ओपनएआई का GPT-5 जल्द हो सकता है लॉन्च, माइक्रोसॉफ्ट ने शुरू किया ‘स्मार्ट मोड’
चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई अब अपने नए लार्ज लैंग्वेज मॉडल GPT-5 को लॉन्च करने की तैयारी में है। कुछ सूत्रों का कहना है कि यह नया एआई मॉडल अगले हफ्ते तक पेश किया जा सकता है। GPT-5 को लेकर उम्मीदें काफी ज्यादा हैं, खासकर एडवांस्ड रीजनिंग और खुद से काम करने की क्षमताओं को लेकर।
लेकिन इससे पहले ही माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कोपायलट प्लेटफॉर्म पर एक नया ‘स्मार्ट मोड’ टेस्ट करना शुरू कर दिया है। ऐसा लगता है कि यह फीचर GPT-5 पर आधारित हो सकता है, हालांकि कंपनी ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
क्या है यह नया ‘स्मार्ट मोड’?
इस नए मोड को सबसे पहले टेस्टिंगकैटलॉग नामक एक्सपर्ट्स ने देखा। यह फिलहाल कुछ चुनिंदा यूजर्स को ही कोपायलट की वेबसाइट और ऐप पर दिख रहा है। टेक्स्ट फील्ड के नीचे मॉडल सेलेक्टर में इस नए ऑप्शन को देखा जा सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक, स्मार्ट मोड कोपायलट को यह तय करने देता है कि किसी टास्क के लिए उसे ‘गहराई से सोचना है या फिर तेजी से काम करना है’। यानी यूजर्स को अलग-अलग मॉडल्स के बीच स्विच नहीं करना पड़ेगा – सिस्टम खुद ही काम के हिसाब से सही विकल्प चुन लेगा।
GPT-5 की क्षमताओं पर संकेत
इस डिस्क्रिप्शन से एक बात साफ होती है – GPT-5 में शायद रीजनिंग और नॉन-रीजनिंग दोनों तरह की क्षमताएं होंगी। ओपनएआई के सीईओ सैम अल्टमैन पिछले कुछ महीनों से इस ओर इशारा करते रहे हैं। उनके मुताबिक, नया मॉडल पहले के वर्जन्स के मुकाबले ज्यादा समझदारी से काम करेगा।
लेकिन यहां एक सवाल उठता है – क्या कोपायलट GPT-5 की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करेगा? इस बारे में अभी कुछ साफ नहीं है। GPT-5 के अलग-अलग इंटेलिजेंस मोड्स हो सकते हैं, और माइक्रोसॉफ्ट शायद उनमें से किसी एक को ही इंटीग्रेट कर रहा हो।
लॉन्च में क्यों हो रही देरी?
GPT-5 पर काम काफी समय से चल रहा है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सेफ्टी को लेकर चिंताओं के चलते कंपनी ने इसके लॉन्च को टाल दिया था। अगस्त के आखिर तक इसे रिलीज किया जा सकता है, लेकिन ओपनएआई ने अभी तक कोई आधिकारिक तारीख नहीं बताई है।
ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हो रहा है। एआई कंपनियां अक्सर नए मॉडल्स को लेकर सावधानी बरतती हैं, खासकर तब जब उनमें स्वायत्तता (ऑटोनॉमी) जैसी फीचर्स हों। शायद GPT-5 के साथ भी यही मामला है।
माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई का मजबूत साझा
दिलचस्प बात यह है कि GPT-5 की अफवाहों के बीच माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई की साझेदारी और मजबूत होती दिख रही है। कंपनी अब हर नए विंडोज डिवाइस के साथ कोपायलट शिप कर रही है। हालांकि चैटजीपीटी जितनी पॉपुलैरिटी इसे अभी नहीं मिली है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट इसे सबसे आसान जेनरेटिव एआई असिस्टेंट बनाना चाहता है।
कुछ समय पहले तक यह भी खबरें आई थीं कि ओपनएआई के कुछ एक्जीक्यूटिव्स माइक्रोसॉफ्ट पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं का आरोप लगा रहे थे। लेकिन लगता है कि दोनों कंपनियों के रिश्तों पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है। बल्कि, पिछले कुछ सालों में यह साझेदारी और गहरी हुई है।
क्या बदलाव लाएगा GPT-5?
अगर सूत्रों की मानें तो GPT-5 पिछले वर्जन्स के मुकाबले काफी अलग होगा। यह न सिर्फ जटिल सवालों को बेहतर तरीके से समझ पाएगा, बल्कि लंबे टास्क्स को खुद से पूरा करने में भी सक्षम हो सकता है। मसलन, अगर आप कोई रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं, तो यह मॉडल शायद खुद ही रिसोर्सेज ढूंढकर उनका विश्लेषण कर सकेगा।
लेकिन यहां एक सवाल यह भी है कि आम यूजर्स के लिए इसके क्या मायने होंगे। GPT-4 ने भी काफी तारीफें बटोरी थीं, लेकिन कई लोगों को लगता है कि उसकी क्षमताओं का पूरा फायदा नहीं उठाया जा सका। GPT-5 के साथ शायद यह चुनौती और बड़ी हो सकती है।
फिलहाल तो यूजर्स को इंतजार करना होगा। अगले कुछ हफ्तों