शुक्रवार, 30 मई को दोपहर के कारोबार में रिलायंस पावर (Reliance Power) के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। NSE और BSE दोनों पर कंपनी का स्टॉक 14% से ज्यादा चढ़कर ₹59.75 तक पहुंच गया, जो इसका 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर है। सिर्फ इतना ही नहीं, पिछले 12 महीनों में स्टॉक ने 140% से अधिक की छलांग लगाई है, जो निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है।
कंपनी को मिला नया सोलर प्रोजेक्ट, बना तेजी का ट्रिगर
इस तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण है—Reliance NU Energies, जो कि Reliance Power की सहायक कंपनी है, को SJVN से एक मेगा सोलर प्रोजेक्ट का Letter of Award मिला है। यह प्रोजेक्ट 350 मेगावॉट सोलर प्लांट और 175 मेगावॉट/700 MWh बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) से जुड़ा है।
कंपनी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद उनके पोर्टफोलियो में 600 MW सोलर DC क्षमता और 700 MWh BESS क्षमता जुड़ जाएगी। इससे Reliance Power की गिनती देश की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड सोलर और BESS कंपनियों में होने लगेगी।
बाज़ार में हाई डिमांड: 4 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ टेंडर
यह प्रोजेक्ट उस टेंडर का हिस्सा था, जिसमें कुल 1,200 MW सोलर और 600 MW/2,400 MWh BESS की बोली लगी थी। खास बात यह है कि यह टेंडर चार गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ था, जिसमें 19 डेवलपर्स ने भाग लिया और 18 ने अंतिम ई-रिवर्स ऑक्शन के लिए क्वालीफाई किया।
Reliance NU Energies ने इस प्रतिस्पर्धी टेंडर में ₹3.33 प्रति यूनिट की फिक्स्ड टैरिफ दर पर प्रोजेक्ट जीता है, जिसकी अवधि 25 वर्षों के लिए तय की गई है।
क्लीन एनर्जी में तेज़ी से बढ़ता दबदबा
Reliance Power अब तक अपने कोयला आधारित प्लांट्स के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब कंपनी ने स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) की ओर मजबूती से कदम बढ़ा लिए हैं। वर्तमान में इसका कुल क्लीन एनर्जी पाइपलाइन 2.4 GW सोलर DC और 2.5 GWh से अधिक BESS क्षमता का है, जिससे यह भारत की सबसे बड़ी एकीकृत नई ऊर्जा कंपनियों में गिनी जा रही है।
Q4 FY25 के नतीजे: घाटे से मुनाफे में बदलते हालात
जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में कंपनी ने ₹126 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में ₹397.56 करोड़ का घाटा हुआ था। हालांकि कंपनी की टोटल इनकम घटकर ₹2,066 करोड़ रही, लेकिन खर्चों में कटौती का लाभ उसे मुनाफे में दिखा।
पूरे FY25 में कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट ₹2,947.83 करोड़ रहा, जबकि FY24 में उसे ₹2,068.38 करोड़ का घाटा हुआ था। इसके साथ ही कंपनी ने ₹5,338 करोड़ का कर्ज भी चुकता कर दिया है, जिससे उसका डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो 1.61:1 से घटकर 0.88:1 हो गया है।
स्टॉक का प्रदर्शन: निवेशकों की बल्ले-बल्ले
Reliance Power का स्टॉक पिछले 12 महीनों में 140% तक चढ़ चुका है। 2025 की शुरुआत से अब तक इसमें लगभग 34% की वृद्धि हुई है और छह महीनों में 54% का रिटर्न मिला है। ऐसे में यह उन चुनिंदा मिड-कैप शेयरों में से एक बन गया है, जिसने रिटेल और इंस्टिट्यूशनल दोनों निवेशकों को आकर्षित किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कंपनी की बैलेंस शीट इसी तरह मजबूत होती रही और क्लीन एनर्जी पोर्टफोलियो में विस्तार होता रहा, तो आने वाले समय में स्टॉक में और उछाल देखा जा सकता है।
निष्कर्ष: बदलते परिदृश्य में मजबूत वापसी
Reliance Power, जो एक समय पर कर्ज में डूबी और अनिश्चितताओं से घिरी हुई नजर आती थी, आज क्लीन एनर्जी के दम पर वापसी की राह पर तेजी से आगे बढ़ रही है। निवेशकों का भरोसा, कंपनी की नई रणनीति, और सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस—ये सभी फैक्टर इसे लॉन्ग टर्म में एक हाई-पोटेंशियल स्टॉक बनाते हैं।