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आरबीआई समिति ने वित्तीय क्षेत्र के लिए एआई क्षमताओं के विकास हेतु ढांचे की सिफारिश की

आरबीआई की समिति ने वित्तीय क्षेत्र के लिए AI फ्रेमवर्क की सिफारिश की

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की एक समिति ने देश के वित्तीय क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के इस्तेमाल को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बुधवार को जारी रिपोर्ट में AI से जुड़े फायदों के साथ-साथ जोखिमों से बचाव के उपाय भी सुझाए गए हैं।

रिपोर्ट में छह श्रेणियों – बुनियादी ढांचा, क्षमता, नीति, शासन, सुरक्षा और आश्वासन – के तहत कुल 26 सिफारिशें शामिल हैं। इनमें से कुछ अहम बिंदुओं पर नज़र डालते हैं।

स्वदेशी AI मॉडल्स के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा

समिति ने देश में AI क्षमताओं को विकसित करने के लिए एक विशेष डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने की सिफारिश की है। इसका मकसद स्वदेशी AI मॉडल्स का निर्माण करना होगा।

शायद यह कदम इसलिए ज़रूरी समझा गया, क्योंकि अभी भारत की वित्तीय प्रणाली काफी हद तक विदेशी AI टूल्स पर निर्भर है। लेकिन स्थानीय ज़रूरतों और भाषाई विविधता को देखते हुए अपने खुद के समाधान विकसित करना समय की मांग लगता है।

बहु-हितधारक समिति का गठन

रिपोर्ट में एक मल्टी-स्टेकहोल्डर स्थायी समिति बनाने का भी प्रस्ताव है। इस समिति का काम AI से जुड़े जोखिमों और अवसरों का लगातार मूल्यांकन करना होगा।

और यह कोई नया विचार नहीं है। कई देश पहले से ही ऐसी व्यवस्थाएं बना चुके हैं। मुमकिन है कि भारत भी उनके अनुभवों से सीख ले। लेकिन समिति ने साफ किया है कि हमें अपनी खास परिस्थितियों के हिसाब से ही रास्ता तय करना चाहिए।

डेटा सुरक्षा और गोपनीयता पर ज़ोर

AI के इस्तेमाल में डेटा सुरक्षा सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। समिति ने इस मसले पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है।

उदाहरण के लिए, वित्तीय संस्थानों के लिए सख्त डेटा प्रबंधन नीतियां बनाने की बात कही गई है। साथ ही, ग्राहकों की निजता को सुरक्षित रखने के लिए कुछ ठोस उपाय सुझाए गए हैं।

नियामकीय ढांचे में बदलाव की ज़रूरत

रिपोर्ट बताती है कि मौजूदा नियामकीय ढांचा AI की तेज़ रफ्तार के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहा। इसलिए, इसमें लचीलापन लाने की सिफारिश की गई है।

कहा जा सकता है कि यह एक संतुलित दृष्टिकोण है। एक तरफ जहां नवाचार को प्रोत्साहित करने की बात है, वहीं दूसरी ओर जोखिमों को नज़रअंदाज़ न करने की चेतावनी भी दी गई है।

क्षमता निर्माण पर फोकस

समिति ने वित्तीय संस्थानों में AI विशेषज्ञता बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया है। इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ-साथ शोध और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात शामिल है।

तो कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट भारत के वित्तीय क्षेत्र में AI के जिम्मेदार इस्तेमाल की दिशा में एक संतुलित रोडमैप पेश करती है। अब देखना यह होगा कि इन सिफारिशों पर कितनी तेज़ी से अमल हो पाता है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।