फिल्मों के बढ़ते बजट में ‘एंटूरेज’ का बोझ
पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड फिल्मों के बजट आसमान छू रहे हैं। लेकिन इसकी एक बड़ी वजह सिर्फ सेट्स या वीएफएक्स नहीं, बल्कि सितारों के बढ़ते एंटूरेज को माना जा रहा है। कई निर्माता शिकायत करते हैं कि अब एक्टर्स अपने साथ स्पॉटबॉय, हेयर-मेकअप टीम, ड्राइवर, यहाँ तक कि निजी शेफ और ट्रेनर्स तक लेकर आते हैं – और इन सबका खर्च प्रोडक्शन हाउस को उठाना पड़ता है।
जैकी श्रॉफ का स्पष्ट स्टैंड
इस बहस में अब वयोवृद्ध अभिनेता जैकी श्रॉफ ने अपनी राय रखी है। चार दशक से ज्यादा समय से इंडस्ट्री में सक्रिय श्रॉफ का कहना है कि हर स्टार की अपनी मांगें होती हैं, लेकिन इन्हें कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय ही साफ कर देना चाहिए। विक्की लालवानी से बातचीत में उन्होंने कहा, *”मेरे साथ आमतौर पर सिर्फ एक स्पॉटबॉय होता है। लेकिन हर कलाकार की अपनी जरूरतें हैं। प्रोडक्शन हाउस से पहले ही बात कर लें कि आपके स्टाफ में कितने लोग हैं।”*
‘खर्चों को शेयर करने की जरूरत’
श्रॉफ ने आगे समझाया कि आजकल आर्टिस्ट्स की आदतें बदल गई हैं। *”शायद उनके साथ खाना बनाने वाला भी होता है। एंटूरेज बड़ा हो गया है। लेकिन प्रोड्यूसर से पहले ही तय कर लेना चाहिए कि वे अपने एंटूरेज का कितना खर्च उठाएंगे और प्रोडक्शन कितना। यह कॉम्बिनेशन होना चाहिए।”*
उनका सुझाव है कि यह एक शेयर्ड कॉस्ट मॉडल हो सकता है, लेकिन यह सबकी क्षमता पर निर्भर करता है। *”अगर कोई बहुत महंगी फिल्म बना रहा है, जिसमें चार आर्टिस्ट हैं और उनके साथ 12 लोगों का एंटूरेज है, तो शायद मैं प्रोड्यूसर के तौर पर बर्दाश्त कर सकूँ। लेकिन जिनके पास इतना बजट नहीं, उन्हें आर्टिस्ट से कॉस्ट कम करने को कहना चाहिए।”*
‘साइन करने के बाद शिकायत नहीं’
श्रॉफ ने प्रोड्यूसर्स को सीधा संदेश देते हुए कहा, *”अगर आपको लगता है कि आप एंटूरेज का खर्च नहीं उठा सकते, तो आर्टिस्ट को साइन ही न करें! खुशी से साइन किया है, एंटूरेज के बारे में जानते थे, तो बाद में रोते क्यों हो? इतना कमा रहे हो…”* उनकी बातों में साफ झलक रहा था कि वे प्रोडक्शन हाउसेस को भी जिम्मेदारी लेने की सलाह दे रहे हैं।
हिट फिल्मों के बाद टेक्नीशियन्स की मांगें
पिछले महीने मशहूर हेयर स्टाइलिस्ट आलिम हकीम ने एक और चौंकाने वाली प्रथा का खुलासा किया था। उनके मुताबिक, कई टेक्नीशियन स्टार्स की हिट फिल्म के बाद प्रोड्यूसर्स पर दबाव बनाते हैं। *”फिल्म सुपरहिट हो गई तो वे अपनी फीस तीन गुना कर देते हैं। जबकि फिल्म हिट एक्टर के परफॉर्मेंस और डायरेक्टर की वजह से हुई। हेयर स्टाइलिस्ट ने तो बस बाल काटे थे।”*
इंडस्ट्री को नए नियमों की जरूरत?
यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या बॉलीवुड को एंटूरेज और टेक्नीशियन फीस को लेकर नए नियम बनाने चाहिए? श्रॉफ के अनुभव के मुताबिक, पहले के मुकाबले अब स्थितियाँ बदल गई हैं। शायद यही वजह है कि छोटे-मध्यम बजट की फिल्में बनाने वाले प्रोड्यूसर्स अक्सर नए चेहरों को तरजीह देने लगे हैं।
लेकिन दूसरी ओर, बड़े सितारों के बिना बड़े प्रोजेक्ट्स रिस्की हो जाते हैं। ऐसे में यह संतुलन बनाना आसान नहीं। जैकी श्रॉफ का सुझाव शायद सबसे प्रैक्टिकल लगता है – सब कुछ कॉन्ट्रैक्ट में क्लीयर कर लिया जाए, तो बाद में विवादों से बचा जा सकता है।