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भारत ने पेश की नई AI गवर्नेंस गाइडलाइन्स: नवाचार और सुरक्षा के बीच संतुलन का इरादा

नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025: Ministry of Electronics & Information Technology (MeitY) ने देश की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) रणनीति को स्पष्ट दिशा देने के लिए नई “India AI Governance Guidelines” जारी की हैं। यह दस्तावेज़ केवल नियम-नियमन नहीं बल्कि नवाचार, समावेशी विकास और जोखिम प्रबंधन का संतुलित ढांचा पेश करता है।

मुख्य बातें

  • गाइडलाइन्स में सात प्रमुख सिद्धांत–ट्रस्ट, लोगों-प्रथम, नवाचार पर प्रतिबंध से अधिक, निष्पक्षता एवम् समानता, जवाबदेही, डिज़ाइन में समझ-पसंदी और सुरक्षा-सहिष्णुता-स्थिरता तय किए गए हैं।
  • छह स्तंभ–इन्फ्रास्ट्रक्चर, क्षमता-निर्माण, नीति-नियमन, जोखिम-प्रबंधन, संस्थाएँ एवं जवाबदेही-फ्रेमवर्क तैयार किए गए हैं।
  • दस्तावेज़ क़ानूनी रूप से बंधन भरा नहीं है; यह “हाथ में दस्ताना” rather than “बलप्रयुक्त कानून”-मॉडल को प्राथमिकता देता है।
  • इस पहल का उद्देश्य भारत को वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा में आगे रखना और IndiaAI Mission के अंतर्गत देश में AI-इन्फ्रास्ट्रक्चर, डेटा संसाधन व भाषा-मॉडल विकसित करना है।

क्या हुआ

नई गाइडलाइन्स 7 नवंबर 2025 को MeitY द्वारा सार्वजनिक की गई। इनमें विश्वविद्यालयों, स्टार्ट-अप्स तथा सार्वजनिक-निजी भागीदारों के लिए दिशा-निर्देश शामिल हैं कि किस तरह AI मॉडल अथवा सिस्टम को डिजाइन, विकसित और तैनात किया जाए ताकि यह “लोगों के लिए”, सुरक्षित तथा जवाबदेह हो।

दस्तावेज़ मुख्यतः तीन भागों में विभाजित है:

  • भाग 1: सात मूल-सुत्र (principles) – विश्वास, लोगों-प्रथम, नवाचार-प्रमुख इत्यादि।
  • भाग 2: छह-स्तंभों पर आधारित सिफारिशें – जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति-नियमन, जोखिम-प्रबंधन आदि।
  • भाग 3 एवं 4: कार्य-योजना (शॉर्ट-मिड-लॉन्ग-टर्म) व निजी-सेक्टर/नियामक-एजेंसियों हेतु व्यावहारिक मार्गदर्शक।

प्रमुख तथ्य एवं डेटा

  • भारत का अनुमान है कि AI 2035 तक देश की GDP में $1–1.4 ट्रिलियन तक का योगदान कर सकता है, जिसमें उत्पादकता-वृद्धि का हिस्सा $500-600 बिलियन तथा नवाचार $280-475 बिलियन तक हो सकता है।
  • IndiaAI मिशन के अंतर्गत 38,000+ GPU नेटवर्क स्थापित करने और 12 कंपनियों द्वारा भारत-विशिष्ट भाषा-मॉडल विकसित करने की योजना है।
  • गाइडलाइन्स ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में भारत में विशेष AI-कानून नहीं लाया गया है; मौजूदा कानूनों जैसे Information Technology Act, 2000 एवं अन्य प्रावधानों के माध्यम से नियंत्रित होगा।

बयान एवं प्रतिक्रियाएँ

MeitY के सचिव ने कहा है: “हमारा फोकस यह सुनिश्चित करना है कि AI मानव-केन्द्रित हो, लोगों के जीवन में सुधार लाए और संभावित हानि-जोखिम को कम करे।” वैश्विक-प्रमुख सलाहकार ने टिप्पणी की है कि यह दिशा-दर्शक दस्तावेज़ “नियमों-का बोझ नहीं बल्कि नवाचार-का माहौल तैयार करता है”।

ऑपिनियन-प्लेटफॉर्म ने इस कदम को सराहा है, लेकिन साथ ही यह सवाल उठाया है कि जब तक ये गाइडलाइन्स बंधन­कारी (legally binding) नहीं होंगी, तब तक व्यावहारिक नियंत्रण की कमी बनी रहेगी।

वर्तमान स्थिति और आगे क्या होगा

इन गाइडलाइन्स अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो गई हैं और उद्योग, शोध-संस्थान तथा नियामक एजेंसियाँ इन पर प्रतिक्रिया दे रही हैं। अगले चरण में MeitY द्वारा एक AI गवर्नेंस समूह की स्थापना की जाएगी जो इन सिद्धांतों के आधार पर कार्यान्वयन-मेक्सानिज्म विकसित करेगा। यदि स्वयंअनुशासन (voluntary compliance) पर्याप्त नहीं हुआ, तो भविष्य में विशेष AI-कानून की संभावना बनी हुई है।

संदर्भ / पृष्ठभूमि

भारत में AI तकनीक तेजी से विकास की ओर है और देश डेटा-इन्फ्रास्ट्रक्चर, भौतिक संसाधन तथा भाषाई विविधता को अवसर के तौर पर देख रहा है।

यदि AI/जनरेटिव मॉडल अनियंत्रित छोड़ दिए गए, तो गुमराह करने वाला कंटेंट, डीपफेक्स, भेदभावपूर्ण एल्गोरिदम आदि जोखिम पैदा कर सकते हैं।

इसलिए यह गाइडलाइन्स सिर्फ टेक्स्ट-फॉर्मलिटी नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम हैं जिससे भारत वैश्विक स्तर पर AI के सुरक्षित व समावेशी उपयोग में नेतृत्व कर सके।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।