6 अक्टूबर 2025: पिछले एक महीने से भारतीय शेयर बाजार सुस्त और कमजोर प्रदर्शन कर रहा है। इसका मुख्य कारण अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ (शुल्क) विवाद माने जा रहे हैं, जिनका असर न केवल भारत बल्कि कई वैश्विक बाजारों पर पड़ा है। विदेशी निवेशकों (FII) के बड़े पैमाने पर निकलने से बाजार में ठहराव आ गया है।
ट्रंप टैरिफ विवाद से झटका भारतीय बाजार को
ट्रंप और उनके सलाहकार पीटर नवारो के कड़े रुख के चलते भारत पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है। लगातार टैरिफ नीतियों और बयानबाज़ी ने निवेशकों का भरोसा डगमगा दिया है।
कई विदेशी निवेशकों ने अपने निवेश भारतीय बाजार से निकाल लिए हैं, जिससे बाजार ऊपरी स्तरों पर टिक नहीं पा रहा है। परिणामस्वरूप, बीते दो महीनों से सेंसेक्स और निफ्टी में कोई स्थायी तेजी नहीं देखी गई।
सितंबर बना अहम महीना निवेशकों के लिए
अगस्त का महीना निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा, कई पोर्टफोलियो में 10% तक की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, सितंबर की शुरुआत थोड़ी उम्मीद जगाने वाली रही जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि “हम दोस्त बने रहेंगे”।
इस बयान ने बाजार को थोड़ी राहत दी, लेकिन ट्रंप की नीतियों की अस्थिरता के कारण विदेशी निवेशक अब भी सतर्क हैं।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति धीरे-धीरे स्थिर होगी और त्योहारी सीजन से पहले बाजार में रौनक लौट सकती है।
GST राहत बनी उम्मीद की किरण
सरकार द्वारा दिए गए GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में राहत को बाजार के लिए एक “बूस्टर डोज़” माना जा रहा है। हालांकि शुक्रवार को इसका असर शेयर बाजार पर देखने को नहीं मिला, लेकिन नवरात्रि और दिवाली के बाद खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
इस टैक्स रियायत का सबसे बड़ा फायदा भारत के मध्यम वर्ग को मिलने वाला है। विश्लेषकों का कहना है कि GST राहत से न केवल खपत बढ़ेगी बल्कि कंपनियों के तिमाही नतीजों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
त्योहारी सीजन से बढ़ेंगी उम्मीदें
भारत में अक्टूबर से शुरू होने वाला फेस्टिव सीजन बाजार को नई दिशा दे सकता है।
यदि उपभोक्ता मांग बढ़ती है तो बैंकिंग, एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है।
हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगले 10 दिन बेहद अहम होंगे — अगर बाजार शुरुआती तेजी को बरकरार नहीं रख सका, तो नए निवेशक “फंसे” भी रह सकते हैं।
मुख्य बातें:
- ट्रंप के टैरिफ विवाद से भारतीय शेयर बाजार में ठहराव।
- अगस्त में कई पोर्टफोलियो में 10% तक गिरावट दर्ज।
- सितंबर में निवेशकों को राहत की उम्मीद।
- GST रियायत मध्यम वर्ग और बाजार दोनों के लिए सकारात्मक।
- अगले 10 दिन तय करेंगे दिवाली से पहले बाजार का मूड।