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राजेश खन्ना और हेमा मालिनी को एयरपोर्ट पर देखा, एक भी फैन नहीं आया: नौशीन

फिल्म इंडस्ट्री में सफलता और उसके बाद का सफर कई बार बेहद अलग होता है। यह बात सिर्फ आम लोगों पर ही नहीं, बड़े-बड़े सितारों पर भी लागू होती है। हाल ही में एक्ट्रेस नौशीन अली सरदार ने एक इंटरव्यू में कुछ ऐसी ही यादें साझा कीं, जो शायद हम सभी के लिए एक सबक बन सकती हैं।

नौशीन ने सिद्धार्थ कन्नन को दिए इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कहा कि हर कोई सफलता को संभाल नहीं पाता। और शायद, असफलता को तो और भी कम। उन्होंने कहा, “मैंने बचपन से ही बहुत से लोगों में यह देखा है कि हर कोई सफलता और असफलता दोनों को ही हैंडल नहीं कर पाता। क्योंकि मैंने इसे इतनी कम उम्र में देख लिया था, इसलिए यह मुझे प्रभावित नहीं कर पाया।”

एयरपोर्ट पर एक अजीब नज़ारा

इसी कड़ी में उन्होंने अपने शुरुआती दिनों की एक घटना याद की। वह बताती हैं कि वह एयरपोर्ट पर थीं, और वहाँ दो बहुत बड़े भारतीय सुपरस्टार मौजूद थे। एक मेल और एक फीमेल। उस जमाने के दो दिग्गज, जिनके बारे में कहा जाता था कि उनकी कार चुंबनों से लाल हो जाया करती थी और वह फिल्म इंडस्ट्री की रानी हुआ करती थीं।

लेकिन उस दिन एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों में से एक ने भी उनसे ऑटोग्राफ लेने की जहमत नहीं उठाई। शायद वक्त का पहिया घूम चुका था। दर्शकों का ध्यान अब नए चेहरों पर था। और पुराने सितारे, जो कभी भीड़ के चहेते हुआ करते थे, अब शायद उसी भीड़ में खो से गए थे।

राजेश खन्ना और हेमा मालिनी का ज़िक्र

हालाँकि नौशीन ने सीधे तौर पर नाम नहीं लिए, लेकिन विवरण साफ़ इशारा कर रहे थे। 1970 के दशक के सबसे लोकप्रिय सितारे राजेश खन्ना और हेमा मालिनी। दोनों ने प्रेम नगर (1974) और कुदरत (1981) जैसी कई हिट फिल्मों में एक साथ काम किया था। एक वक्त था जब उनके प्रशंसक उनके पीछे पागल रहते थे।

लेकिन उस एयरपोर्ट पर, जहाँ नौशीन मौजूद थीं, दर्शकों के दिलों से वो पागलपन शायद उतर चुका था। यह नज़ारा किसी के भी लिए हैरान करने वाला था। इतने बड़े सितारे, और उनसे मिलने वाला कोई नहीं।

फेम की मायावी दुनिया

यह घटना नौशीन के दिमाग़ पर गहरी छप गई। उन्होंने इससे एक बहुत बड़ा सबक लिया। उनका कहना है कि इसने उन्हें यह सीख दी कि कभी भी शोहरत को अपने सिर पर नहीं चढ़ने देना चाहिए। क्योंकि जिस तरह से लोग आपको अपने ऊपर उठा लेते हैं, ठीक उसी तरह वो आपको नीचे भी गिरा सकते हैं।

फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है जहाँ आज आप सबकी जुबान पर हैं, तो कल कोई आपका नाम भी नहीं लेता। यह बात नौशीन ने बहुत कम उम्र में समझ ली थी। और शायद यही वजह है कि उन्होंने कभी भी फेम को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।

एक सबक जो सभी के काम आ सकता है

नौशीन की यह बात सिर्फ फिल्म Industry के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए एक सबक है जो सफलता की दौड़ में भाग रहा है। हम अक्सर सफलता के नशे में इतना खो जाते हैं कि खुद को भूलने लगते हैं। हमें लगता है कि यही असली ज़िंदगी है।

लेकिन सच तो यह है कि सफलता और असफलता दोनों ही जीवन का एक हिस्सा हैं। कोई भी स्थाई नहीं है। आज आप ऊपर हैं, तो कल कोई और होगा। इसलिए ज़रूरी है कि हम दोनों ही हालात को एक जैसा समझें और अपने आप को न बदलने दें।

नौशीन का यह अनुभव हमें याद दिलाता है कि दिखावे की दुनिया में भी असली चीज़ इंसानियत और खुद पर काबू रखना है। फेम आती-जाती रहेगी, लेकिन अगर आप खुद को भूल गए, तो फिर सब कुछ बेकार है।

तो अगली बार जब कोई सफलता आपके सिर चढ़कर बोलने लगे, तो शायद राजेश खन्ना और हेमा मालिनी का वह एयरपोर्ट वाला दृश्य याद कर लेना चाहिए। हो सकता है, यह आपको विनम्र बनाए रखने में मदद करे।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।