चेन्नई में शनिवार को एफआईएच जूनियर विश्व कप के पूल बी मैच में भारत की जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने ओमान को 17-0 से हराकर इतिहास रच दिया। अपने पहले मैच में चिली को 7-0 से हराने के बाद मेजबान टीम ने इस बार और प्रभावी प्रदर्शन किया। उनके आक्रामक हॉकी के प्रदर्शन ने दर्शकों को उत्साहित किया और ओमान की टीम पूरी तरह दबाव में आ गई।
तीन खिलाड़ियों – मनमीत सिंह, अर्शदीप सिंह और दिलराज सिंह – ने हैट्रिक बनाई। वहीं अजीत यादव, गुरजोत सिंह और इंगालेम्बा थौनाओजम लुवांग ने दो-दो गोल किए। अनमोल एक्का और शारदा नंद तिवारी ने भी अपना नाम स्कोरशीट में दर्ज कराया। यह प्रदर्शन जितना निर्मम था, उतना ही लगातार जारी रहा।
इस शानदार जीत के साथ भारत पूल बी में छह अंकों के साथ शीर्ष पर पहुंच गया है। स्विट्जरलैंड के भी छह अंक हैं, लेकिन भारत का गोल अंतर +24 है जबकि स्विट्जरलैंड का +5 है। अब सभी की निगाहें मंगलवार को भारत और स्विट्जरलैंड के बीच होने वाले अंतिम पूल मुकाबले पर हैं। इस मैच के नतीजे से तय होगा कि कौन पूल में पहले स्थान पर रहेगा और क्वार्टर फाइनल में उसे आसान प्रतिद्वंद्वी मिलेगा।
मैच की शुरुआत में ओमान ने अच्छी प्रतिरोधक क्षमता दिखाई। चौथे मिनट में अर्शदीप सिंह के फील्ड गोल के बाद भी उन्होंने अनुशासित रक्षा की। कुछ समय तक उन्होंने भारत के रिदम को धीमा किया और मेजबान टीम के फॉरवर्ड को स्पष्ट मौके नहीं मिलने दिए। लेकिन शॉर्ट ब्रेक के बाद सब कुछ बदल गया।
भारत की टीम दूसरे क्वार्टर में और तेजी से उतरी और महज तीन मिनट में ही मनमीत सिंह ने लीड बढ़ा दी। इसके बाद गोलों का सिलसिला शुरू हो गया। युवा फॉरवर्ड ने मौके बनाए, सर्कल में घुसपैठ की और गोल स्कोरिंग प्रदर्शन की नींव रखी। हाफ टाइम तक भारत 5-0 से आगे चल रहा था। मनमीत ने फिर गोल किया, जबकि अनमोल एक्का और दिलराज सिंह ने भी स्कोर किया। चेन्नई की गर्मी और भारत के लगातार दबाव के आगे ओमान की शुरुआती प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो गई।
तीसरा क्वार्टर पूरी तरह से भारत के वर्चस्व वाला रहा। भारत ने न सिर्फ पास पर कब्जा किया, बल्कि पेनल्टी कॉर्नर भी बदले, जहां उसे शुरुआत में दिक्कत आ रही थी। पांच मिनट के शानदार दौरान मेजबान टीम ने चार गोल दागे। मनमीत ने अपनी हैट्रिक पूरी की, अर्शदीप ने दो और गोल किए और दिलराज ने भी दो गोल जोड़े। इस पीरियड के अंत तक स्कोर 12-0 हो गया। ओमान की डिफेंस भारत की स्पीड, स्किल और अटैक में संख्या के आगे टिक नहीं पाई।
आखिरी क्वार्टर जीत का जश्न मनाने जैसा था, लेकिन भारत ने रुकने का नाम नहीं लिया। उन्होंने पांच और गोल किए, जिनमें दिलराज की हैट्रिक वाला गोल और तिवारी व लुवांग के गोल शामिल थे। ओमान को एक लेट पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन उससे कुछ हासिल नहीं हुआ। दूसरी ओर भारतीय गोलकीपरों ने एक और क्लीन शीट बनाई और टीम के लगभग परफेक्ट प्रदर्शन को पूरा किया।
यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि एक संदेश था। दो मैचों में 24 गोल करने ने दूसरी प्रतिस्पर्धी टीमों के लिए स्पष्ट संकेत छोड़ा है कि भारत की जूनियर टीम प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है और वह स्टाइल के साथ खेल रही है। मनमीत, अर्शदीप और दिलराज की तिकड़ी ने न सिर्फ व्यक्तिगत प्रतिभा दिखाई, बल्कि गोल के सामने तालमेल और संयम भी प्रदर्शित किया। आठ अलग-अलग खिलाड़ियों के गोल करने से टीम की गहराई और बहुमुखी प्रतिभा का पता चलता है। हेड कोच और टीम प्रबंधन मैच के दौरान पेनल्टी कॉर्नर कन्वर्जन में सुधार से विशेष रूप से संतुष्ट होंगे, जो नॉकआउट हॉकी में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
अब पूल बी के फाइनल के लिए मंच तैयार है। भारत का मंगलवार को स्विट्जरलैंड से मुकाबला होगा, जिसमें शीर्ष स्थान और संभवत: क्वार्टर फाइनल में आसान प्रतिद्वंद्वी हासिल करना दांव पर होगा। स्विट्जरलैंड भी दो जीत के साथ इस मैच में उतरेगा, लेकिन भारत के बेहतर गोल अंतर ने उसे मनोवैज्ञानिक बढ़त दे दी है। हालांकि यूरोपीय टीम संगठित और सक्षम है और उसने इस 17-0 की जीत से सबक लिया होगा। युवा भारतीय टीम के लिए चुनौती इस गति को आत्मसंतुष्टि के बिना आगे बनाए रखने की होगी। एक प्रशंसक ने ऑनलाइन कहा कि यह टीम सिर्फ जीत नहीं रही, बल्कि वह उस तरह की हॉकी खेल रही है जो गर्व का अहसास कराती है। यदि वे स्विट्जरलैंड के खिलाफ इसी तरह खेले, तो न सिर्फ पूल में शीर्ष पर रहेंगे, बल्कि नॉकआउट में टूर्नामेंट की फेवरिट टीमों में से एक के रूप में उतरेंगे।
अंतिम स्कोर: भारत 17-0 ओमान। अगला मैच: भारत बनाम स्विट्जरलैंड, मंगलवार, पूल बी डिसाइडर।






