भारतीय क्रिकेट टीम के वनडे कप्तान रोहित शर्मा इस सप्ताह बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) में प्री-सीज़न फिटनेस टेस्ट से गुजरने वाले सात खिलाड़ियों में शामिल होंगे। रोहित अब सिर्फ एक ही फॉर्मेट खेलते हैं, और मई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यह उनकी पहली फिटनेस टेस्ट होगी।
कौन-कौन शामिल होगा?
रोहित के अलावा, टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, वाशिंगटन सुंदर, यशस्वी जायसवाल, मोहम्मद सिराज और शार्दूल ठाकुर भी यो-यो टेस्ट में शामिल होंगे। इसके साथ ही, हड्डियों की घनत्व जांचने वाला डेक्सा स्कैन और ब्लड टेस्ट भी किए जाएंगे।
विराट कोहली पर सवाल
लेकिन एक बड़ा सवाल विराट कोहली को लेकर बना हुआ है। रोहित की तरह कोहली ने भी टी20ई और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, मगर अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वे अपना फिटनेस टेस्ट कब देंगे। शायद वे अभी कुछ और समय ले रहे हैं, या फिर उनकी योजना अलग है।
बीसीसीआई का नियम है जरूरी
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया, “सभी खिलाड़ियों के लिए प्री-सीज़न फिटनेस टेस्ट से गुजरना अनिवार्य है, यह अनुबंध का हिस्सा है। इन टेस्टों से COE को पता चलता है कि खिलाड़ियों को किन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है। इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद लंबे ब्रेक के कारण, खिलाड़ियों को घर पर ही कसरत के निर्देश दिए गए थे।”
कुछ खिलाड़ी पहले ही दे चुके हैं टेस्ट
टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव पहले ही फिटनेस टेस्ट दे चुके हैं। ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और स्पिनर कुलदीप यादव भी टेस्ट पूरा कर चुके हैं। इससे लगता है कि टीम प्रबंधन चाहता है कि सीनियर खिलाड़ी भी फिटनेस को गंभीरता से लें।
रोहित की तैयारी जोरों पर
रोहित ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें वे टीम के पूर्व सहायक कोच अभिषेक नायर के साथ जिम में दिखे। नायर ने इसे रीपोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, “चलो शुरू करते हैं”। खबरों के मुताबिक, रोहित इंग्लैंड से लौटने के बाद से लगातार नायर के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं। शायद वे ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले अपनी फिटनेस को पूरी तरह दुरुस्त करना चाहते हैं।
आगे क्या है?
भारत की अगली वनडे सीरीज अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। रोहित और कोहली, दोनों के लिए अगला बड़ा लक्ष्य अगला 50-ओवर विश्व कप हो सकता है, जो अभी दो साल दूर है। लेकिन उसके लिए अभी से तैयारी जरूरी है।
फिटनेस टेस्ट का महत्व
टीम के पूर्व स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई ने इन टेस्टों के महत्व के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, “हम यो-यो, स्प्रिंट, पावर, डेक्सा जैसे टेस्ट्स को अपने आकलन का हिस्सा मानते हैं। इससे हमें खिलाड़ी की स्थिति का अंदाजा होता है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसे बेंचमार्क्स तय करें जो चुनौतीपूर्ण हों, लेकिन हासिल भी किए जा सकें।”
मौजूदा कोच एड्रियन ले रू ने रग्बी से प्रेरित ब्रोंको टेस्ट शुरू करने की सिफारिश की है। बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक, इसे सीज़न में बाद में शामिल किया जा सकता है। हो सकता है कि यह नया टेस्ट खिलाड़ियों के लिए एक तरह की नई चुनौती लेकर आए।
कुल मिलाकर, बीसीसीआई टीम की फिटनेस को लेकर गंभीर दिख रही है। खिलाड़ी भी लंबे ब्रेक के बाद फिर से रूटीन में शामिल हो रहे हैं। अब देखना यह है कि टेस्ट के नतीजे क्या कहते हैं और आने वाले दौरे के लिए टीम कितनी तैयार हो पाती है।