेस्ट शतक भी शामिल है। साथ ही, उन्होंने 7 विकेट भी झटके। लॉर्ड्स में उन्होंने 4 विकेट की शानदार पारी खेली, जो 21वीं सदी में इंग्लैंड में किसी भारतीय स्पिनर का दूसरा सबसे बेहतर प्रदर्शन है।

लेकिन सुंदर के लिए यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है। वह गंभीर के नेतृत्व से काफी प्रभावित दिखे, जिन्हें वह अपने आईपीएल के शुरुआती दिनों से ही अपना आदर्श मानते हैं।

“गंभीर सर पर भरोसा था”

विस्डन को दिए इंटरव्यू में सुंदर ने कहा, “उनकी जर्सी पर भी मेरी तरह नंबर 5 लगा होता था। और हां, वह भी लेफ्टी थे, बेहद खूबसूरत बल्लेबाजी करते थे। बस एक चीज जो मुझे पसंद नहीं थी, वह थी आईपीएल में उन्हें गेंदबाजी करना। मेरे खिलाफ वह बहुत सफल रहे, लेकिन इंसान के तौर पर वह शानदार हैं। उन्हें हम सब पर इतना भरोसा था कि हम हर हाल में लड़ेंगे और जीतेंगे। सीरीज के अंत में उन्हें खुश देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा।”

टीम के अंदरूनी माहौल की तारीफ

सुंदर ने इस सीरीज में भारत के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय कोच गंभीर, कप्तान शुभमन गिल और बाकी टीम के बीच बेहतर संवाद को दिया। उन्होंने कहा, “पूरी सीरीज में ड्रेसिंग रूम का माहौल शांत रहा। उनकी कम्युनिकेशन साफ थी कि क्या उम्मीद की जा रही है। दोनों को अपने खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है और यह बड़े पैमाने पर मदद करता है।”

मैनचेस्टर टेस्ट में ऐतिहासिक पारी

मैनचेस्टर टेस्ट में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करते हुए सुंदर ने अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा। रविंद्र जडेजा के साथ उन्होंने 203 रन की साझेदारी की, जिससे भारत ने 311 रन के पहली पारी के घाटे को पाटकर मैच ड्रॉ करवाया। यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक यादगार पल था।

तो कहा जा सकता है कि गंभीर के नेतृत्व में सुंदर जैसे युवाओं को वह मौका मिल रहा है, जिसकी उन्हें लंबे समय से तलाश थी। और जब विश्वास मिलता है, तो परिणाम भी सामने आते हैं। शायद यही कारण है कि इस सीरीज में सुंदर का प्रदर्शन इतना उम्दा रहा।

लेकिन अब देखना यह है कि आने वाले समय में सुंदर इस प्रदर्शन को कैसे आगे बढ़ाते हैं। गंभीर का भरोसा और उनकी अपनी मेहनत – यही दो चीजें उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती हैं।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।