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गौतम गंभीर और ओवल मैदारी के बीच विवाद पर मैथ्यू हेडन और दिलीप वेंगसरकर की प्रतिक्रिया

ओवल में गांबीर और मैदान कर्मचारी के बीच तनाव

भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और इंग्लैंड के ओवल मैदान के चीफ क्यूरेटर ली फोर्टिस के बीच पांचवें टेस्ट से पहले एक तनावपूर्ण मुठभेड़ हुई। यह घटना नेट सत्र के दौरान हुई, जिसे कैमरे में कैद किया गया और बाद में वायरल हो गया। इस पर कई विशेषज्ञों ने अपनी राय दी कि इसमें कौन सही था और कौन गलत। अब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसके बाद भारत के पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने भी जवाब दिया।

हेडन का दृष्टिकोण: “इंग्लैंड में आम बात है”

हेडन ने ‘ऑल ओवर बार द क्रिकेट’ पॉडकास्ट में कहा, “यह इंग्लैंड में एक आम बात है। यहां एक तरह का दबदबा दिखाने की कोशिश होती है। फाइनल टेस्ट मैच है, यह उनका मैदान है, और वे गौतम गंभीर पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि गंभीर को इस पर प्रतिक्रिया देने का पूरा हक था। हां, शायद वे थोड़ा बेहतर भाषा का इस्तेमाल कर सकते थे। लेकिन असली बात यह है कि उनकी टीम सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट मैच से पहले प्रैक्टिस करने की कोशिश कर रही थी।”

उनकी यह टिप्पणी सुनने के बाद वेंगसरकर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी, हालांकि अभी तक उनके बयान का पूरा विवरण सामने नहीं आया है।

क्या हुआ था ओवल में?

घटना तब हुई जब गंभीर ने मैदान की तैयारी को लेकर आपत्ति जताई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह नेट प्रैक्टिस के लिए पिच की स्थिति से खुश नहीं थे। इस पर उनका फोर्टिस के साथ तीखा विवाद हो गया। कुछ लोगों का मानना है कि गंभीर ने जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया दे दी, जबकि कुछ का कहना है कि कोच का मैदान की तैयारी पर सवाल उठाना जायज था।

फोर्टिस ने बाद में कहा कि उन्होंने मानक प्रक्रिया का पालन किया था और टीम इंडिया के साथ कोई पक्षपात नहीं किया गया। लेकिन गंभीर की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि वह टीम के लिए बेहतर प्रैक्टिस सुविधाओं की मांग कर रहे थे।

विशेषज्ञों की राय अलग-अलग

इस मामले पर क्रिकेट जगत के लोगों की राय बंटी हुई है। कुछ का कहना है कि मेजबान देश के मैदान कर्मचारियों को टीम की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए, खासकर जब कोई बड़ा मैच हो। वहीं, दूसरे लोग मानते हैं कि कोच को भी शालीनता बनाए रखनी चाहिए थी।

एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की, ने कहा, “यह कोई नई बात नहीं है। इंग्लैंड में अक्सर मेजबान टीम की तरफ से थोड़ा दबाव बनाया जाता है। लेकिन गंभीर ने जिस तरह से बात की, वह शायद जरूरत से ज्यादा आक्रामक लग सकता है।”

क्या यह टीम इंडिया के लिए मायने रखता है?

अगर देखा जाए, तो यह घटना शायद टीम के प्रदर्शन पर कोई बड़ा असर नहीं डालेगी। लेकिन यह जरूर दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छोटी-छोटी बातों को लेकर भी तनाव पैदा हो जाता है। गंभीर, जो अपने सीधे और आक्रामक रवैये के लिए जाने जाते हैं, शायद इस बार भी वही कर रहे थे जो उन्हें सही लगा।

लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह की बहसों का कोई फायदा है? कुछ लोग मानते हैं कि टीम को सिर्फ मैदान पर ध्यान देना चाहिए, बजाय इसके कि बाहरी मसलों में उलझा जाए। वहीं, दूसरों का मानना है कि कोच का काम सिर्फ टीम को ट्रेन करना नहीं, बल्कि उनकी जरूरतों के लिए आवाज उठाना भी है।

आगे क्या होगा?

अभी तक बीसीसीआई या इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हो सकता है कि यह मामला यहीं खत्म हो जाए। लेकिन एक बात साफ है – अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह तनाव नया नहीं है, और शायद आखिरी भी नहीं होगा।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।