एडग्बैस्टन में भारत का इतिहास: जीत अभी भी दूर?
इंग्लैंड और भारत के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का दूसरा मुकाबला एडग्बैस्टन में खेला जाएगा। इस मैदान का क्रिकेट इतिहास में बड़ा नाम है, लेकिन भारत के लिए यह जगह शायद उतनी सुखद नहीं रही। अब तक भारत ने यहाँ आठ टेस्ट खेले हैं, और इस सदी में सिर्फ चार। हैडिंग्ली में पांच विकेट से मिली हार के बाद शुभमन गिल और कंपनी की नज़रें बाउंस बैक पर होंगी, लेकिन इतिहास उनके खिलाफ है। भारत ने एडग्बैस्टन में कभी कोई टेस्ट नहीं जीता—सबसे अच्छा नतीजा जुलाई 1986 में मिली ड्रॉ रहा।
2011: वो यादों में दर्द भरी शाम
2011 का दौरा भारत ने विश्व कप जीतने के बाद शुरू किया था, लेकिन एडग्बैस्टन तक पहुँचते-पहुँचते टीम की हालत बिगड़ चुकी थी। पहले दो टेस्ट में 196 और 319 रनों से मिली हार के बाद तीसरे टेस्ट में भारत ने पहली पारी में सिर्फ 224 रन बनाए। एमएस धोनी ने 77 रनों की पारी खेली, लेकिन इंग्लैंड के सामने यह काफी नहीं था। और फिर एलिस्टेयर कुक ने 294 रनों की पारी खेलकर मैच को भारत की पहुँच से बाहर कर दिया। इंग्लैंड ने 710 रन बनाकर डिक्लेयर किया, और भारत दूसरी पारी में फिर धोनी (74*) के दम पर 244 तक पहुँचा। मैच तो हार गया, लेकिन धोनी और माइक एथरटन के बीच पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में हुई बहस आज भी याद की जाती है।
2018: वो करीब आकर भी चूक गई जीत
यह मैच भारत के हाथ से निकल गया, शायद थोड़ी और सूझबूझ दिखाई होती तो नतीजा अलग होता। इंग्लैंड ने पहली पारी में 287 रन बनाए, जिसमें रविचंद्रन अश्विन ने चार विकेट लिए। भारत की बल्लेबाजी धराशायी हो रही थी, लेकिन विराट कोहली ने आखिरी चार विकेट्स के साथ 149 रनों की शानदार पारी खेली। यह पारी उनके करियर की यादगार पारियों में शुमार हो गई। इशांत शर्मा ने पांच विकेट लेकर इंग्लैंड को दूसरी पारी में 180 रनों तक सीमित कर दिया, लेकिन 194 रनों का टारगेट पूरा नहीं कर पाए। कोहली ने 51 रन बनाए, लेकिन बेन स्टोक्स (4/40) के सामने भारतीय बल्लेबाज टिक नहीं पाए।
2022: बाजबॉल का तूफान और भारत की हार
अगर यह मैच 2021 में ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला गया होता, तो शायद भारत सीरीज़ जीत जाता। लेकिन कोविड की वजह से मैच टल गया, और जुलाई 2022 में एडग्बैस्टन में खेला गया। तब तक इंग्लैंड ने जो रूट और क्रिस सिल्वरवुड के दौर की रूढ़िवादी सोच छोड़ दी थी, और बेन स्टोक्स-ब्रेंडन मैकुलम की आक्रामक ‘बाजबॉल’ रणनीति अपना ली थी। भारत ने भी इसके साथ कदम मिलाने की कोशिश की—रिषभ पंत और रविंद्र जडेजा ने शतक जड़कर पहली पारी में 416 रन बनाए। जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी करते हुए एक ओवर में 35 रन बनाकर ब्रायन लारा का रिकॉर्ड तोड़ा। 378 रनों का टारगेट इंग्लैंड के सामने रखा गया, लेकिन जो रूट (142*) और जॉनी बेयरस्टो (114*) ने बेहिसाब हमला करके मैच सात विकेट से जीत लिया।
क्या इस बार बदलेगा इतिहास?
एडग्बैस्टन में भारत का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है, लेकिन क्रिकेट में अतीत से ज्यादा वर्तमान मायने रखता है। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और ध्रुव जुरेल जैसे युवाओं के साथ टीम नई ऊर्जा लेकर उतरी है। लेकिन इंग्लैंड की टीम भी कमजोर नहीं, खासकर घरेलू पिच पर। तो क्या इस बार भारत पहली बार एडग्बैस्टन में जीत दर्ज कर पाएगा? जवाब सिर्फ समय ही देगा।