आरएसएस फीड के ये उपयोग शायद आप नहीं जानते होंगे
आरएसएस यानी ‘रीली सिंपल सिंडिकेशन’। ये तकनीक शायद पुरानी लगे, लेकिन आज भी काम की है। बहुत से लोग इसे सिर्फ न्यूज़ पढ़ने का जरिया मानते हैं, लेकिन इसके और भी कई उपयोग हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो आपको हैरान कर सकते हैं।
एक ही जगह पर सारी खबरें
अलग-अलग वेबसाइट्स से खबरें पढ़ने का सबसे आसान तरीका है आरएसएस फीड। दिलचस्प बात ये है कि आप न्यूज़, ब्लॉग्स, मैगज़ीन्स – सबको एक साथ पढ़ सकते हैं। बस एक आरएसएस रीडर ऐप चाहिए। फिर क्या, आपके पसंदीदा स्रोतों की ताज़ा खबरें आपके सामने होंगी। समय बचेगा, और जानकारी भी पूरी मिलेगी।
आपकी पसंद के मुताबिक कंटेंट
कई वेबसाइट्स अब खास टॉपिक्स के लिए अलग-अलग आरएसएस फीड देती हैं। मिसाल के तौर पर, अगर आपको टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी है, तो सिर्फ उसी से जुड़े अपडेट्स मिलेंगे। ये तरीका उनके लिए खासा उपयोगी है जो किसी खास विषय पर फोकस करना चाहते हैं। और अच्छी बात ये कि आपको हर बार वेबसाइट खोलने की जरूरत नहीं पड़ती।
रिसर्च और ट्रेंड्स पर नज़र
अगर आप किसी खास इंडस्ट्री से जुड़े हैं, तो आरएसएस आपके काम का टूल हो सकता है। इंडस्ट्री ब्लॉग्स, न्यूज़ साइट्स और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को सब्सक्राइब करके आप लेटेस्ट ट्रेंड्स पर नज़र रख सकते हैं। ये विद्यार्थियों और रिसर्चर्स के लिए भी कारगर है। हालांकि, बहुत सारे फीड्स सब्सक्राइब करने से भ्रम भी हो सकता है। इसलिए संतुलन जरूरी है।
पॉडकास्ट और वीडियो के लिए भी काम आता है
शायद आप नहीं जानते होंगे, लेकिन आरएसएस सिर्फ टेक्स्ट कंटेंट तक सीमित नहीं है। अधिकतर पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म्स आरएसएस फीड का ही इस्तेमाल करते हैं। जब भी नया एपिसोड आता है, ये अपने-आप डाउनलोड हो जाता है। वीडियो कंटेंट के साथ भी ऐसा ही है। और अगर आप खुद कंटेंट क्रिएटर हैं, तो अपने चैनल के लिए भी आरएसएस फीड बना सकते हैं।
कंटेंट मार्केटिंग में मददगार
ब्लॉग या वेबसाइट चलाने वालों के लिए आरएसएस एक सीधा-साधा टूल है। पाठक बिना किसी झंझट के आपके अपडेट्स सब्सक्राइब कर सकते हैं। नया कंटेंट पब्लिश होते ही वो उन तक पहुँच जाता है। यूँ कहें कि ये ईमेल न्यूज़लेटर्स का एक विकल्प हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे, सभी यूजर्स आरएसएस से परिचित नहीं होते।
कॉम्पिटिटर्स पर नज़र रखने का तरीका
बिज़नेस के लिए ये तकनीक किसी खजाने से कम नहीं। प्रतियोगियों की वेबसाइट्स, ब्लॉग्स और सोशल मीडिया अपडेट्स को आरएसएस के जरिए मॉनिटर किया जा सकता है। नए प्रोडक्ट्स, ऑफर्स या अनाउंसमेंट्स की जानकारी बिना देरी के मिल जाती है। मुमकिन है कि ये जानकारी आपकी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी बनाने में काम आए।
ग्राहकों की प्रतिक्रिया समझने में सहायक
किसी भी बिज़नेस के लिए ग्राहकों की प्रतिक्रिया जानना जरूरी है। आरएसएस फीड्स का इस्तेमाल करके कंपनियाँ सोशल मीडिया और रिव्यू साइट्स पर अपने ब्रांड का जिक्र ट्रैक कर सकती हैं। अगर कोई शिकायत या सुझाव मिलता है, तो तुरंत उस पर कार्रवाई की जा सकती है। हालाँकि, इसके लिए सही टूल्स और फिल्टर्स का इस्तेमाल जरूरी है।
कंपनी के भीतर संचार का माध्यम
बड़ी संस्थाओं के लिए आरएसएस एक प्रभावी इंटरनल कम्युनिकेशन टूल हो सकता है। नीतियों में बदलाव, नए प्रोजेक्ट्स या कर्मचारियों से जुड़े अपडेट्स सभी को एक साथ भेजे जा सकते हैं। फायदा ये है कि इसमें ईमेल की तरह स्पैम का खतरा नहीं होता। लेकिन छोटी टीम्स के लिए शायद ये जरूरी न हो।
आज के दौर में जब सोशल मीडिया एल्गोरिदम हमारे फीड्स को कंट्रोल करते हैं, आरएसएस एक साधारण लेकिन प्रभावी विकल्प बना हुआ है। बस जरूरत है सही तरीके से इस्तेमाल करने की।