लखनऊ में मिली 42 रन की हार ने RCB को सोचने पर मजबूर कर दिया है, लेकिन अनुभवी दिग्गजों टॉम मूडी और अनिल कुंबले का मानना है—अभी भी उम्मीद बाकी है।
हार से नहीं, हौसले से जीते जाते हैं सीज़न
RCB का मुकाबला भले ही SRH से था, लेकिन असली लड़ाई तो खुद के भीतर के शक से थी। टॉम मूडी ने यही कहा—”अब अपनी गलतियों में नहीं उलझो, आगे बढ़ो।” बात बिलकुल सही है। लीग में आखिरी मुकाबला खेलने का मौका RCB के पास है, यानी उन्हें पता होगा कि क्या करना है, कैसे करना है।
विराट-सॉल्ट की जोड़ी ने दिल जीता, लेकिन…
मैच की शुरुआत धमाकेदार थी। कोहली और फिल सॉल्ट ने सिर्फ 7 ओवर में 80 रन ठोक दिए। ऐसा लगा कि RCB आज 231 के स्कोर को भी पीछे छोड़ देगी। लेकिन बीच के ओवरों में गेम हाथ से निकल गया।
अनिल कुंबले ने भी यही कहा—”अगर इनमें से कोई एक बल्लेबाज़ टिकता, तो कहानी कुछ और होती।”
मिडिल ऑर्डर ने कर दिया गेम स्लो
मयंक अग्रवाल और रजत पाटीदार ने इस हाई-ऑक्टेन गेम में कुछ धीमा खेल दिखाया। मयंक ने 11 रन बनाए 10 गेंदों में, वहीं पाटीदार 16 गेंदों में 18 रन बनाकर आउट हो गए। इससे रन रेट गिर गया और दबाव बढ़ता चला गया।
और जैसे ये काफी नहीं था, टिम डेविड की हैमस्ट्रिंग चोट ने टीम की उम्मीदों पर और पानी फेर दिया।
चोटों से जूझती टीम, लेकिन उम्मीद कायम
RCB को सीज़न में कई झटके लगे हैं—पडिक्कल और हेज़लवुड चोटिल, लुंगी एनगिडी और जैकब बेथेल बाहर जा चुके हैं। ऐसे में फिल सॉल्ट की वापसी ने थोड़ी राहत दी है। मूडी ने साफ कहा—“सॉल्ट की वापसी और 5 छक्के इस मैच की पॉजिटिव बातें थीं।”
कप्तान का बयान और कुंबले की खरी-खरी
मैच के बाद कप्तान जीतेश शर्मा ने कहा, “हार कभी-कभी सीखने का मौका देती है।” लेकिन कुंबले इससे सहमत नहीं थे।
उनका कहना था—“इस स्टेज पर हार का कोई बहाना नहीं चलता। ये मैच टॉप-2 की रेस आसान कर सकता था। अब ज्यादा मेहनत करनी होगी।”
आखिरी मुकाबला—अब या कभी नहीं
RCB अब 27 मई को LSG के खिलाफ मैदान पर उतरेगी। यही मैच तय करेगा कि टीम प्लेऑफ में कितनी मजबूती से पहुंचेगी। कुंबले ने उम्मीद जताई—”टीम आखिरी गेम खेलेगी और उसे पता होगा कि टेबल पर क्या हाल है। ये बड़ा फायदा है।”
फैनबॉय निष्कर्ष 🎯
RCB के लिए अब हर गेंद, हर रन, हर फैसला मायने रखता है। SRH से मिली हार का बोझ उतार कर अगर ये टीम मैदान पर वही जोश लेकर उतरे, तो कुछ भी हो सकता है। आखिर ये IPL है, जहां आखिरी गेंद तक कुछ भी तय नहीं।