भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आगामी आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 के लिए अपना कप्तान और उप-कप्तान चुन लिया है। बीसीसीआई ने इसकी घोषणा करते हुए हरमनप्रीत कौर को टीम का कप्तान और स्मृति मंधाना को उप-कप्तान नामित किया है। यह फैसला उम्मीद के मुताबिक ही है, क्योंकि दोनों खिलाड़ी लंबे समय से टीम की रीढ़ रही हैं।
लेकिन यह नियुक्ति सिर्फ एक औपचारिकता भर नहीं है। इस टूर्नामेंट की भारी जिम्मेदारी दोनों के कंधों पर होगी, खासकर तब जब टूर्नामेंट घरेलू मैदानों पर खेला जाना है।
विश्व कप से पहले का माहौल
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 का आयोजन भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। यह इस टूर्नामेंट का 13वां संस्करण है और इसकी शुरुआत 30 सितंबर, 2025 को नवी मुंबई में होगी। टूर्नामेंट करीब एक महीने तक चलेगा और नवंबर के शुरुआती दिनों में इसके फाइनल मुकाबले के साथ समाप्त होगा।
महज 40 दिन से भी कम समय बचा है, और टीमें अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही हैं। आठ टीमों के इस टूर्नामेंट में कड़ा मुकाबला देखने को मिलने की उम्मीद है।
ऑस्ट्रेलिया है सबकी नजर
मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की टीम को इस बार भी टूर्नामेंट का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। उनकी टीम में गहराई और अनुभव का भंडार है। लेकिन उनके खिलाफ भी अन्य टीमें इस बार जमकर लोहा ले सकती हैं। ऐसा मुमकिन है क्योंकि सब-कॉन्टिनेंट की पिचों पर स्थितियां थोड़ी अलग होंगी।
हालाँकि, ऑस्ट्रेलिया समेत चार टीमों ने अभी तक अपने अंतिम रोस्टर की घोषणा नहीं की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस तरह की रणनीति के साथ आते हैं।
भारत की तैयारियाँ और चुनौतियाँ
भारतीय टीम के लिए यह टूर्नामेंट इसलिए भी अहम है क्योंकि वह घरेलू दर्शकों के सामने खेल रही होगी। घरेलू मैदान का फायदा तो मिलेगा, लेकिन दबाव भी कम नहीं होगा। हरमनप्रीत कौर का नेतृत्व और स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी टीम के लिए अहम साबित होगी।
टीम में कुछ नए चेहरे भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि इस पर अभी पूरी तरह से कोई भी बात सामने नहीं आई है। चयनकर्ताओं के सामने फॉर्म और अनुभव के बीच सही संतुलन बनाने की चुनौती होगी।
अन्य दावेदार टीमें
इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमें भी मजबूत दावेदारी पेश कर सकती हैं। इन टीमों में कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं जो मौके मिलने पर मैच पलटने की क्षमता रखते हैं। शायद यही इस टूर्नामेंट को और भी रोमांचक बना देगा।
पाकिस्तान और वेस्टइंडीज जैसी टीमें भी अंडरडॉग की भूमिका में किसी भी बड़ी टीम के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। उनके पास हैरान कर देने वाली क्षमता है।
टूर्नामेंट का स्वरूप और शेड्यूल
यह टूर्नामेंट लगभग एक महीने तक चलेगा, जिसमें आठों टीमें एक-दूसरे से भिड़ेंगी। लीग स्टेज के बाद शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी। फाइनल मुकाबला नवंबर के पहले सप्ताह में खेला जाएगा।
शेड्यूल काफी घना है, और टीमों को लगातार मैच खेलने होंगे। ऐसे में फिटनेस और स्क्वाड की गहराई की अहम भूमिका होगी। चोटों से बचाव भी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ सकता है।
आखिर में
कहा जा सकता है कि यह टूर्नामेंट महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए काफी अहम साबित होगा। भारत और श्रीलंका जैसे देशों में होने के कारण इससे खेल की लोकप्रियता को नया बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
फिलहाल, सभी की नजरें उन चार टीमों पर टिकी हैं जिन्होंने अभी तक अपनी टीम की घोषणा नहीं की है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में सभी टीमों के स्क्वाड सामने आ जाएंगे और तस्वीर और साफ हो जाएगी।