कूली का बॉक्स ऑफिस पर जलवा, लेकिन चुनौतियां भी
रजनीकांत एक बार फिर साबित कर रहे हैं कि भारतीय सिनेमा में “सुपरस्टार” का खिताब सिर्फ उनके नाम है। लोकेश कनगराज की नई एक्शन ड्रामा फिल्म ‘कूली’ ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रखी है। महज चार दिनों में 400 करोड़ का आंकड़ा पार करने के बाद अब फिल्म 500 करोड़ क्लब में एंट्री की तैयारी में है। अगर यह 10 दिन से कम समय में यह मुकाम हासिल कर लेती है, तो ‘कूली’ तमिल सिनेमा की सबसे तेज 500 करोड़ कमाने वाली फिल्म बन जाएगी। अभी यह रिकॉर्ड विजय की ‘लियो’ (2023) के नाम है।
रविवार तक धमाल, लेकिन सोमवार को गिरावट
लेकिन यह रिकॉर्ड टूटना इतना आसान नहीं लग रहा। फिल्म को मिल रही औसत से नकारात्मक समीक्षाओं ने इसकी रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है। हालांकि पहले सोमवार के टेस्ट में फिल्म ने दहाई का आंकड़ा छूकर अच्छा प्रदर्शन किया, पर विक्की कौशल की ‘छावा’ और आहान पांडे-अनीत पड्डा की ‘सैयारा’ के मुकाबले कम कमाई दर्ज की। ये दोनों फिल्में 2025 की टॉप ग्रॉसिंग इंडियन फिल्म्स की लिस्ट में ‘कूली’ से आगे हैं।
और चिंता की बात यह है कि रजनीकांत की पिछली ब्लॉकबस्टर ‘जेलर’ (2023) के पहले सोमवार के कलेक्शन के मुकाबले ‘कूली’ की कमाई काफी कम है। शायद यह फिल्म के लिए एक अलार्मिंग सिग्नल हो सकता है।
क्या कारण हैं इस गिरावट के?
तो सवाल उठता है कि इतनी बड़ी स्टार पावर के बावजूद ‘कूली’ को यह चुनौतियां क्यों झेलनी पड़ रही हैं? एक वजह तो समीक्षाओं का मिला-जुला रिस्पॉन्स है। कई आलोचकों ने फिल्म को रजनीकांत के करियर की सबसे कमजोर फिल्मों में गिना है। वहीं दूसरी तरफ, ‘छावा’ और ‘सैयारा’ को दर्शकों और आलोचकों, दोनों का प्यार मिल रहा है।
मुमकिन है कि फिल्म की कहानी में कुछ ढीलापन दर्शकों को नागवार गुजर रहा हो। हालांकि एक्शन सीक्वेंस और रजनीकांत का स्क्रीन प्रेजेंस तारीफ के काबिल है, लेकिन शायद यह पर्याप्त नहीं है।
अभी भी उम्मीद की किरण
लेकिन अभी पूरी तरह से निराश होने की जरूरत नहीं है। फिल्म ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में खासी अच्छी कमाई की है। खाड़ी देशों, अमेरिका और यूरोप में ‘कूली’ ने रजनीकांत के फैन फॉलोइंग का फायदा उठाया है। भारत के दक्षिणी राज्यों में भी फिल्म की कमाई स्थिर बनी हुई है।
और एक अच्छी खबर यह है कि इस हफ्ते रिलीज होने वाली कोई बड़ी फिल्म नहीं है। ऐसे में ‘कूली’ के पास अगले कुछ दिनों में अपनी कमाई सुधारने का मौका है। अगर वीकेंड तक फिल्म की कलेक्शन में सुधार होता है, तो 500 करोड़ का आंकड़ा अभी भी मुकम्मल हो सकता है।
रजनीकांत का जादू बनाम नई पीढ़ी
दिलचस्प बात यह है कि ‘कूली’ की यह प्रतिस्पर्धा किसी और से नहीं, बल्कि नए जमाने के सितारों से है। विक्की कौशल और आहान पांडे जैसे यंग एक्टर्स ने अपनी फिल्मों के जरिए बॉक्स ऑफिस पर धाक जमाई है। यह साबित करता है कि भारतीय सिनेमा में नई पीढ़ी भी अपनी जगह बना रही है।
लेकिन रजनीकांत का जादू अभी भी बरकरार है। 70 के दशक में भी वह सुपरहिट फिल्में दे रहे हैं। ‘कूली’ की सफलता या असफलता से उनके करियर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मगर यह फिल्म निश्चित तौर पर एक बहस छेड़ देगी कि क्या मसाला एंटरटेनमेंट अब भी दर्शकों को लुभा सकता है।
आगे क्या होगा?
अब सवाल यह है कि ‘कूली’ आखिर कितना कमा पाएगी? अगर फिल्म इस हफ्ते 450 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेती है, तो 500 करोड़ तक पहुंचना मुश्किल नहीं होगा। लेकिन अगर कमाई की रफ्तार यूं ही धीमी रही, तो शायद यह लक्ष्य हाथ से निकल सकता है।
एक बात तो तय है – रजनीकांत के फैंस अभी भी सिनेमाघरों में उन्हें देखने पहुंच रहे हैं। और जब तक यह सिलसिला जारी है, ‘कूली’ के लिए उम्मीदें बनी रहेंगी। बस, फिल्म को अब थोड़ा और धैर्य रखने की जरूरत है।