शबनिम इस्माइल का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में इंग्लैंड की लॉरेन फाइलर
दक्षिण अफ्रीका की 36 वर्षीय शबनिम इस्माइल, जिन्होंने वर्नॉन फिलेंडर के साथ सड़क क्रिकेट खेलते हुए अपने करियर की शुरुआत की थी, महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड अपने नाम रखती हैं। 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 128 किमी/घंटा (79.54 मील/घंटा) की गेंद फेंकी थी। पिछले साल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के नौ महीने बाद, दिल्ली में WPL मैच में उन्होंने 82.08 मील/घंटा की गेंद फेंकी।
80 मील का जादुई आंकड़ा
अब इंग्लैंड की 24 वर्षीय लॉरेन फाइलर इस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहती हैं। हाल ही में भारत के खिलाफ हुए T20 सीरीज में खेल चुकी फाइलर अब आगामी ODI सीरीज में भी दिखाई देंगी। भारत के खिलाफ तीसरे T20I में उनकी गेंद की औसत गति 76 मील/घंटा रही, जो महिला क्रिकेट में अब तक की सबसे तेज रिकॉर्डेड ओवर है। अपने चौथे ओवर में उन्होंने दो बार 79 मील/घंटा की गति हासिल की और मैच के बाद उन्होंने कहा कि वह 80 मील/घंटा के जादुई आंकड़े को छूना चाहती हैं।
“अभिमानी नहीं, पर आत्मविश्वासी”
फाइलर ने उस ओवर के बारे में कहा, “अभिमानी लगने का मतलब नहीं, लेकिन मुझे लगता था कि मैं 80 के करीब जा सकती हूं। पिछले एक साल में मैं कभी-कभी 78 तक पहुंच जाती थी। लेकिन इस बार अच्छी बात यह थी कि मेरी गति लगातार बनी रही। यही मैं हासिल करना चाहती हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं लगातार 70 के मध्य में गेंदबाजी करने की कोशिश करूंगी। महिला क्रिकेट में यह आम नहीं है, इसलिए यही मेरा लक्ष्य है।”
महिला क्रिकेट को प्रेरित करने की चाह
फाइलर का कहना है कि वह यह रिकॉर्ड तोड़कर महिला क्रिकेट को प्रेरित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “शायद यही कारण है कि मैं यह आंकड़ा छूना चाहती हूं। यह सिर्फ मेरा व्यक्तिगत माइलस्टोन नहीं है, बल्कि यह साबित करना है कि महिलाएं भी यह कर सकती हैं। मैं नहीं चाहती कि सिर्फ एक-दो लोग ही ऐसा करें। हम चाहते हैं कि कई महिला गेंदबाज इस गति तक पहुंचें।”
शबनिम का ‘डेमन’ वाला सफर
इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए फाइलर को शबनिम इस्माइल से आगे निकलना होगा, जो दक्षिण अफ्रीका के लिए लगातार तेज गेंदबाजी करती रही हैं। शबनिम ने फुटबॉल से शुरुआत की थी और 12-13 साल की उम्र में क्रिकेट की ओर रुख किया। शुरुआत में वह बल्लेबाजी करती थीं। उन्होंने एक बार BBC पॉडकास्ट ‘स्टंप्ड’ में कहा था, “मुझे गेंदबाजी से नफरत थी क्योंकि मुझे लगता था कि मैं बहुत ऊर्जा बर्बाद कर रही हूं। 15-16 साल की उम्र में मैंने गेंदबाजी आजमाने का फैसला किया।”
कैसे मिला ‘डेमन’ नाम?
शबनिम का एक प्यारा सा उपनाम भी था – ‘डेमन’, जो ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज फ्रेड स्पॉफोर्थ से प्रेरित था। इस नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। शबनिम ने बताया, “जब मैं 16 साल की थी, तो मैंने स्टंप्स तोड़ दिए, बेल्स उड़ा दीं और बाउंसर फेंके। एक मैच के बाद, एक खिलाड़ी मेरे कोच के पास गया और बोला, ‘यह तो एक डेमन है, मैं इसका सामना नहीं करना चाहता!'” तभी से उन्हें ‘डेमन’ कहा जाने लगा।
बचपन और प्रेरणा
शबनिम ने अपने बचपन और अपने आदर्श के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “मैंने वर्नॉन फिलेंडर और ब्यूरन हेंड्रिक्स के साथ सड़कों पर खेलना शुरू किया था। लड़कों के साथ बहुत खेला करती थी। डेल स्टेन मेरे आदर्श हैं… काश मैं थोड़ी लंबी होती (वह पांच फुट पांच इंच हैं), और मेरे कंधे थोड़े चौड़े होते!… मुझे फास्ट कारें भी पसंद हैं। मेरी जीवनशैली में सब कुछ तेजी से होता है।” अब फाइलर में ये सभी गुण मौजूद हैं – वह लंबी हैं, उनके कंधे चौड़े हैं, और वह 80 मील/घंटा के लक्ष्य को हासिल करना चाहती हैं।