रेलवे कर्मचारियों को दिवाली तोहफा: सरकार देगी 1,866 करोड़ का बोनस, 10.91 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा
25 सितम्बर 2025: त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। मंगलवार, 24 सितंबर को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 78 दिन का प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड बोनस (PLB) देने की मंजूरी दी गई। इसके तहत 10.91 लाख गैर-राजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को दिवाली से पहले बोनस मिलेगा। सरकार ने इसके लिए 1,866 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
रेलवे की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, यह बोनस 78 दिन की सैलरी के बराबर होगा। हर पात्र कर्मचारी को अधिकतम ₹17,951 तक का बोनस मिलेगा। यह सुविधा इन कर्मचारियों को दी जाएगी:
- ट्रैक मेंटेनर
- लोको पायलट
- ट्रेन मैनेजर (गार्ड)
- स्टेशन मास्टर
- सुपरवाइजर
- टेक्नीशियन और उनके हेल्पर
- प्वाइंटमैन
- मिनिस्टीरियल स्टाफ
- अन्य ग्रुप ‘C’ कर्मचारी
यानी यह बोनस सीधे तौर पर उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो रेलवे के संचालन और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करते हैं।
रेलवे का प्रदर्शन रहा शानदार
सरकार ने कहा कि यह बोनस कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय रेलवे का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा। रेलवे ने रिकॉर्ड 1,614.90 मिलियन टन माल ढुलाई की और करीब 7.3 अरब (730 करोड़) यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।
इससे स्पष्ट है कि रेलवे ने न सिर्फ राजस्व बढ़ाया, बल्कि यात्रियों की सेवा और माल ढुलाई दोनों में बेहतर परिणाम दिए। यही कारण है कि सरकार ने बोनस को मंजूरी देते हुए कर्मचारियों की मेहनत को सराहा।
त्योहारों से पहले बाज़ार में आएगी रौनक
रेलवे कर्मचारियों के बोनस से न सिर्फ उनका उत्साह बढ़ेगा बल्कि बाज़ार में भी मांग बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि बोनस मिलने से कर्मचारी इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, गहने और घरेलू सामान की खरीदारी करेंगे, जिससे कारोबारियों को फायदा होगा।
पिछले साल भी बोनस से त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ी थी, और इस बार भी कारोबारी तेजी से डिमांड बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। खासकर जीएसटी में हाल की कटौती के बाद बाज़ार को और मजबूती मिलेगी।
अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
आर्थिक जानकारों के मुताबिक, बोनस सिर्फ कर्मचारियों की जेब तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसका मल्टीप्लायर इफ़ेक्ट होता है। यानी यह पैसा बाज़ार में जाता है, मांग बढ़ती है और आर्थिक गतिविधियां तेज होती हैं।
त्योहारी सीजन में बोनस का असर अर्थव्यवस्था के अंतिम तीन महीनों में खपत को स्थिर करने में मदद करेगा। सरकार ने भी उम्मीद जताई है कि इससे ग्रामीण और शहरी दोनों बाज़ारों में ग्राहक खर्च बढ़ेगा।
यूनियन की मांगें: बोनस की गणना पर विवाद
हालांकि, रेलवे कर्मचारियों की यूनियन ने बोनस की राशि बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि बोनस अब भी छठे वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन ₹7,000 के आधार पर तय होता है, जबकि सातवें वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतन ₹18,000 है।
इंडियन रेलवे एम्प्लॉयीज फेडरेशन (IREF) के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह ने कहा:
“जब सातवें वेतन आयोग के तहत ₹18,000 न्यूनतम वेतन लागू है, तो बोनस पुराने वेतन पर क्यों दिया जा रहा है? सरकार को इसे अपडेट करना चाहिए।”
इसी तरह, ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (AIRF) ने भी मांग की है कि ₹7,000 की सीमा पुरानी हो चुकी है और इसे संशोधित किया जाए। साथ ही, उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि बोनस की राशि दशहरा से पहले जारी की जाए और जल्द से जल्द आठवें वेतन आयोग के गठन पर अधिसूचना निकाली जाए।