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“अभी वक्त है निवेश का” : मोदी ने वैश्विक सीईओ सहित भारतीय शिपिंग-सेक्टर को न्योता दिया

मुंबई, 30 अक्टूबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में आयोजित India Maritime Week 2025 की मेज-बैठक में वैश्विक निवेशकों से सीधे अपील की है – उन्होंने कहा है कि “यह सही समय है” जब उन्होंने भारत के शिपिंग एवं बंदरगाह क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सुविधा तथा बड़े पैमाने की विकास योजनाओं का जिक्र किया।

मुख्य बातें

  • मोदी ने कहा: “For all of you hailing from different countries, this is the right time to work in the Indian shipping sector and also expand (your presence).”
  • उन्होंने 100 प्रतिशत FDI की अनुमति और ‘Make in India, Make for the World’ विज़न के तहत निवेश आकर्षित करने का दावा किया।
  • भारत में 12 प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता को चार गुना बढ़ाने तथा कंटेनराइजेशन व शिपिंग हिस्सा बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • उन्होंने वैश्विक शिपिंग कंपनी सीईओs से मुलाकात की जिसमें AP Moller‑Maersk, DP World तथा Mediterranean Shipping Company जैसी कंपनियाँ शामिल थीं।
  • नीति-परिवर्तन और संसाधन विकास के माध्यम से भारत को एक प्रमुख समुद्री राष्ट्र बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

क्या हुआ

मुंबई के नेसको कॉम्प्लेक्स में आयोजित India Maritime Week 2025 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक सार्वजनिक संबोधन में कहा कि अब समय है जब वैश्विक निवेशकों को भारत के शिपिंग सेक्टर में झांकना चाहिए। उसी के बाद उन्होंने वैश्विक सीईओs के साथ एक बंद दरवाजे की बैठक की, जिसमें इस क्षेत्र में निवेश के अवसरों और भारत की क्षमताओं पर चर्चा हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बड़े-बड़े पोर्ट्स, लॉजिस्टिक चेन, कंटेनर हैंडलिंग तथा शिपबिल्डिंग के अवसर हैं – और सरकार ने इसे तेजी से आगे बढ़ाने के लिए नियम-कानून सरल बनाए हैं।

प्रमुख तथ्य / डेटा

  • भारत ने अपनी प्रमुख बंदरगाह क्षमता को लगभग दोगुना कर लिया है और पोर्ट संचालन में तेजी आई है।
  • माल ढुलाई, कंटेनर हैंडलिंग तथा पोर्ट टर्नअराउंड टाइम में सुधार हुआ है – उदाहरण के लिए पोर्ट-टू-हिंटरलैंड लॉजिस्टिक में तेजी आई है।
  • सरकार ने शिपबिल्डिंग और शिपिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लगभग ₹70,000 करोड़ पैकेज की घोषणा की है।
  • 100 % FDI की अनुमति दी गई है – यह निवेशकों के लिए भारत को आकर्षक बनाता है।

प्रतिक्रियाएँ और बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:

“You all are an important partner who will help us achieve all our aims. We welcome your ideas, innovations and investments.”
इस बयान से यह स्पष्ट हुआ कि सरकार न सिर्फ निवेश चाहती है बल्कि वैश्विक कंपनियों को साझेदारी में शामिल करना चाहती है।
वित्त एवं अर्थशास्त्र विशेषज्ञों ने भी टिप्पणी की है कि इस समय भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश के लिए प्रासंगिक अवसर उत्पन्न हो गए हैं क्योंकि वैश्विक आपूर्ति-शृंखला में बदलाव हो रहे हैं।

वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा

इस संदेश के बाद, सरकार ने अगले कुछ महीनों में विभिन्न MoU तथा पार्टनरशिप की घोषणा करने का संकेत दिया है। भारत के 12 प्रमुख पोर्ट्स की क्षमता को चार गुना बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है और शिपबिल्डिंग-सहायता स्कीमों पर काम तेजी से जारी है। निवेशकों और वैश्विक सीईओs का ध्यान अब भारत की लॉजिस्टिक और शिपिंग क्षमताओं पर बढ़ रहा है।
यदि यह निवेश आकर्षित हो जाता है समय पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होता है, तो भारत वैश्विक शिपिंग-हब बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है।

संदर्भ / पृष्ठभूमि

भारत के समुद्री क्षेत्र को लंबे समय से “ब्लू इकॉनमी” की बड़ी संभावना माना गया है- देश के 7,500 किमी से अधिक तटीय रेखा, रणनीतिक समुद्री मार्ग और बदलती ग्लोबल लॉजिस्टिक नेटवर्क इसे अनुकूल स्थान बनाते हैं।
हाल के वर्षों में, भारत ने शिपिंग और पोर्ट्स के लिए नियम-विनियम सरल किए हैं तथा विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीमें लाई हैं। इस प्रकार का प्रधानमंत्री द्वारा निवेश-आह्वान इस क्षेत्र में एक नई लहर उत्पन्न कर सकता है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।