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Microsoft Edge में AI की शक्ति: Copilot Mode के साथ अब ब्राउज़िंग होगी और भी आसान

माइक्रोसॉफ्ट ने एज ब्राउज़र में जोड़ा नया AI फीचर

बड़ी टेक कंपनियाँ जहाँ अपने ब्राउज़रों में AI को शामिल करने की दिशा में काम कर रही हैं, वहीं माइक्रोसॉफ्ट भी पीछे नहीं है। कंपनी ने सोमवार, 28 जुलाई को अपने एज ब्राउज़र में ‘कोपायलट मोड’ नामक एक नई सुविधा पेश की, जो AI की मदद से इंटरनेट ब्राउज़िंग को और आसान बनाती है।

माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक, यह फीचर यूजर्स को कम क्लिक में तेजी से रिसर्च करने में मदद करेगा। अगर यूजर चाहे, तो कोपायलट उनके सभी खुले टैब्स और ब्राउज़िंग हिस्ट्री को भी एक्सेस कर सकता है। शायद यह उन लोगों के लिए बेहतर होगा, जो बार-बार टैब्स बदलने से बचना चाहते हैं।

क्या कर सकता है कोपायलट मोड?

इस नई सुविधा का मकसद यूजर्स की प्रोडक्टिविटी बढ़ाना है। मिसाल के तौर पर, अगर कोई यूजर किसी खास तारीख पर सबसे सस्ती फ्लाइट्स ढूँढना चाहता है, तो वह कोपायलट से पूछ सकता है। AI उसे बिना कई वेबसाइट्स पर जाए, सीधे सही विकल्प दिखा देगा।

लेकिन माइक्रोसॉफ्ट यह भी साफ करती है कि अभी यह एक एक्सपेरिमेंटल फीचर है। फिर भी, यूजर्स इसे डिफॉल्ट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। यह फिलहाल उन्हीं Mac या PC यूजर्स के लिए उपलब्ध है, जिनके पास कोपायलट तक पहुँच है।

कैसे काम करता है यह फीचर?

जब कोपायलट मोड एक्टिवेट होता है, तो एज ब्राउज़र में एक नया टैब पेज दिखाई देता है। यहाँ से यूजर्स सर्च कर सकते हैं, AI से बातचीत कर सकते हैं और वेब ब्राउज़िंग के दौरान मदद ले सकते हैं। मिसाल के तौर पर, अगर कोई यूजर किसी रेसिपी वेबपेज पर है और उसे वीगन विकल्प चाहिए, तो कोपायलट उसे बता सकता है कि कौन-सी सामग्री बदली जा सकती है।

इसके अलावा, यह AI असिस्टेंट ग्रोसरी लिस्ट बनाने, अपॉइंटमेंट्स शेड्यूल करने और कंटेंट लिखने जैसे कामों में भी मदद कर सकता है। हालाँकि, माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि अभी इसमें कुछ ही बेसिक फंक्शन्स हैं, लेकिन समय के साथ इसे और बेहतर बनाया जाएगा।

मल्टीटैब कॉन्टेक्स्ट की सुविधा

अगर यूजर एक्सेस देता है, तो कोपायलट उसके सभी खुले टैब्स को देखकर समझ सकता है कि वह क्या ब्राउज़ कर रहा है। यह फीचर तब काम आ सकता है, जब कोई यूजर होटल या फ्लाइट्स की तुलना कर रहा हो। AI चैटबॉट्स पहले से ही ऐसे काम करते हैं, लेकिन ब्राउज़र में इसे शामिल करने से प्रक्रिया और तेज हो सकती है।

वॉइस असिस्ट का विकल्प

कोपायलट में वॉइस इनपुट का भी विकल्प है, जो उन यूजर्स के लिए मददगार हो सकता है, जिन्हें AI के बारे में कम जानकारी है या जो ऑनलाइन बुकिंग करते समय मोबिलिटी की समस्या से जूझते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, भविष्य में यूजर्स कोपायलट को लॉगिन क्रेडेंशियल्स या हिस्ट्री जैसी जानकारी देकर जटिल कामों, जैसे रिज़र्वेशन आदि, को करने में मदद ले सकेंगे। हालाँकि, अभी यह प्रक्रिया थोड़ी मैनुअल है।

वेबपेज पर बिना रुकावट के काम करना

कोपायलट को किसी भी वेबपेज पर एड किया जा सकता है, बिना पेज की पोजीशन खोए। चाहे कंटेंट ट्रांसलेट करना हो या रेसिपी के माप बदलने हों, यह एक डायनामिक विंडो में दिखाई देता है, जबकि मूल पेज भी दिखता रहता है। इससे यूजर्स को जल्दी जानकारी मिलती है और पॉप-अप्स या लंबे ब्लॉग पोस्ट्स से ध्यान नहीं भटकता।

भविष्य में और क्या होगा?

माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि आने वाले समय में कोपायलट यूजर्स को उनके प्रोजेक्ट्स या टॉपिक्स पर आगे के सुझाव भी देगा, ताकि वे जहाँ से छोड़कर गए थे, वहीं से काम शुरू कर सकें।

साथ ही, कंपनी इस बात पर जोर देती है कि कोपायलट किसी यूजर के ब्राउज़र कंटेंट को तभी एक्सेस करेगा, जब यूजर सहमति देगा। इसके लिए ब्राउज़र में विजिबल इंडिकेशन्स भी दिखाई देंगे।

तो देखना यह होगा कि यह नया फीचर यूजर्स को कितना पसंद आता है और क्या यह वाकई ब्राउज़िंग को और आसान बना पाता है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।