क्या ओली पोप इंग्लैंड कप्तानी के लिए उपयुक्त नहीं? माइकल वॉन ने हॉब ब्रुक को बताया बेहतर विकल्प
माइकल वॉन ने ओली पोप की कप्तानी पर उठाए सवाल
पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर माइकल वॉन का मानना है कि ओली पोप एक अच्छे उप-कप्तान तो हो सकते हैं, लेकिन टीम की कमान संभालने के लिए उनमें वो खास बात नहीं है। वॉन ने भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट में पोप के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह ‘नेचुरल लीडर’ नहीं लगते।
और अब जबकि अगले तीन महीने में एशेज सीरीज शुरू होने वाली है, वॉन ने सुझाव दिया कि अगर नियमित कप्तान बेन स्टोक्स खेल नहीं पाए, तो हैरी ब्रुक को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
‘पोप बेहतरीन उप-कप्तान, पर कप्तानी के लिए नहीं’
वॉन ने ‘स्टिक टू क्रिकेट’ पॉडकास्ट में कहा, *”हम उप-कप्तानों की अहमियत को कम आंकते हैं। मार्कस ट्रेस्कोथिक बेहतरीन उप-कप्तान थे। मेरे ख्याल से ओली पोप भी एक शानदार उप-कप्तान हैं। लेकिन कप्तान? नहीं।”*
उन्होंने आगे कहा, *”उन्हें कप्तान बनाने का फैसला…मैं इसे दूर से ही भांप सकता हूं। वह मैदान पर नैसर्गिक नेता नहीं हैं। मैंने यह पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ देखा था। और इस हफ्ते फिर देखा।”*
स्टोक्स की फिटनेस को लेकर चिंता
वॉन ने एशेज से पहले स्टोक्स की फिटनेस को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, *”मान लीजिए पर्थ टेस्ट में स्टोक्स खेल नहीं पाते – कंधे का दर्द या शरीर टूट रहा हो…बेन के साथ कुछ भी हो सकता है। उम्मीद है वह ठीक रहेंगे, लेकिन अगर वह नहीं खेल पाए, तो मैं पोप को कप्तान नहीं देख सकता।”*
लेकिन उन्होंने हैरी ब्रुक के बारे में अलग राय रखी: *”ब्रुक में मुझे एक नेचुरल लीडर दिखता है। वह इस भूमिका के लिए बेहतर फिट लगते हैं।”*
पोप का प्रदर्शन और नेतृत्व शैली
शायद वॉन की टिप्पणी का आधार पोप का हालिया प्रदर्शन है। भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट में इंग्लैंड की टीम को भारी हार का सामना करना पड़ा था। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पोप मैदान पर आक्रामक रणनीतियों को लेकर ज्यादा स्पष्ट नहीं दिखे।
तो क्या यह सिर्फ एक मैच की प्रतिक्रिया है? या फिर पोप वाकई लंबे समय तक कप्तानी का दबाव झेलने के लिए तैयार नहीं? वॉन जैसे अनुभवी खिलाड़ी की राय को नजरअंदाज करना मुश्किल है।
ब्रुक पर क्यों टिकी हैं नजरें?
हैरी ब्रुक ने हाल के वर्षों में अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ मैदान पर परिपक्वता भी दिखाई है। वॉन की नजर में शायद यही गुण उन्हें कप्तानी के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
लेकिन यहां एक सवाल भी है – क्या 24 साल के ब्रुक में इतना अनुभव है कि वह एशेज जैसी महत्वपूर्ण सीरीज की कमान संभाल सकें? या फिर इंग्लैंड को किसी और विकल्प पर विचार करना चाहिए?
कप्तानी पर बहस जारी
इंग्लैंड क्रिकेट में कप्तानी को लेकर यह चर्चा नई नहीं है। जो रूट के बाद से ही टीम नेतृत्व को लेकर प्रयोग करती आई है। स्टोक्स की अगुआई में टीम ने ‘बेजबॉल’ रणनीति से कुछ सफलता पाई है, लेकिन उनकी फिटनेस हमेशा चिंता का विषय रही है।
ऐसे में वॉन की टिप्पणी शायद इस बहस को नई दिशा दे सकती है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड इस पर क्या रुख अपनाता है।
एक बात तो साफ है – एशेज से पहले टीम प्रबंधन को इस मुद्दे पर स्पष्ट होना होगा। वरना पर्थ में उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।